क्या बाउंड्री पर केवल 4 फील्डर होने से हारा भारत: क्या है स्लो ओवर रेट नियम, जो पहले पाकिस्तान और अब भारत पर पड़ा भारी
24 मिनट पहलेलेखक: अभिषेक पाण्डेय
‘पांच फील्डर्स आ गए भाई!’
खुशी में चीखते ये शब्द हैं पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम के। आजम ने ये शब्द भारत के खिलाफ एशिया कप सुपर-4 के मैच के दौरान तब कहे जब पाकिस्तान को जीत के लिए 6 गेंदों में 7 रन चाहिए थे। आखिर में पाकिस्तान ने 1 गेंद बाकी रहते ही मैच 5 विकेट से जीत लिया।
बाबर आजम आखिरी ओवर में पांच फील्डर्स की बात पर इतना क्यों खुश हो रहे थे? दरअसल, स्लो ओवर रेट की वजह से भारतीय टीम को पेनल्टी के रूप में 30 यार्ड के घेरे के अंदर 5 फील्डर्स रखने पड़े, यानी बाउंड्री पर 4 ही फील्डर रह गए।
इसके पहले इसी एशिया कप में हुई पिछली भिड़ंत में भी भारत-पाकिस्तान दोनों ही टीमों को ओवर रेट की वजह से आखिरी 3 ओवरों में ये पेनल्टी झेलनी पड़ी थी, जिसका असर मैच के नतीजे पर भी पड़ा।
इस एक्सप्लेनर में जानते हैं कि आखिर क्या है स्लो ओवर रेट का नियम? कैसे इसने पहले पाकिस्तान और फिर भारत की बढ़ाई टेंशन? श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश को भी भारी पड़ा नियम?
स्लो ओवर रेट का नियम पड़ा टीम इंडिया पर भारी?
एशिया कप के 4 सितंबर को खेले गए सुपर-4 के मैच में भारत ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 181 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। 182 रन के टारगेट का पाकिस्तान ने बखूबी पीछा किया। आखिरी ओवर में उसे जीत के लिए 7 रन चाहिए थे।
इस ओवर की शुरुआत से पहले टीम इंडिया पर तय समय पर अपने कोटे के 20 ओवर न पूरा करने यानी स्लो ओवर रेट की वजह से पेनल्टी लगी। स्लो ओवर रेट के नियम की वजह से भारतीय टीम को 30 यार्ड के घेरे के अंदर एक अतिरिक्त फील्डर रखना पड़ा। इससे वह बाउंड्री लाइन पर 5 की जगह केवल 4 ही फील्डर ही तैनात कर पाई।
आखिरी ओवर अर्शदीप सिंह ने फेंका। इस ओवर से पहले फील्डिंग लगाने को लेकर कप्तान रोहित शर्मा और केएल राहुल के बीच लंबी चर्चा हुई थी।
एशिया कप सुपर-4 मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 20वें ओवर में बाउंड्री पर एक फील्डर कम होने से रोहित शर्मा और अर्शदीप सिंह ने फील्डिंग तैनाती को लेकर लंबी चर्चा की थी।
स्लो ओवर रेट नियम की वजह से बाउंड्री पर एक फील्डर कम होने से उनके लिए फील्डिंग सजाना आसान नहीं रह गया था। आखिरी ओवर की दूसरी गेंद पर आसिफ अली ने चौका जड़ दिया। पांचवीं गेंद पर इफ्तिकार अहमद ने पाकिस्तान को 5 विकेट से जीत दिला दी। हाई-वोल्टेज मैच में आखिरी ओवर में बाउंड्री पर एक फील्डर का कम होना टीम इंडिया को कहीं न कहीं भारी पड़ा।
20वें ओवर में भारत को बाउंड्री पर 4 फील्डर ही रखना था। ऐसे में आसिफ अली (बाएं) ने ओवर की दूसरी गेंद पर चौका जड़कर पाकिस्तान का काम आसान कर दिया था।
इस एशिया कप में ओवर रेट की वजह से ये पहली बार नहीं हुआ था। एक हफ्ते पहले भी भारत-पाकिस्तान के बीच हुई भिड़ंत में ओवर रेट नियम पाकिस्तान पर भारी पड़ा था और भारत ने रोमांचक मुकाबले में मैच जीत लिया था।
मोहम्मद रिजवान की 55 गेंदों में 71 और मोहम्मद नवाज की 22 गेंदों में 42 रन की पारियों ने पाकिस्तान की 5 विकेट से जीत में अहम योगदान दिया।
आखिरी ओवर में बाउंड्री पर 4 ही फील्डर्स रहना पाकिस्तान के लिए कितना जरूरी था, इसका अंदाजा कप्तान बाबर आजम के जश्न के वीडियो से होता है:
एशिया कप में पाकिस्तान को भी भारी पड़ा था स्लो ओवर रेट
28 अगस्त को खेले गए एशिया कप के ग्रुप मैच में ओवर रेट के नियम ने भारत-पाकिस्तान दोनों को परेशान किया था, लेकिन ये नियम पाकिस्तान पर ज्यादा भारी पड़ा था।
इस मैच में भारत-पाकिस्तान दोनों को स्लो ओवर रेट की वजह से पारी के आखिरी तीन ओवरों में एक अतिरिक्त फील्डर को 30 यार्ड सर्कल के अंदर रखना पड़ा था।
स्लो ओवर रेट की पेनल्टी की वजह से आखिरी तीन ओवरों में बाउंड्री पर 5 के बजाय 4 ही फील्डर तैनात करने से पाकिस्तानी लोअर ऑर्डर ने 33 रन बटोरते हुए स्कोर 114/6 से 147 तक पहुंचा दिया था।
भारतीय पारी के दौरान पाकिस्तान भी ओवर रेट नियम की वजह से आखिरी 3 ओवर में बाउंड्री पर 4 ही फील्डर रख पाया। इससे उसे काफी नुकसान हुआ और रवींद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या ने आखिरी 3 ओवरों में 6 बाउंड्री समेत 32 रन बटोर लिए। भारत ने ये मैच 2 गेंद बाकी रहते ही 5 विकेट से जीत लिया था।
28 सितंबर को हुए मैच में पाकिस्तान आखिरी 3 ओवरों में स्लो ओवर रेट की वजह से बाउंड्री पर 4 ही फील्डर तैनात कर पाया। इन 3 ओवरों में रवींद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या ने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए मैच पाकिस्तान से छीन लिया था।
श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश को भी पड़ा था भारी
1 सितंबर को खेले गए मैच में बांग्लादेश ने 20 ओवरों में 183 रन बनाए। श्रीलंका ने जोरदार अंदाज में लक्ष्य का पीछा किया। आखिरी ओवर में श्रीलंका को 8 रन चाहिए थे। स्लो ओवर रेट पेनल्टी की वजह से बांग्लादेश आखिरी ओवर में बाउंड्री पर एक फील्डर कम यानी 4 ही फील्डर रख पाया।
इसका फायदा कहीं न कहीं श्रीलंका को ही हुआ और उसने 20वें ओवर की पहली दो गेंदों पर ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
आखिर क्या है स्लो ओवर रेट का नियम?
ICC इंटरनेशनल T20 में स्लो ओवर रेट के लिए एक नया नियम लेकर आई है, जो जनवरी 2022 में लागू हुआ था।
- खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के लिए पहले ही बने ICC कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.22 में स्लो ओवर रेट के लिए पेनल्टी का जिक्र है। इस नियम के अलावा अब स्लो ओवर रेट का नया नियम लाया गया है।
- ICC के प्लेइंग कंडीशंस के क्लॉज 13.8 के मुताबिक, तय समय में अपने 20 ओवर पूरा न करने वाली टीम तय समय के बाद जितने ओवर फेंकती है, उसमें 30 यार्ड सर्कल के बाहर केवल 4 फील्डर तैनात करने की अनुमति मिलती है।
- T20 में आमतौर पर पारी के पहले 6 ओवर यानी पावरप्ले के बाद टीम 30 यार्ड के सर्कल के बाहर 5 फील्डर तैनात कर सकती है। ज्यादातर टीमें 30 यार्ड के सर्कल के बाहर तैनात पांचों फील्डर बाउंड्री पर रखती हैं।
- नए नियम के अनुसार, जब टीमें तय समय में अपने कोटा के 20 ओवर पूरा नहीं कर पातीं, तो उन पर स्लो ओवर रेट की वजह से पेनल्टी लगती है। इसमें उन्हें 30 यार्ड सर्कल के बाहर एक फील्डर कम यानी 4 ही फील्डर तैनात करने की अनुमति मिलती है।
- इस नियम के अनुसार T20 में किसी भी टीम को पारी के पूरे 20 ओवरों को 85 मिनट में फेंक देना चाहिए। यानी करीब 4.15 मिनट में एक ओवर।
- टीमों को ये नियम खास तौर पर डेथ ओवरों में बहुत भारी पड़ता है। इससे वे बाउंड्री पर 5 की जगह केवल 4 ही फील्डर रख पाती हैं।
- इंग्लैंड के घरेलू T20 टूर्नामेंट द हंड्रेड में इस नियम के असर से प्रेरित होकर जनवरी 2022 में ICC ने इसे इंटरनेशनल T20 में लागू किया था।
- एशिया कप 2022 में इस नियम का काफी असर नजर आया है। खास तौर पर भारत-पाकिस्तान के दो मैच और श्रीलंका-बांग्लादेश मैच के नतीजों पर भी इस नियम ने काफी असर डाला।
स्लो ओवर रेट नियम का असर एशिया कप में बांग्लादेश-श्रीलंका मैच पर भी दिखा। जहां रोमांचक मैच में श्रीलंका ने 2 विकेट से जीत हासिल की।
कब टीमों को मिलती है स्लो ओवर रेट पेनल्टी से छूट?
मैच के दौरान खिलाड़ी के इलाज में लगने वाले समय को बॉलिंग के समय में नहीं जोड़ा जाता है। साथ ही इंजर्ड खिलाड़ी के रिप्लेसमेंट, DRS रिव्यू, थर्ड अंपायर रेफरल के साथ ही ऐसी चीजें जो अंपायरों के अनुसार फील्डिंग टीम के नियंत्रण में नहीं होती हैं, उनको गेंदबाजी में लगने वाले समय में नहीं जोड़ा जाता है।
ICC क्यों लाया ये नियम?
चाहे फैंस हो या ब्रॉडकास्टर T20 खेल का असली मजा ही उसकी तेजी में है। इसी वजह से स्लो ओवर रेट के लिए पेनल्टी का नियम लाया गया है। दरअसल, कई बार फील्डिंग टीम फायदा लेने के लिए अच्छी बैटिंग कर रहे बल्लेबाज का ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर गेंदबाजी में ज्यादा समय लेने लगती है। स्लो ओवर रेट की पेनल्टी से टीमों की ऐसी कोशिशों पर भी रोक लगती है।
अगर बल्लेबाज जानबूझकर टाइम खराब करे तो क्या होता है?
ICC के नियम के मुताबिक, T20 मैच में अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर समय खराब करता है, तो इसकी पेनल्टी जब ये टीम गेंदबाजी करने आती है, तब लगती है।
यानी बैंटिंग के दौरान जितना समय खराब किया गया, उतने समय के लिए स्लो ओवर पेनल्टी गेंदबाजी के दौरान लगती है।
इस नियम में एक कमी है। इसमें ये नहीं बताया गया है कि अगर टीम लक्ष्य का पीछा कर रही हो और तब बल्लेबाज टाइम खराब करे, तो क्या सजा मिलेगी?
बॉलिंग के दौरान टीमें कैसे रखती हैं स्लो ओवर रेट पर नजर?
अंपायर को फील्डिंग कप्तान और बल्लेबाजों को ये बताना होता है कि किस निर्धारित समय तक पारी खत्म हो जानी चाहिए। ICC के नियम के मुताबिक, फील्डिंग टीम का वर्तमान ओवर रेट हर 30 मिनट में थर्ड अंपायर की सलाह पर स्कोर बोर्ड या ग्राउंड की रिप्ले स्क्रीन पर दिखाया जाता है।
आपने खबर पढ़ ली है, तो चलिए एक पोल में हिस्सा लेते हैं:
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