Quick News Bit

एक्सपोर्ट पर बुलिश शुगर इंडस्ट्री: चीनी मिलों ने किए हैं 70 लाख टन के सौदे, 60 लाख टन के निर्यात के लिए थी सब्सिडी

0
  • Hindi News
  • Business
  • Sugar Mills Have Done 70 Lakh Tonnes Of Deals, There Was Subsidy For Export Of 60 Lakh Tonnes

2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
  • हुई रिकॉर्ड 91,000 करोड़ रुपए के गन्ने की खरीदारी
  • 60 लाख टन से ज्यादा चीनी का उठान मिलों से हुआ
  • विदेश भेजी जा चुकी है 55 लाख टन से ज्यादा चीनी

सरकार 2020-21 के मौजूदा शुगर सीजन (अक्टूबर से सितंबर) में 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए 6,000 रुपए प्रति टन की सहायता दे रही है। लेकिन चीनी मिलों ने इस सीजन में लगभग 70 लाख टन के निर्यात के सौदे किए हैं, जिसमें से 60 लाख टन से ज्यादा चीनी का उठान 16 अगस्त तक मिलों से हो चुका था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसमें से 55 लाख टन से ज्यादा चीनी विदेश भेजी जा चुकी थी। पिछले तीन महीनों में विदेशी बाजार में चीनी काफी महंगी हुई है और वहां भारतीय चीनी की मांग ज्यादा है।

एग्री इकोनॉमी को सपोर्ट के लिए निर्यात को बढ़ावा

सरकार एग्री इकोनॉमी को सपोर्ट देने के मकसद से चीनी मिलों को ज्यादा निर्यात के लिए बढ़ावा देने का कदम उठा रही है। वह मिलों को इसके अलावा एथनॉल के लिए ज्यादा चीनी के डायवर्जन को बढ़ावा दे रही ताकि किसानों के बकाए का भुगतान समय पर होने लगे। दोनों काम के लिए सरकार चीनी मिलों को वित्तीय सहायता दे रही है। सरकार ने बताया कि चीनी मिलों ने इस शुगर सीजन में रिकॉर्ड 91,000 करोड़ रुपए के गन्ने की खरीदारी की है।

पिछले तीन शुगर सीजन से लगातार बढ़ रहा है निर्यात

उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, पिछले तीन शुगर सीजन से चीनी का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। शुगर सीजन 2017-18 में 6.2 लाख टन, 2018-19 में 38 लाख टन और 2019-20 में लगभग 59.60 टन चीनी का निर्यात किया गया था। शुगर सीजन 2020-21 में चीनी के निर्यात के लिए 70 लाख टन के सौदे हुए हैं। बड़ी बात यह है कि कुछ चीनी मिलों ने मौजूदा शुगर सीजन के लिए फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट भी कर लिए हैं।

ग्रीन फ्यूल को सपोर्ट, विदेशी मुद्रा की बचत, किसानों का फायदा

सरकार का कहना है कि चीनी के निर्यात से देश में कीमत के साथ ही मांग और आपूर्ति में भी संतुलन बनाए रखने में मदद मिली है। पिछले कुछ साल से चीनी का उत्पादन खपत से ज्यादा हो रही है, इसलिए सरकार स्थायी समाधान के रूप में चीनी मिलों को अतिरिक्त गन्ना एथनॉल प्रॉडक्शन में डायवर्ट करने के लिए बढ़ावा दे रही है। इससे तीनतरफा फायदा हो रहा है- ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा मिल रहा है, क्रूड इंपोर्ट कम होने से विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है, चीनी मिलों को गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिल रही है।

एथनॉल के लिए डायवर्जन और एक्सपोर्ट पर इंसेटिव

सरकार ने चीनी मिलों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि ग्लोबल मार्केट में चीनी की कमी और दाम में तेजी का फायदा उठाने पर फोकस करें। शुगर सीजन 2021-22 शुरू होते ही एक्सपोर्ट के लिए कच्ची चीनी के उत्पादन की योजना बना लें और फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट कर लें। चीनी का निर्यात और एथनॉल के लिए उसका डायवर्जन करनेवाली मिलों को हर महीने घरेलू बाजार में बेचने के लिए ज्यादा कोटे का इंसेटिव दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि 2024-25 तक देश में पर्याप्त एथनॉल डिस्टिलेशन कैपेसिटी हो जाएगी। ऐसे में अगले दो तीन साल तक चीनी का निर्यात ऊंचे स्तरों पर बना रह सकता है।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Business News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment