इंडिया-स्कॉटलैंड मैच के 10 रोमांचक पल: 6 मैच बाद कोहली ने टॉस जीता, जडेजा-शमी की करियर की बेस्ट बॉलिंग, राहुल ने फिफ्टी ठोंकी
6 मिनट पहले
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आखिकार टीम इंडिया ने वो करके दिखाया जिसकी जरूरत थी। टी-20 में अगर किसी तरह की उम्मीद बचानी थी तो स्कॉटलैंड को सिर्फ हराना नहीं था, ऐसे हराना था कि ग्रुप 2 में दूसरे और तीसरे नंबर पर काबिज न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान से रन रेट बेहतर हो जाए।
टीम इंडिया ने इस मैच को ऐसे जीता कि सिर्फ न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान नहीं, टॉप पर बैठी पाकिस्तान से भी भारत का रन रेट बेहतर हो गया। आइए उस मैच की सबसे रोमांचक 10 तस्वीरों से गुजरते हैं जिसे टीम इंडिया के बैटर्स ने सिर्फ 39 गेंद में खत्म कर दिया।
मैच खत्म होने के बाद विराट कोहली ने कहा कि जब हमने तीन मैच बाद टॉस जीता तब जाकर हमें पता चला कि दूसरी पारी में बैटिंग करना कितना आसान है। असल में इस टी-20 में कोहली ने 3 मैच बाद टॉस जीता। इससे पहले भी वो लगातार 3 बार टॉस हार चुके थे। यानी उन्होंने छह मैच बाद टॉस जीता था।
टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार जब टीम इंडिया बॉलिंग करने उतरी तो विराट कोहली ने पांचवें ओवर में पिछले मैच में सबसे अच्छी बॉलिंग करने वाले आर अश्विन को बॉल थमाई। वो किसी हाल में विकेट चाहते थे। लेकिन हुआ ये कि इस ओवर में स्कॉटिश बल्लेबाजी मन्सी ने तीन लगातार चौके जड़ दिए।
हालांकि इसके बाद भी अश्विन ने 4 ओवर में 29 रन देकर एक विकेट भी लिया। उनके खाते में एक विकेट और जुड़ जाता लेकिन ऋषभ पंत ने स्टंपिंग छोड़ दी।
अश्विन को इस तरह से चौका खाते देख भारतीय दर्शकों को फिर से निराशा होती लेकिन जसप्रीत बुमराह ने बचा लिया। बुमराह ने अगला ओवर मेडन डाला। उसमें एक विकेट भी लिया। उन्होंने 3.4 ओवर बॉलिंग की। इसमें सिर्फ 10 रन दिए और 2 विकेट भी चटकाए।
बुमराह को आज साथी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी से भरपूर सपोर्ट मिला। शमी ने अपने करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए 3 ओवर में 15 रन देकर 3 विकेट लिए। इसमें एक मेडन ओवर भी था। मजेदार बात ये था कि शमी के तीसरे ओवर में 3 गेंद पर लगातार 3 विकेट गिरे। हालांकि इसमें एक रन आउट था। वरना शमी एक बार फिर से वर्ल्ड कप में हैट्रिक ले लेते। अब तक सिर्फ दो ही भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने वर्ल्ड कप में हैट्रिक लिए हैं। पहले चेतन शर्मा और दूसरे खुद शमी।
पहली पारी खत्म हुई तो स्कॉटलैंड स्कोर बोर्ड पर 85 रन लगा पाया था। ड्रेसिंग रूम में तुरंत डिस्कशन शुरू हो गई कि कितने गेंद में इसे बना लें ताकि रन रेट में न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान से आगे निकल जाएं। बैटिंग कोच विक्रम राठौर एक पर्ची बना कर लाए। धोनी और शास्त्री से अप्रूव कराया और बताया कि अगर भारत ये स्कोर 43 गेंद में पा लेता है तो उसका रन रेट सुधर जाएगा।
हिसाब-किताब लगाकर बैटिंग करने उतरे केएल राहुल ने 18 गेंद में फिफ्टी लगा दी तो उनकी गर्लफ्रेंड अथिया शेट्टी खुशी के मारे उछल पड़ी। राहुल ने 6 चौके और 3 छक्के जड़े।
पहले मैच में फ्लॉप रहे और दूसरे मैच में ओपनिंग से हटा दिए गए रोहित शर्मा ने एक बार फिर साबित किया कि वो कितनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर सकते हैं। उन्होंने 16 गेंद में 30 रन की पारी खेली। उन्होंने 5 चौके और 1 छक्का लगाया।
भारत ने 6 ओवर में ही 81 रन बना लिया था। उसे 7.1 ओवर में 86 रन बनाना था। ताकि रन रेट के मामले में वो आगे निकल जाए। स्ट्राइक एंड पर विराट कोहली थे। वो एक रन लेकर दूसरे छोर पर चले गए। अब ओवर की 5 गेंदें बाकी थीं और सूर्य कुमार यादव को कम से कम 3 रन बनाकर इसी ओवर में मैच खत्म करने दबाव था। दबाव में पहली गेंद उनसे लगी ही नहीं। लेकिन अगली गेंद को उन्होंने स्ट्रेट छक्का लगाकर खेल खत्म कर दिया।
इन सारे तुरुप के इक्को के बीच जो मोहरा सबसे सटीक बैठा वो थे रवींद्र जडेजा। वो मैन ऑफ द मैच भी बने। उन्होंने 4 ओवर बॉलिंग की और 15 रन देकर 3 विकट लिए। ये उनके करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस है।
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