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- Brij Bhushan Sharan Case; Vinesh Phogat, Sakshi Malik, Bajrang Punia, Sonam Malik, IOA, Sports Ministry| WFI Controversy
पानीपत7 मिनट पहले
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भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और रेसलर्स के बीच विवाद में आखिरकार ओवरसाइट कमेटी की जांच पूरी हो गई। 1 महीने से भी कम वक्त में जांच कर रिपोर्ट देने की वायदा करने वाली जांच कमेटियों को किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में 56 दिन लग गए। आज जांच एजेंसी अपनी रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सब्मिट कर देगी।
जबकि विवाद की जांच के लिए बनी ओवरसाइट कमेटी की टाइमलाइन 8 मार्च को पूरी हो चुकी है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कमेटी आज किसी भी वक्त रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंप सकती है।
सूत्रों के मुताबिक WFI अध्यक्ष पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के गंभीर आरोप लगाने वाले रेसलर्स कमेटी को इसके सबूत नहीं दे पाए हैं। भास्कर ने इस मुद्दे पर रेसलर, जांच कमेटी मेंबर और खेल मंत्रालय के अधिकारियों से लगातार फॉलोअप लेने की कोशिश की, मगर कोई भी खुलकर कुछ नहीं कह रहे।
पहले पढ़िए पूरा मामला क्या है…
जंतर-मंतर पर रेसलर्स का प्रदर्शन और बड़े आरोप
18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। विनेश ने यह भी कहा कि बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के खिलाफ है। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा।
सांसद की सफाई, आरोप सही हुए तो फांसी पर लटक जाऊंगा
इसी दिन संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा- किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं।
केंद्रीय खेल मंत्री से बातचीत, फिर धरना
19 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से रेसलर्स की करीब पौने चार घंटे बातचीत हुई। उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों ने WFI अध्यक्ष को हटाने को कहा। 20 जनवरी को खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। यहां से आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही वे किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वे खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे।
2 जांच कमेटियां बनीं
21 जनवरी को आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने जांच कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। 7 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। इस कमेटी में बॉक्सर मैरीकॉम, तीरअंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल कुश्तीबाज योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और 2 वकील शामिल हैं। बाद में पहलवानों की मांग पर इसमें भाजपा नेत्री बबीता फोगाट को भी जोड़ा गया।
इसी दिन अनुराग ठाकुर की पहलवानों से देर रात 7 घंटे तक मीटिंग में खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। इसका अध्यक्ष भी एमसी मैरीकॉम को बनाया गया। इसके सदस्यों में ओलिंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल थे। बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया।
अब पढ़िए आरोप लगाने वाले पहलवानों और उनके परिवार से भास्कर की बातचीत…
सोनम मलिक के पिता बोले- सच-झूठ का पता नहीं, सीनियर्स के मैसेज पर धरने में गए
पहलवानों के साथ समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर बैठी हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव मदीना की पहलवान सोनम मलिक के पिता राजेंद्र उर्फ राज ने कहा कि इस पूरे प्रकरण आखिरकार बात क्या है, सच और झूठ क्या है। उन्हें कुछ भी नहीं पता है। उन्हें नहीं पता कि आखिर किस खिलाड़ी के साथ किस तरह गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि वे इतना जरूर विश्वास के साथ कह सकते हैं कि उनकी बेटी सोनम के साथ किसी भी तरह का गलत नहीं हुआ है।
जांच कमेटी के सदस्य योगेश्वर दत्त ने कहा- सख्त हिदायत है, कुछ नहीं बोलना
जांच कमेटी में हरियाणा से इकलौते सदस्य योगेश्वर दत्त ने कहा कि अभी इस मामले में दो बार बयान दर्ज हुए हैं। जिसमें एक बयान IOA कमेटी के समक्ष व दूसरे बयान केंद्रीय स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री द्वारा गठित टीम के सामने हुए हैं। फिलहाल खिलाड़ियों से सभी सबूत जुटाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों से पूछताछ का कोटा पूरा होने के बाद जांच में WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को भी शामिल किया जाएगा। दोनों तरफ से पक्ष और सबूत लेने के बाद टीम यह रिपोर्ट टीम के अध्यक्ष को सौंप देगी।
अब पढ़िए इस पूरे एफर्ट का निष्कर्ष…
आरोप लगाने वाले खिलाड़ी बात करने से किनारा कर रहे हैं। परिवार काे भी कुछ नहीं पता। वे सारी बात खिलाड़ियों पर डाल रहे हैं। साफ है कि यह पूरा मामला अब आरोपों के हो-हल्ले से ज्यादा कुछ कार्रवाई की तरफ बढ़ता नजर नहीं आ रहा। खिलाड़ियों ने छेड़छाड़ के आरोप तो जरूर लगाए, लेकिन सबूत नहीं दे पाए। ऐसे में लगता है कि जांच कमेटी कोई बीच का रास्ता निकालने में जुटी है ताकि खिलाड़ियों का भी सम्मान बना रहे और कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर भी कार्रवाई की नौबत न आए। हालांकि अंतिम नतीजा जांच कमेटी के रिपोर्ट पर ही आएगा।
पहलवानों के भी सुर बदलते नजर आ रहे…
जांच कमेटी की रिपोर्ट में देरी पर आरोप लगाने वाले पहलवानों के सुर भी बदलते नजर आ रहे हैं। पहले आक्रामक तरीके से कुश्ती संघ अध्यक्ष को घेर रही रेसलर विनेश फोगाट बेबसी जाहिर कर रही हैं। विनेश ने कहा- ये मुश्किल समय है क्योंकि हम प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। जब तक हम ये लड़ाई जीत नहीं जाते, तब तक हम इंतजार करेंगे। पहले हम ये मेडल जीतना चाहते हैं, उसके बाद हम किसी बड़े मैच में खेलेंगे।
साक्षी मलिक ने कहा- कमेटी ने 10 दिन का समय दिया है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द फैसला आए और हमारे हक में आए, क्योंकि हमने बहुत हिम्मत करके ये कदम उठाया है। हमने यही सोचकर हिम्मत जुटाई कि अब जो लड़कियां पहलवानी में आ रही हैं, उन्हें ये सब न झेलना पड़े।
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