Quick News Bit

MI सबसे पहले क्यों हुई प्लेऑफ की रेस से बाहर?: 5 कारण जिनकी वजह से 5 बार की IPL चैंपियन को लगा जोर का झटका

0
  • Hindi News
  • Sports
  • Cricket
  • Ipl
  • IPL 2022; 5 Reasons Of MI Not Reaching Into Playoffs: Rohit Sharma,Ishan Kishan, Surya Kumar Yadav, Sachin Tendulkar

मुंबईएक घंटा पहलेलेखक: कुमार ऋत्विज

मुंबई इंडियंस IPL 2022 से बाहर होने वाली पहली टीम है। यह पढ़ना अपने आप में अचरज भरा है। अगर इसकी जगह लिखा होता कि MI प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन गई तो शायद लोगों को उतनी हैरानी नहीं होती। रोहित शर्मा की कप्तानी में 5 IPL ट्रॉफी जीत चुकी मुंबई किसी सीजन के अपने शुरुआती 8 मैच गंवाने वाली पहली टीम बनी।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने कहा कि उन्हें ऑक्शन के समय ही आइडिया हो गया था, इस बार मुंबई ने प्लेयर्स चुनने में भारी गलती की है। आज हम वो 5 कारण जानने का प्रयास करेंगे, जिनकी वजह से सबसे ज्यादा बार IPL जीत चुकी MI इतनी फिसड्डी साबित हुई।

1. जो इस सीजन खेलने के लिए मौजूद ही नहीं, उस पर लुटा दिए 8 करोड़
भविष्य का सोच कर वर्तमान को नजरअंदाज कर देना किसी भी लिहाज से सही नहीं माना जाएगा। ऑक्शन में बोली लगनी शुरू होती है, खबर आती है कि जोफ्रा आर्चर को MI ने 8 करोड़ में खरीद लिया है। मुंबई के फैंस सोशल मीडिया पर बुमराह और आर्चर की तस्वीरें एक साथ शेयर करना शुरू कर देते हैं।

हर तरफ बेस्ट पेस बॉलिंग जोड़ी को लेकर माहौल बन जाता है। कहा जाने लगता है, जब दोनों गेंदबाज एक साथ मैदान पर उतरेंगे तो विरोधी बल्लेबाजों की शामत आ जाएगी। यह सही भी था क्योंकि145/kmph से अधिक की रफ्तार से दोनों छोर से बाउंसर और यॉर्कर झेलने में सचमुच बल्लेबाजों को मुश्किल होती। हालांकि पूरी खबर में एक ट्विस्ट था।

जोफ्रा कोहनी की चोट से उबरने के क्रम में पिछले कुछ महीनों से क्रिकेट फील्ड से दूर हैं। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर वह मुंबई के लिए इस साल उपलब्ध नहीं होते। MI ने 8 करोड रुपए ऐसे गेंदबाज पर खर्च कर दिए, जिसने महीनों से 1 गेंद नहीं फेंकी है। कहते हैं, क्रिकेट में एक समय के बाद रेप्युटेशन की बजाए परफॉर्मेंस को महत्व दिया जाता है। मुंबई इसमें मात खा गई।

परिणाम हुआ कि बुमराह तेज गेंदबाजी में बिल्कुल अकेले पड़ गए। मुंबई इंडियंस ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ट्रेंट बोल्ट को रिलीज कर दिया था। इसके बाद मेगा ऑक्शन में भी टीम ने किसी बड़े गेंदबाज पर दांव नहीं लगाया। नतीजतन मुंबई टूर्नामेंट में डेथ ओवर गेंदबाजों की कमी से जूझती रही।

बासिल थंपी, जयदेव उनादकट विरोधी बल्लेबजों पर लगाम लगाने में बुरी तरह नाकाम रहे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज डैनियल सैम्स और टाइमल मिल्स भी प्रभाव नहीं छोड़ सके। अगर मुंबई इंडियंस ने आर्चर की बजाए ट्रेंट बोल्ट को दोबारा खरीदा होता, तो उसका इतना बुरा हाल नहीं होता।

IPL की सबसे शानदार पेस बॉलिंग जोड़ी के रूप में फेमस बुमराह और ट्रेंट बोल्ट की पार्टनरशिप का टूटना मुंबई के बुरे प्रदर्शन की एक प्रमुख वजह रहा।

IPL की सबसे शानदार पेस बॉलिंग जोड़ी के रूप में फेमस बुमराह और ट्रेंट बोल्ट की पार्टनरशिप का टूटना मुंबई के बुरे प्रदर्शन की एक प्रमुख वजह रहा।

बोल्ट ने केएल राहुल जैसे बल्लेबाज को मुकाबले की पहली गेंद पर बोल्ड मारकर साबित किया है कि उनमें अभी भी काफी क्रिकेट बाकी है। ऐसे में बोल्ट आर्चर से बेहतर ऑप्शन साबित हो सकते थे। शेन वॉटसन भी जोफ्रा आर्चर को खरीदने के फैसले पर हैरान थे। उन्होंने इसे मुंबई के खराब दर्शन के लिए जिम्मेदार माना है।

2. ईशान के चक्कर में खाली कर दिया पूरा पर्स
ईशान किशन ने पिछले सीजन प्लेऑफ की दौड़ से मुंबई के बाहर हो जाने के बाद आतिशी बल्लेबाजी की थी। MI मैनेजमेंट को लगा कि उनसे बढ़कर दूसरा बल्लेबाज टीम को मिल ही नहीं सकता।

बोली लगनी शुरू हुई और बात 8-10 करोड़ से बढ़ते हुए 15.25 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। यह फैसला काफी चौंकाने वाला था। टी- वर्ल्ड कप में भी ईशान का प्रदर्शन खराब रहा था। शॉर्ट गेंदों के सामने वह काफी असहज नजर आए थे।

ऐसे में ईशान पर इतना बड़ा दांव खेलना किसी के गले नहीं उतर रहा था। वॉटसन ने कहा, मैं ईशान को बहुत बेहतरीन खिलाड़ी मानता हूं। इतना उम्दा नहीं मानता कि उसके लिए ऑक्शन में अपनी पूरी पर्स खाली कर दूं। परिणाम सामने है। ईशान शुरुआती मुकाबलों में थोड़ा बहुत चले, लेकिन उसके बाद मुख्य मुकाबलों में फेल रहे। इसका नतीजा रहा कि अच्छी शुरुआत के बगैर टीम लगभग हर मुकाबले में संघर्ष करती नजर आई।

3. रोहित का परफॉर्म न कर पाना टीम पर भारी पड़ा
हिटमैन कहे जाने वाले रोहित शर्मा ने इस बार खराब प्रदर्शन से अपनी ही टीम को हिट कर दिया। तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी संभालने के बाद रोहित से काफी उम्मीदें थीं।कहा जा रहा था कि टी-20 वर्ल्ड कप जीतने से पहले वह रिकॉर्ड छठी बार मुंबई को IPL विजेता बनाएंगे। हकीकत यह है कि किसी भी लीडर का इकबाल तभी बुलंद होता है, जब वह खुद परफॉर्म करता है। रोहित का बल्ला बिल्कुल नहीं बोला। वह मैच दर मैच फ्लॉप होते चले गए।

इस बार रोहित की कप्तानी में आक्रामकता की कमी साफ नजर आई। सही वक्त पर बॉलिंग चेंज से लेकर फील्ड प्लेसमेंट तक, रोहित पूरी तरह से कप्तानी में फ्लॉप रहे। रोहित शर्मा ओपनिंग में नहीं चल रहे थे तो उनकी पोजिशन नीचे की जा सकती थी। टीम मैनेजमेंट ने ऐसा करना उचित नहीं समझा।

रोहित को समझना चाहिए था कि अगर वह टीम को तेज-तर्रार शुरुआत देते और कुछ लंबी पारियां खेलते, तो पूरे टीम का मनोबल बढ़ता। इसका असर उनकी कप्तानी में दिखता, फिर शायद हमें मुंबई फाइटबैक करती हुई भी नजर आती।

4. 35 वर्षीय पोलार्ड की बजाय 28 साल के हार्दिक को रिटेन कर सकती थी मुंबई
35 वर्षीय कीरोन पोलार्ड को रिटेन करने का फैसला भी थोड़ा अटपटा लगा। हालांकि पोलार्ड ने मुंबई को अपने दम पर कई मुकाबले जिताए हैं, लेकिन उनकी उम्र और फिटनेस को देखते हुए शायद हार्दिक पर अधिक भरोसा किया जा सकता था। पोलार्ड की गेंदबाजी भी कुछ वर्षों से इतनी अच्छी नहीं हो रही थी।

बल्लेबाजी में अगर एक युवा ऑलराउंडर उनकी जगह टीम का हिस्सा बनाया गया होता, तो इस सीजन और आने वाले सीजन में भी टीम के लिए फायदेमंद होता। टी-20 वर्ल्ड कप और फिर उसके बाद भारत के खिलाफ खेली गई थी टी-20 मुकाबलों की सीरीज में पोलार्ड बुरी तरह फ्लॉप रहे थे। ऐसे में इतिहास की बजाए उनकी मौजूदा फॉर्म को अधिक तवज्जो दी जानी चाहिए थी। लगातार खराब प्रदर्शन करने के बावजूद जबतक MI प्लेऑफ से आधिकारिक तौर पर बाहर नहीं हो गई, तबतक पोलार्ड को टिम डेविड के ऊपर प्राथमिकता दी जाती रही।

मुंबई ने टिम डेविड जैसे खिलाड़ी पर भरोसा नहीं जताया और सिर्फ 2 मैच के बाद ही उन्हें बाहर कर दिया। 6 मैचों तक वो बेंच पर बैठे रहे और जब उन्हें दोबारा मौका मिला तो इस खिलाड़ी ने टीम को जीत दिलाई। इस सीजन खेले 6 मुकाबलों में 185 की स्ट्राइक रेट से बनाने वाले डेविड को अगर प्लेइंग 11 में और मौका दिया गया होता, तो मुंबई बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।

5. टॉप क्लास स्पिनर की कमी काफी खली

मुंबई ने राहुल चाहर को रिलीज करने के बाद अनुभवी स्पिनर नहीं लिया। कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, रवि बिश्नोई और राशिद खान जैसे गेंदबाजों की तुलना में मुरगन अश्विन बड़ी टीमों के सामने उतने असरकारी साबित नहीं हो सके। कुलदीप और चहल ने अपने बूते पर टीम को मुकाबले जिताए हैं। हसरंगा बेंगलुरु की कमजोर मानी जाने वाली बॉलिंग लाइनअप की मजबूत कड़ी बनकर उभरे हैं।

13 मुकाबलों में 23 विकेट चटका चुके हसरंगा का प्रदर्शन टीम इंडिया के खिलाफ खेली गई टी-20 सीरीज में शानदार रहा था। इसलिए RCB ने उन्हें 10.75 करोड़ में अपने साथ जोड़ा। हसरंगा ने भी टीम को बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखाया। इसकी तुलना में मुरगन अश्विन 8 मुकाबलों में 9 विकेट ही चटका सके। अगर उन्होंने बीच के ओवर में बेहतर बॉलिंग की होती, तो हालात दूसरे हो सकते थे।

यहीं पर 15.25 करोड़ में ईशान और 8 करोड़ में जोफ्रा को खरीदने का नुकसान मुंबई को झेलना पड़ा। अगर उसके पास अधिक पैसे बचते, तो वह बेहतर स्पिनर पर दांव खेल सकती थी। गौर करने वाली बात है कि इस सीजन सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के मामले में टॉप 2 पोजिशन पर स्पिनर्स हैं।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment