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- LIC’s IPO Subscribed 2.95 Times, Policyholders’ Reserve Portion Bids 6.10 Times
मुंबईएक घंटा पहले
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LIC के IPO को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। रिटेल निवेशकों के लिए 4 मई को खुले इस IPO के सब्सक्रिप्शन का आज आखिरी दिन था। इश्यू 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ है। 16.2 करोड़ शेयरों के के मुकाबले 47.77 करोड़ इक्विटी शेयरों के लिए बोलियां मिली है।
पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व रखा गया पोर्शन 6.10 गुना, स्टाफ 4.39 गुना और रिटेल निवेशकों का हिस्सा 1.99 गुना सब्सक्राइब हुआ है। QIB के आवंटित कोटे के के लिए 2.83 गुना बोलियां आई है जबकि NII का हिस्सा 2.91 गुना सब्सक्राइब हुआ है। 17 मई को शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होंगे। ज्यादातर मार्केट एनालिस्ट ने IPO में पैसा लगाने की सलाह दी थी।
इश्यू ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ताकत
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग के कारण LIC के IPO में देरी हुई। उन्होंने इस इश्यू को सक्सेसफुल बताया। उन्होंने कहा कि हम लिस्टिंग डे को लेकर होपफुल और कॉन्फिडेंट हैं।
फॉरेन इन्वेस्टर्स के उम्मीद के मुताबिक निवेश नहीं करने के एक सवाल के जवाब में पांडे ने कहा कि LIC IPO आत्मनिर्भर भारत की ताकत को दर्शाता है। इस इश्यू ने दिखाया है कि हमारे कैपिटल मार्केट्स और हमारे निवेशकों में भी क्षमता है… हम केवल विदेशी संस्थागत निवेशकों पर निर्भर नहीं रह सकते। FIIs का भी स्वागत है, लेकिन मुख्य रूप से इस इश्यू को घरेलू निवेशकों ने लिफ्ट किया है।
LIC का ग्रे मार्केट प्रीमियम आधे से कम हुआ
IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम 52.9% से ज्यादा घटकर 40 रुपए हो गया है। पहले ये 85 रुपए था। मार्केट के बदले सेंटीमेंट्स को इस गिरावट का कारण माना जा रहा है। दरअसल, अमेरिका के फेड ने ब्याज दरों में इजाफा किया है जिस कारण ग्लोबल मार्केट दबाव में है। महंगाई पूरी दुनिया के लिए समस्या बनी हुई है।
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एंकर निवेशकों से जुटाए 5,630 करोड़
भारत सरकार LIC में अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर करीब 21,000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। IPO का प्राइस बैंड 902-949 रुपए है। LIC ने 2 मई को 949 रुपए के हिसाब से 59.3 मिलियन शेयर के बदले 123 एंकर निवेशकों से 5,630 करोड़ रुपए जुटाए थे।
क्या सभी को शेयर मिलेंगे?
LIC का इश्यू साइज 21 हजार करोड़ रुपए का है। ये भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO है। इसलिए IPO के लिए अप्लाई करने वाले ज्यादातर लोगों को शेयर मिलने की संभावना काफी ज्यादा है। यानी आप कह सकते हैं कि IPO भरने वाले सभी लोगों को शेयर मिलेंगे।
सरकार LIC में हिस्सेदारी क्यों बेच रही है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इकोनॉमी मुश्किल दौर में है। सरकार की देनदारी काफी ज्यादा बढ़ गई है। सरकार को पैसे की सख्त जरूरत है और वह अपनी फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत ज्यादा उधार नहीं लेना चाहती। इस समय ऐसा करने का शायद यही सबसे बड़ा कारण है।
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