रेवाड़ी28 मिनट पहले
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IPL-2022 के 13वें मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच हुए मुकाबले में RCB के ऑलराउंडर शाहबाज अहमद की जबरदस्त बैटिंग की बदौलत उनकी टीम ने जीत दर्ज की। वानखेड़े स्टेडियम में खेली ताबड़तोड़ 45 रन पारी को देख उनके फैंस और परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है। हालांकि IPL के इस सीजन में अपने तीसरे मैच में भी शाहबाज गेंदबाजी में कोई खास कमाल नहीं दिखा सके, लेकिन 2 मैच में बैटिंग की बदौलत जरुर चर्चा में है।
राजस्थान रॉयल्स ने 3 विकेट खोकर रॉयल चैलेंजर्स को 169 रन का टारगेट दिया था। इसके बाद बैटिंग करने उतरी रॉयल चैलेंजर्स की टीम ने मात्र 62 रन पर ही 4 विकेट गवां दिए। मुश्किल वक्त में दिनेश कार्तिक और शाहबाज अहमद के कंधों पर टीम को जिताने की जिम्मेदारी आई और दोनों ने इसे बखूबी 32 रन पर 62 रन की पारी खेलकर निभाया। शाहबाज ने 26 गेंद पर 4 चौके और 3 छक्कों की बदौलत 45 रन की पारी खेली। RCB की टीम की तरफ से इस मैच में शाहबाज अहमद ने ही सर्वाधिक रन बनाए।
बता दें कि ऑलराउंडर शाहबाज अहमद मूल रूप से हरियाणा के जिला नूंह के छोटे से गांव शिकरावा के रहने वाले हैं, जो घरेलू क्रिकेट में बंगाल के लिए खेलते हैं। इस सीजन के लगातार तीसरे मैच में मंगलवार को वह बैटिंग करने उतरे थे। उनके मैच को देखने के लिए उनके पैतृक घर में भी गांव और परिवार के लोग टीवी के सामने नजर गड़ाए बैठे रहे। शाहबाज अहमद की बैटिंग के बाद फैंस और परिवार के लोगों ने कहा कि आज उनके बेटे ने दिल जीत लिया।
IPL के तीनों सीजन में RCB की टीम का हिस्सा
पहली बार IPL-2020 में RCB ने उन्हें 20 लाख रुपए की कीमत पर खरीदा था। उसके बाद लगातार दूसरे IPL-2021 में भी उन्हें फिर से RCB ने 20 लाख रुपए में खरीदा। हालांकि पिछले सीजन में शाहबाज को सिर्फ 2 ही मैच खेलने मौका मिला था। ऑलराउंडर शाहबाज बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और बाएं हाथ से ही स्पिन गेंदबाजी करते हैं। इस सीजन के IPL से पहले शाहबाज अहमद के खेल में बेहतरीन सुधार दिखा, जिसके चलते इस बार उनकी बोली भी काफी महंगी रही। उन्हें इस बार मेगा ऑक्शन में 2 करोड़ 40 लाख रुपए में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने खरीदा है। शाहबाज के दोस्तों ने कहा कि मुश्किल वक्त में शाहबाज ने हर बार अपनी टीम को उभारा है। इस मैच में भी वह ना केवल निखरकर आए, बल्कि अपनी टीम को भी जिता दिया।
अपने माता-पिता के साथ शाहबाज अहमद।
पिता के हाथ में बैट देख लगा क्रिकेट का चस्का
शाहबाज अहमद के पिता अहमद जान SDM नंहू के रीडर है। उनकी एक छोटी बहन भी है, जो डॉक्टर है। शाहबाज के परिवार में उनके पिता की ही क्रिकेट में रूची थी। पिता के हाथ में बैट देख छोटी उम्र में ही उन्हें इसका चस्का लग गया था। हालांकि शुरुआत में शाहबाज ने हरियाणा की तरफ से रणजी खेलने के लिए भरसक कोशिश की। गुरुग्राम जिले की टीम में खेलते हुए कई बार रणजी के लिए ट्रॉयल देने के साथ ही बेहतरीन प्रदर्शन भी किया, लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला। बाद में वह अपने दोस्त प्रमोद चंदीला और अरूण चपराना के कहने से बंगाल क्रिकेट क्लब में खेलने चले गए और फिर उन्हें क्रिकेट में हर कदम पर ना केवल प्रदर्शन सुधारने का मौका मिला, बल्कि बंगाल की तरफ से रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में अपनी टीम को जीताने के लिए सेंच्यूरी तक लगाई। हालांकि शाहबाज ने अभी कोई इंटरनेशल मैच नहीं खोला है, परंतु वह इंडिया-A की टीम में खेल चुके है। शाहबाज के पिता नौकरी के लिए पलवल जिले के हथीन कस्बा में परिवार के साथ रहते है, जबकि उनके परिवार के काफी सदस्य आज भी गांव शिकरावा में रहते है। शाहबाज के दादा इशाक टीचर रह चुके है, जबकि उनके चाचा फारूख आज भी टीचर है।
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