IPL से मिलेगा जहीर-इरफान जैसा गेंदबाज: वर्ल्ड कप जीतने वाली अधिकतर टीमों में लेफ्ट आर्म पेसर, भारत के पास 2012 से नहीं
7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
क्रिकेट में कुछ टीमों के लिए मैच जीतना बाएं हाथ का खेल होता है। नहीं, हम कोई कहावत नहीं कह रहे हैं बल्कि इस खेल की सच्चाई बता रहे हैं।
क्रिकेट में सफल होने वाली किसी भी टीम के लिए बायें हाथ का तेज गेंदबाज बहुत कारगर साबित होता है। भारत अगर पिछले कुछ सालों से अच्छी टीम होने के बावजूद कोई ICC टूर्नामेंट नहीं पाया है तो इसकी एक बड़ी वजह 2012 के बाद से जहीर खान और इरफान पठान जैसे किसी घातक लेफ्ट आर्म पेसर का न मिल पाना है। हालांकि, अब ये सूरत बदल सकती है, क्योंकि इस आईपीएल में हमनें कई ऐसे लेफ्ट आर्म पेसर्स देख लिए हैं जो आने वाले समय में हमारे पेस अटैक का नेतृत्व कर सकते हैं।
क्यों जरूरी होते हैं किसी टीम के लिए लेफ्ट आर्म पेसर्स?
अधिकतर मौकों पर देखा गया है कि किसी भी टीम में लेफ्ट आर्म पेसर का होना टीम के जीतने की संभावना को काफी हद तक बढ़ा देता है।
- लेफ्ट आर्म पेसर को पढ़ना किसी भी बल्लेबाज के लिए हमेशा मुश्किल होता है। राइट-हैंड बॉलर की तुलना में लेफ्ट-आर्म पेसर की गेंद एक ऑक्वर्ड एंगल से अंदर आती है और् बैट्समैन के लिए ब्लाइंड स्पॉट क्रिएट करती है।
- राइट-हैंड बैटर के लिए जब भी लेफ्ट आर्म पेसर की तेज गति से गेंद अंदर की तरफ आती है तो बल्लेबाज के LBW होने की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में बल्लेबाज विकेट बचाने के लिए बड़े शॉट खेलने की बजाय डिफेंसिव मोड में आ जाता है।
- आजकल कई पिचें बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मददगार रहती हैं और इसलिए विकेट लेने में लेफ्ट आर्म पेसर की भूमिका बढ़ जाती है। क्योंकि बल्लेबाजों की जितनी प्रैक्टिस राइट आर्म पेसर्स के खिलाफ हो जाती है उतनी लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ नहीं हो पाती।
अक्सर देखा गया है कि कोई भी बड़ा टूर्नामेंट जीतने वाली टीम में कोई न कोई बाएं हाथ का तेज गेंदबाज होता ही है।
2007 में टी-20 वर्ल्ड कप की विजेता बनी भारतीय टीम के पास इरफान पठान और रुद्र प्रताप सिंह के रूप में दो बेहतरीन लेफ्ट आर्म पेसर थे। इसके बाद 2011 की विश्व विजेता भारतीय टीम में जहीर खान थे। 2015 वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंची दोनों टीमों, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मिशेल स्टार्क और ट्रेंट बोल्ट जैसे लेफ्ट आर्म पेसर्स थे और दोनों ही संयुक्त रूप से टूर्नामेंट के हाईएस्ट विकेट टेकर्स भी थे। कुछ ऐसे ही समीकरण 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में भी थे। 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भी पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर ने भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया था।
IPL-15 लेफ्ट आर्म पेसर्स तलाशने के लिहाज से भारत के लिए अहम है क्योंकि इस साल ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप होना है। आइए नजर डालते हैं उन तेज गेंदबाजों पर जिन्होंने अपने प्रदर्शन से इंडियन टीम में शामिल होने की दावेदारी ठोक दी है-:
टी नटराजन
सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे टी नटराजन एक ऐसे यॉर्कर स्पेशलिस्ट गेंदबाज हैं जो एक ओवर में छह यॉर्कर गेंदें भी डाल सकते हैं। टी नटराजन ने इस साल IPL में भारतीय पेसर्स में सबसे ज्यादा 18 विकेट्स चटकाए हैं और 10 मुकाबलों में उनका इकॉनोमी 8.87 का रहा है।
नटराजन की सबसे बड़ी ताकत उनकी यॉर्कर और लेंथ गेंद है जिसके इस्तेमाल से वो बल्लेबाजों को खूब छकाते हैं। स्लोअर बॉल का विकल्प भी उनके पास है। 31 वर्षीय नटराजन भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में डेब्यू कर भी चुके हैं और 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में भी उनके खेलने की पूरी संभावना थी, पर चोट के कारण उनकी टीम में जगह नहीं बन पाई थी। इस साल के आईपीएल प्रदर्शन से वे टीम में अपनी वापसी कर सकते हैं।
खलील अहमद
एक समय टीम इंडिया का हिस्सा रहे खलील अहमद को टीम इंडिया में वापसी की दरकरार है। दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेल रहे खलील ने इस सीजन में 8 मुकाबले खेले हैं और 16 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनका इकॉनोमी आठ से नीचे रहा है। बेहतरीन वैरिएशन वाला ये गेंदबाज पावरप्ले और डेथ ओवर दोनों में गेंदबाजी करने में सक्षम है और टीम के लिए अच्छा विकेट-टेकिंग ऑप्शन है।
मुकेश चौधरी
मुकेश चौधरी हिट-द-डेक लेफ्ट आर्म पेसर हैं जिनकी बॉल तेज गति से बैट पर आती है। गेंद को स्विंग और सीम करवाने की क्षमता मुकेश को खतरनाक पेसर बनाती है। 2021-22 की विजय हजारे ट्रॉफी में मुकेश महाराष्ट्र के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। मुंबई के खिलाफ चार विकेट लेकर उन्होंने पूरे बैटिंग लाइन-अप की कमर तोड़कर रख दी, और उनके इस प्रदर्शन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
चेतन साकरिया
पिछले साल राजस्थान के लिए आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर चेतन साकरिया इंडिया डेब्यू कर चुके हैं। बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज के पास गेंद को दोनों और स्विंग करवाने और डेथ ओवर्स में बेहतरीन वैरिएशन करने की क्षमता है। हालांकि, इस साल दिल्ली कैपिटल्स से खेल रहे चेतन को ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला है और तीन मैचों में उनके नाम सिर्फ 3 विकेट हैं।
मोहसिन खान
मोहसिन खान वो लेफ्ट आर्म पेसर हैं जिनकी इस आईपीएल में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। मोहसिन का लेफ्ट-आर्म एंगल और बल्लेबाज को चौंकाने की क्षमता रखने वाला उनका बाउंसर, मोहसिन की सबसे बड़ी ताकत है। उनके हेवी बॉल पर बाउंड्री मारना किसी भी बल्लेबाज के लिए बहुत मुश्किल होता है। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद मोहसिन के साउथ-अफ्रीका दौरे के लिए टीम में चुने जा सकने की चर्चा भी तेज है।
अर्शदीप सिंह
2019 से IPL खेल रहे अर्शदीप के प्रदर्शन में पिछले दो सालों में बेहतरीन निखार आया है। अर्शदीप की डेडली यॉर्कर उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है। अर्शदीप अपनी डिसेप्टिव स्लोअर बॉल का भी डेथ ओवर्स में काफी सही इस्तेमाल करते हैं। उनके पास डेथ ओवर्स में गेंदबाजी का वो टेम्परामेंट भी नजर आता है जो उन्हें टीम के लिए बेहतरीन ऐसेट बना सके। अर्शदीप के टैलेंट को देखते हुए पंजाब टीम ने उन्हें रिटेन किया, और अगर अर्शदीप अपने IPL के बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखते हैं तो उनकी जगह जल्द ही इंडियन टीम में बन सकती है। अर्शदीप का इस साल डेथ ओवर में इकॉनोमी 6 से कम का रहा है जो बताता है कि टी20 फॉर्मेट में वो टीम के लिए कितने कारगर साबित हो सकते हैं।
यश दयाल
यश दयाल का ये डेब्यू आईपीएल है। यश दयाल 2021-22 विजय हजारे ट्रॉफी में टॉप-10 विकेट टेकर्स में थे। उनके पास बॉल को दोनों तरफ स्विंग करवाने की क्षमता है। तेज गति यश दयाल की ताकत है और वो लगातार 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बॉल डाल सकते हैं। यश अपना लक्ष्य 150 की रफ्तार तक पहुंचने का बताते हैं। अगर दयाल अपनी रफ्तार को लाइन-लेंथ के साथ साध पाते हैं, तो बायें हाथ का ये तेज गेंदबाज टीम इंडिया में जल्द दिखाई दे सकता है।
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.