IPL में टॉस के बाद चुन सकेंगे प्लेइंग-11: विकेटकीपर या फील्डर के गलत मूवमेंट पर पेनल्टी, बैटिंग टीम को मिलेंगे 5 रन
स्पोर्ट्स डेस्क5 मिनट पहले
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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का नया सीजन 31 मार्च से शुरू हो रहा है। 10 टीमों के सीजन में इस बार कुछ नए रूल भी जुड़ रहे हैं। टीमें अब टॉस में बैटिंग या बॉलिंग का फैसला करने के बाद प्लेइंग-11 चुन सकेगी। टॉस के बाद ही टीमों को 4 इम्पैक्ट प्लेयर भी बताने होंगे।
इनके अलावा भी IPL के 16वें सीजन में नियमों में बदलाव करने के साथ नए नियम भी जोड़े गए हैं। आगे स्टोरी में हम इन्हीं नियमों को समझेंगे।
2 प्लेइंग-11 के साथ आएंगे कप्तान
IPL मैच में दोनों टीमों के कप्तान अब टॉस के दौरान 2 टीमें लेकर आ सकेंगे। टॉस के बाद जब उन्हें पता लगेगा कि पहले बैटिंग या बॉलिंग आई है, तब वे उसी हिसाब से प्लेइंग-11 सिलेक्ट कर सकेंगे। इससे पहले 15 सीजन तक टीमें टॉस के दौरान एक ही प्लेइंग-11 लेकर आती थीं। टॉस होने के बाद भी उन्हें उसी टीम के साथ खेलना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
4 इम्पैक्ट प्लेयर्स भी टॉस के बाद ही
IPL में इस सीजन से नए इम्पैक्ट प्लेयर का रूल भी जोड़ा जा रहा है। दोनों टीमों को टॉस होने के बाद ही 4-4 इम्पैक्ट प्लेयर भी बताने होंगे। इन्हीं 4 इम्पैक्ट प्लेयर्स में से टीमें किसी एक प्लेयर को मैच के दौरान प्लेइंग-11 में शामिल खिलाड़ी से रिप्लेस कर सकेंगी। मैच में दोनों पारियों के दौरान 14 ओवर तक इम्पैक्ट प्लेयर नियम का इस्तेमाल कर खिलाड़ी को रिप्लेस कर सकेंगे।
एक टीम पूरे मैच के दौरान सिर्फ एक बार इम्पैक्ट प्लेयर का इस्तेमाल कर सकेगी। वह चाहे तो पहली पारी के 14 ओवर तक रिप्लेसमेंट ले या फिर दूसरी पारी के 14वें ओवर तक।
इम्पैक्ट प्लेयर पूरे 4 ओवर बॉलिंग कर सकेगा
टीमें उस खिलाड़ी को भी रिप्लेस कर सकेंगी जो मैच में बैटिंग या बॉलिंग कर चुका हो। इम्पैक्ट प्लेयर को अपने खाते के पूरे चार ओवर गेंदबाजी के लिए मिलेंगे। साथ ही पारी में जितने ओवर बचेंगे वह उतने ओवर बल्लेबाजी भी कर पाएगा। हालांकि, एक इनिंग में किसी टीम के ज्यादा से ज्यादा 10 विकेट ही गिर सकते हैं। इम्पैक्ट प्लेयर के बारे में विस्तार से समझने के लिए यह खबर पढ़ें…
SA20 से आया है यह रूल
IPL में टॉस के बाद टीमें जारी करने का नियम साउथ अफ्रीका की टी-20 लीग SA20 की तरह ही है। वहां ही सबसे पहले टॉस के बाद टीमें अनाउंस करने का नियम शुरू किया गया। उस नियम में दोनों टीमों के कप्तानों को टॉस से पहले 13 खिलाड़ी बताने होते थे और टॉस के ठीक बाद बैटिंग या बॉलिंग आने पर कप्तान किन्हीं 2 खिलाड़ियों को हटा सकते थे।
इस नियम से टॉस का असर लगभग खत्म हुआ। टूर्नामेंट के 33 में से 16 मैच टॉस हारने वाली टीमों ने और 15 मैच टॉस जीतने वाली टीमों ने जीते। 2 मैच बेनतीजा रहे।
IPL में भी खत्म होगा टॉस का प्रभाव
IPL में भी टॉस का प्रभाव खत्म करने के उद्देश्य से ही इस रूल को लाया गया है। 2019 में आखिरी बार जब IPL होम और अवे फॉर्मेट में हुआ था। तब 60 मैचों में से 34 मैच टॉस जीतने वाली टीमों ने ही जीते थे। टॉस हारने वाली टीमों ने 23 मैच जीते थे, वहीं बाकी मैच सुपर ओवर में गए या फिर बारिश या किसी अन्य कारण से बेनतीजा रहे।
टीमें अब टॉस के दौरान 2 प्लेइंग-11 ला सकेंगी।
IPL कंडीशन में ये बदलाव भी हुए
टॉस के अलावा 3 प्रमुख बदलाव और भी किए गए हैं। सभी टीमों को पारी के 20 ओवर पूरे करने के लिए 75 मिनट दिए जाते हैं। इस टाइम में ओवर नहीं करने पर जितने ओवर बाकी रहेंगे, उतने ओवरों के लिए 5 की जगह 4 फील्डर्स ही 30-यार्ड सर्कल के बाहर रह सकेंगे। बॉलिंग के दौरान विकेटकीपर या फील्डर गलत तरीके से मूवमेंट करता है तो उस गेंद को डेड बॉल करार दिया जाएगा। साथ ही फील्डिंग टीम पर 5 रन की पेनल्टी भी लगाई जाएगी।
दरअसल ICC ने पिछले साल टी-20 और वनडे की प्लेइंग कंडीशन में कुछ बदलाव किए थे। जिन्हें एक अक्टूबर 2022 से लागू किया गया। इंटरनेशनल क्रिकेट में इन नियमों का इस्तेमाल होना शुरू हो गया। लेकिन IPL में पहली बार ही ये नियम लागू होंगे।
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