मोहम्मद शमी की वापसी की कहानी: कोच बोले- बॉल को भिगोकर गेंदबाजी की, अपने प्रदर्शन से आलोचकों को जवाब दिया
स्पोर्ट्स डे्स्क2 मिनट पहले
मोहम्मद शमी ने अपना आखिरी इंटरनेशनल टी-20 मैच नामीबिया के खिलाफ 8 नवंबर 2021 को खेला था। इसके बाद वो क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट सोमवार को 11 महीने 9 दिन बाद खेलने उतरे। शुरू के ओवरों में तो उन्होंने गेंदबाजी नहीं की, लेकिन जब आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 11 रन चाहिए थे। तब रोहित शर्मा ने डगआउट से बुलाकर शमी को गेंदबाजी सौंप दी। इसके बाद उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 बॉल में 3 विकेट झटके और टीम इंडिया को मुकाबला जीता दिया।
मैच के बाद भास्कर ने शमी के कोच बदरुद्दीन से बात की। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन के पीछे शमी की एक साल की मेहनत है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये उन आलोचकों को जवाब भी है जो चाहते थे कि शमी वर्ल्ड कप का हिस्सा ना बने। पढ़िए पूरी बातचीत…
सवालः मोहम्मद शमी के प्रैक्टिस मैच में चार गेंदों पर 4 विकेट लेने को आप किस तरह से देखते हैं?
जवाबः शमी को पिछले साल हुए टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से इंटरनेशनल मैच में मौका नहीं मिला, पर वह टेस्ट के हिस्सा रहे और वह लगातार प्रैक्टिस से जुड़े रहे। उन्होंने प्रैक्टिस मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 गेंदों पर 3 विकेट लेकर अपने आलोचकों को यह जवाब दे दिया है कि आखिर वह क्यों अभी बेहतर गेंदबाजों में से एक हैं।
पहले उन्हें वर्ल्ड टी-20 की मेन टीम में शामिल नहीं किया गया। बाद में बुमराह के चोटिल होने के कारण उन्हें टीम में शामिल किया गया। मेरा मानना है कि उन्हें पहले ही टीम में शामिल किया जाना चाहिए था। खैर मुझे उम्मीद है कि वह वर्ल्डकप में अब प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे।
मोहम्मद शमी अपने कोच बदरुद्दीन के साथ।
सवालः टीम से दूर रहने के बाद उन्होंने किस तरह की प्रैक्टिस की?
शमी को पता है कि उनका टीम में रोल क्या है। उन्हें किन परिस्थिति में किस तरह से गेंदबाजी करनी है, इसको लेकर उन्होंने अभ्यास किया। जैसे ओस के समय गेंद गीली हो जाती है, इसके लिए उन्होंने प्रैक्टिस के दौरान गेंद को भिगोकर गेंदबाजी की। वहीं, बिना बल्लेबाज के विकेट पर यॉर्कर गेंदबाजी करने का अभ्यास किया।
इसके अलावा मैच के हर सिचुएशन निपटने के लिए उन्होंने एकेडमी के बच्चों के साथ टीमें बनाकर मैच खेले, ताकि मैच के विभिन्न परिस्थिति के अनुसार गेंदबाजी के लिए अपने को ढाल सके।
सवालः शमी ऑस्ट्रेलिया के पिच पर भारतीय टीम के लिए किस तरह से उपयोगी हैं?
जवाबः ऑस्ट्रेलिया की पिच फास्ट है और वहां गेंद सीम होती है। शमी 140-145 की स्पीड से गेंद करते हैं। वहीं पुराने और नए दोनों बॉल से वह गेंद को सीम कराने में माहिर हैं। साथ ही उनके पास अनुभव है। उनको पता है कि कब किस परिस्थिति में किस तरह से गेंदबाजी करनी है। अगर आप सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच को देखें तो उन्हें बाद में टीम में गेंदबाजी के लिए शामिल किया गया। उन्होंने आते ही चार गेंदों पर 4 विकेट लिए। यह उनके आत्मविश्वास और अनुभव को दिखाता है।
सवालः कोरोना के बाद उन्होंने किस तरह से अपने को रिकवर किया?
शमी को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज के लिए शामिल किया गया था। लेकिन वह सीरीज से पहले कोरोना संक्रमित हो गए। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शमी वापस घर लौटने के बाद अपने फार्म हाउस पर प्रैक्टिस शुरू की। शुरू में पहले फिटनेस पर काम किया। बाद में कुछ ओवर डालने शुरू किए। जिससे वह अपने लय को प्राप्त कर सकें।
टीम इंडिया मैच खेल रही थी और मोहम्मद शमी पाकिस्तान के गेंदबाज शाहीन अफरीदी के साथ बातचीत कर रहे थे।
शमी मैच के बाद बोले- वापसी के लिए की कड़ी मेहनत
शमी ने भी मैच के बाद एक साल अपनी वापसी को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि वापसी के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। वह ऑस्ट्रेलिया में टीम के साथ जुड़कर खुश हैं। वह वर्ल्डकप को लेकर उत्साहित हैं।
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