टीम इंडिया पर भारी पड़ रहे रोहित-राहुल के एक्सपेरिमेंट: बाबर का विकेट लेने वाले बिश्नोई टीम से बाहर, 3 साल बाद अचानक उमेश को मौका
नई दिल्लीएक मिनट पहले
टी-20 क्रिकेट में दुनिया की नंबर-1 टीम भारत पिछले 4 मैचों में 3 मुकाबला हार चुकी है। एशिया कप में टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई। अब ऑस्ट्रेलिया से भी पहला मुकाबला हम हार गए हैं। स्थिति इतनी खराब हो चली है कि एक्सपर्ट्स और फैंस कह रहे हैं कि इस टीम से अगले वर्ल्ड कप में कोई उम्मीद नहीं है। इस आर्टिकल में हम जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर भारतीय टीम कहां गलती कर रही है। मामले को बेहतर तरीके से समझ सकें इसके लिए सबसे पहले एशिया कप से जुड़ा एक वाकया पढ़िए।
एशिया कप के सुपर-4 में भारत पाकिस्तान का मुकाबला खेला जा रहा था। टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करती है और 181 रन बना देती है। टारगेट का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम के खिलाफ चौथा ओवर डालने राजस्थान के जोधपुर में जन्मा 22 साल का लड़का रवि बिश्नोई आता है। उनके सामने दुनिया के नंबर-1 बल्लेबाज माने जाने वाले बाबर आजम थे।
बिश्नोई ने गुडलेंथ के साथ मिडिल स्टंप पर बॉल डाली, गेंद गिरने के बाद अंदर की ओर आई। बाबर बैकफुट पर गए और मिडविकेट पर शॉट खेलना चाहा, लेकिन वहां कप्तान रोहित शर्मा पहले से खड़े थे और उन्होंने कैच लपक लिया।
इस युवा सनसनी को कप्तान रोहित ने फिर 18वें ओवर में गेंदबाजी सौंपी। तीसरी गेंद बिश्नोई ने बड़ी ही साहस से तीनों स्टंप के बीच में डाली। आसिफ अली स्लॉग स्वीप करने गए, लेकिन बॉल ने टॉप एज ले लिया। गेंद शॉर्ट थर्डमैन पर खड़े अर्शदीप सिंह के पास गई, लेकिन उन्होंने आसान सा कैच छोड़ दिया।
18वें ओवर में रवि ने सिर्फ 8 रन दिए। अगर ये कैच पकड़ा जाता तो हम मैच जीत सकते थे। टीम मैनेजमेंट ने रवि से पॉवरप्ले में गेंदबाजी करवाई। उन्होंने शानदार गेंदबाजी की, डेथ ओवर करने के लिए कहा गया। उन्होंने वहां भी अच्छा किया, लेकिन इसके बाद उस खिलाड़ी को अगले ही मैच में प्लेइंग-11 से बाहर कर दिया गया।
कहा गया कि श्रीलंका के पास ज्यादा लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज हैं इसलिए ऑफ स्पिनर आर. अश्विन खेलेंगे। वैसे पाकिस्तान के पास भी फखर जमान, खुशदिल शाह और मोहम्मद नवाज के रूप में लेफ्ट हैंड बैटर थे, फिर भी बिश्नोई को मौका मिला था। अब बिश्नोई ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भी टीम का हिस्सा नहीं हैं।
बिश्नोई के साथ जो हुआ वह सिर्फ एक उदाहरण है। कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने पिछले कुछ महीनों में ऐसे ही कई अजीबो-गरीब एक्सपेरिमेंट किए। कई ऐसे फैसले लिए जिनकी वजह से अब तक सही टीम कॉम्बिनेशन नहीं बन पाया है।
आइए आपको पिछले दिनों लिए गए टीम मैनेजमेंट के ऐसे ही अजीब फैसलों के बारे में बताते हैं …
1. तीन साल से बाहर चल रहे उमेश यादव को टीम में चुना गया?
किसी भी बड़ी टीम में अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है या फिर वो किसी कारण टीम से बाहर हो जाता है तो टीम मैनेजमेंट युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताती है, लेकिन टीम इंडिया में इसके उलट हो रहा है।
मोहम्मद शमी कोरोना पॉजिटिव होने के कारण टीम से बाहर होते हैं तो 34 साल के तेज गेंदबाज उमेश यादव की वापसी होती है। उमेश ने अपना आखिरी टी-20 इंटरनेशनल मुकाबला 2019 में खेला था। वापसी तक तो ठीक है, उन्हें प्लेइंग इलेवन में भी मौका दे दिया जाता है। वहीं, दीपक चाहर जो भारत और IPL में लगातार खेलते रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन भी किया, वह डग-आउट में बैठकर भारत की हार को देखते हैं। मजे की बात यह है कि दीपक चाहर वर्ल्ड कप के लिए रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल हैं। वहीं, उमेश न तो वर्ल्ड कप की मुख्य टीम का हिस्सा हैं और न ही रिजर्व का। फिर भी उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल कर लिया जाता है।
2. अश्विन 2021 के बाद अचानक टीम में कहां से आ गए?
आर. अश्विन 2021 टी-20 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा थे। उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में भी उनको मौका मिला। 19 नवंबर 2021 को उन्होंने भारत के लिए आखिरी टी-20 मैच खेला। फिर 8 महीने वो क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट से बाहर रहे और अचानक 29 जुलाई 2022 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 मैच खेलने उतर गए। उसके बाद एशिया कप में उन्हें मौका मिला और अब वह वर्ल्ड कप की टीम का भी हिस्सा हैं। ऐसे में अब सवाल उठता कि अगर अश्विन इतने बेहतर टी-20 गेंदबाज थे तो फिर आठ महीने बाहर क्यों रहे?
3. भुवनेश्वर एक ही गलती बार-बार किए जा रहे हैं, फिर भी टीम सपोर्ट क्यों कर रही?
एशिया कप 2022 में भारत पाकिस्तान सुपर-4 मुकाबले में भुवनेश्वर ने 19वें ओवर में 19 रन दिए। इसके अगले मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ उन्हें फिर गेंदबाजी दे दी गई और उन्होंने 14 रन खर्च कर दिए।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच रोहित ने फिर भुवनेश्वर से डेथ ओवर में गेंदबाजी करवाई और उन्होंने पहले 17वें ओवर में 14 रन और फिर 19वें ओवर में 16 रन दे दिए। इस साल 13 पारियों में भुवी ने डेथ ओवरों में गेंदबाजी की है और इस दौरान उनका इकोनॉमी 10.73 का रहा है।
टीम के कोच रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ कोई बोल्ड डिसीजन ले ही नहीं पा रहे हैं। एशिया कप में दिनेश कार्तिक को टीम से बाहर कर दिया गया। वहीं, दीपक हुड्डा को टीम में रखकर भी गेंदबाजी नहीं करवाई गई, ये ऐसे फैसले हैं जो समझ के परे हैं।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने भारत को पहले मैच में आइना भी दिखा दिया। कैमरून ग्रीन जैसे युवा खिलाड़ी से उनके टीम मैनेजमेंट ने पहली बार ओपनिंग करवाई और उन्होंने 61 रन बना दिए। भारतीय टीम मैनेजमेंट को भी ऐसे बोल्ड फैसले लेने होंगे, नहीं तो वर्ल्ड कप जीतना भी मुश्किल होने वाला है।
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