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इनकम टैक्स रिफंड: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 31 अगस्त तक 1.97 करोड़ करदाताओं को जारी किया रिफंड, ऐसे चैक करें आपको मिला या नहीं

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नई दिल्ली18 घंटे पहले

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1 अप्रैल 2022 से 31 अगस्त 2022 तक 1.97 करोड़ करदाताओं को 1.14 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया है। इसमें से 61 हजार 252 करोड़ रुपए का रिफंड पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड के रूप में 1.96 करोड़ करदाताओं को दिया है। वहीं 1.47 लाख करदाताओं को 53 हजार 158 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड दिया है।

ऐसे चेक कर सकते हैं अपने रिफंड का स्टेटस

  1. करदाता tin.tin.nsdl.com पर जा सकते हैं।
  2. रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यहां दो जानकारी भरने की जरूरत है – पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है वो साल।
  3. अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।
  4. इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।

कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अब तक रिफंड नहीं मिला है। अगर आपका भी रिफंड नहीं मिला है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि रिफंड देरी से आने के क्या कारण हो सकते हैं।

बैंक अकाउंट की गलत जानकारी देना
CA अभय शर्मा (पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट शाखा) कहते हैं कि हाल ही में कई बैंकों को दूसरे बैंकों में मर्ज किया गया है। ऐसे में कई बैंकों के IFSC कोड बदल गए हैं। अगर आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है। आप घर बैठे ही https://www.incometax.gov.in पर जाकर इसे अपडेट कर सकते हैं।

बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट होना जरूरी
जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट (पहले से सत्यापित) करा लें। इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद यदि आपका कोई रिफंड बनता है तो वह आपको इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) के जरिए मिलता है। इसके लिए जरूरी है कि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट हो ताकि आपको रिफंड मिलने में देरी न हो।

रिटर्न वेरिफाई नहीं करने पर भी लगता है ज्यादा समय
आपने रिटर्न समय पर फाइल कर दिया, लेकिन हो सकता है कि आपने ITR का वेरिफिकेशन नहीं किया। जब तक आप वेरिफाई नहीं करेंगे, आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। यानी, जो ITR आपने दाखिल किया है, उसको वैरिफाई करना जरूरी है। यह भी रिफंड मिलने में देरी का कारण हो सकता है।

आयकर विभाग के ईमेल का जवाब न देना
CA अभय शर्मा के मुताबिक आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल का जवाब न देने के कारण भी रिफंड अटक सकता है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल में करदाताओं से उनकी बकाया मांग, उनके बैंक खाते तथा रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है। इसकी जानकारी सही समय पर न देने पर भी आपका रिफंड अटक सकता है।

आमतौर पर 2 से 3 महीने में आ जाता है रिफंड
ITR प्रोसेसिंग के बाद टैक्स रिफंड आने में करीब एक महीने का समय आमतौर पर लगता है। सामान्य रूप से सेंट्रलाइज प्रोसेसिंग सेक्टर से ITR के प्रोसेसिंग को पूरा होने में 2 से 3 महीने का समय लग जाता है।

क्या होता है रिफंड?
कंपनी अपने कर्मचारियों को सालभर वेतन देने के दौरान उसके वेतन में से टैक्स का अनुमानित हिस्सा काटकर पहले ही सरकार के खाते में जमा कर देती है। कर्मचारी साल के आखिर में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, जिसमें वे बताते हैं कि टैक्स के रूप में उनकी तरफ से कितनी देनदारी है। यदि वास्तविक देनदारी पहले काट लिए गए टैक्स की रकम से कम है, तो शेष राशि रिफंड के रूप में कर्मचारी को मिलती है।

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