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बीमे की बात: बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के बीच साइबर इंश्योरेंस जरूरी, ये नुकसान होने पर करता है आपके नुकसान की भरपाई

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नई दिल्ली3 दिन पहले

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जैसे-जैसे साइबर और डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ रहा है, साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। कोविड के दौरान ऑनलाइन या डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़े। इसके चलते साइबर फ्रॉड में कई गुना बढ़ोतरी हो गई है। साइबर अपराधी कई तरीकों से आपके कीमती डेटा, पहचान इत्यादि की चोरी कर सकते हैं या उनको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे बचने के लिए साइबर इंश्योरेंस लेना समझदारी भरा फैसला हो सकता है।

क्या है साइबर इंश्योरेंस?
साइबर इंश्योरेंस साइबर फ्रॉड से नुकसान की भरपाई के अलावा तीसरे पक्ष के दावे की वजह से आई वित्तीय देनदारियों को भी कवर करता है। कॉम्प्रिहेंसिव साइबर इंश्योरेंस प्लान किसी साइबर हमले का शिकार होने के बाद मानसिक आघात, तनाव या घबराहट की वजह से ली गई चिकित्सकीय काउंसलिंग को भी कवर करता है।

कवर होने वाली प्रमुख चीजें

  • ईमेल स्पूफिंग, फिशिंग के चलते हुआ नुकसान
  • बैंक अकाउंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड या ई-वॉलेट से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी
  • गोपनीयता पर हमले से प्रतिष्ठा का नुकसान
  • पहचान की चोरी के बाद मुकदमेबाजी की लागत से जुड़े नुकसान और खर्च
  • डेटा या कंप्यूटर प्रोग्राम को हुए नुकसान के बाद रिस्टोरेशन और इंस्टॉलेशन खर्च
  • तीसरे पक्ष के दावे के बाद कोर्ट में पेशी के लिए परिवहन में किया गया खर्च

साइबर अटैक से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • पर्सनल डिवाइस पर एप में संवेदनशील डेटा स्टोर करते समय आपके पास ऐसा सिक्युरिटी टूल होना चाहिए जो मालवेयर, रेंसमवेयर या साइबर क्राइम का पता लगा सके। घर के नेटवर्क में इसके लिए अक्सर फायरवॉल और एनक्रिप्शन का उपयोग किया जाता है। फायरवॉल डिवाइस, एप्लीकेशन को साइबर हमले से बचाती है। या ऐसी कोई वेबसाइट जो आपके नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश करती है उसका पता लगाकर उसे रोकती है। पब्लिक वाई-फाई से जुड़ना भी स्मार्टफोन और एप के लिए जोखिम की वजह बन सकता है।
  • साइबर अपराधी अक्सर ई-मेल के जरिए फिशिंग हमले करते हैं। यूजर को ऐसे ई-मेल असली लगते हैं लेकिन वह फर्जी होते हैं। इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अज्ञात सोर्स वाले ई-मेल या किसी अज्ञात वेबसाइट की अचानक खुलने वाली पॉप-अप विंडो में दी लिंक को क्लिक न करें। न ही डाउनलोड लिंक पर क्लिक न करें। अज्ञात वेबसाइट पर अपना ई-मेल रजिस्टर्ड करने से बचें। कोई वेबसाइट सही है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए वेबसाइट के नाम के आगे देखें कि https:// लगा या नहीं।
  • हर प्लेटफॉर्म पर पासवर्ड मजबूत बनाएं। पासवर्ड में अल्फा-न्यूमरिक के साथ-साथ स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करें। अलग-अलग अकाउंट पर एक ही पासवर्ड इस्तेमाल न करें। किसी एक वेबसाइट पर पासवर्ड लीक हो गया तो कोई दूसरा आपके दूसरे अकाउंट में सेंध लगा सकता है। किसी भी दूसरे व्यक्ति को अपना पासवर्ड देने से बचें।
  • सुरक्षा के तमाम उपाय करने के बावजूद हैकर्स साइबर क्राइम के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसे देखते हुए साइबर-इंश्योरेंस बीमा कवर लेना अब जरूरत बन गया है। एक कॉम्प्रिहेंसिव साइबर इंश्योरेंस कवर विभिन्‍न प्रकार के साइबर जोखिम के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इनमें आईडेंटिटी की चोरी, मालवेयर अटैक, आईटी चोरी से नुकसान, साइबर एक्सटोर्शन आदि शामिल हैं। यह बीमा ई-मेल स्पूफिंग और फिशिंग से होने वाले नुकसान भी सुरक्षा मुहैया कराता है। ऐसे किसी नुकसान के मामले में बचाव के लिए कानूनी खर्च, डेटा या कंपयूटर प्रोग्राम रि-इन्स्टाल करवाने आदि के खर्च पर भी बीमा कवर उपलब्ध होता है।

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