काम की बात: FD कराने का बना रहे हैं प्लान तो लैडरिंग और शॉर्ट टर्म FD सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे होगा ज्यादा फायदा
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नई दिल्ली2 दिन पहले
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ब्याज दरें चार साल बाद फिर बढ़ने लगी हैं। कुछ दिनों पहले ही रिजर्व बैंक ने दरें बढ़ाई हैं। इससे बैंक और डिपॉजिट रेट बढ़ने लगेंगे। बैंकों ने लोन की दरें बढ़ाना शुरू कर दी हैं। हम डिपॉजिट दरों में भी हल्की बढ़ोतरी देख रहे हैं। अगर आपकी कमाई फिक्स्ड डिपाजिट (FD) पर निर्भर है तो बैंकबाजार के CEO आदिल शेट्टी आपको बता रहे हैं कि आने वाले हफ्तों में किन बातों का ध्यान रखना है।
शॉर्ट टर्म FD करवाएं
बैंकों में सबसे ऊंची दरें 3 साल से लंबी अवधि वाले डिपॉजिट पर मिलती हैं। इनसे कम अवधि के डिपॉजिट पर दरें कम हैं। उदाहरण के लिए केनरा बैंक की एक साल की FD की दर 5.30% है और 5 साल की एफडी की दर 5.75% है। ग्राहक फिलहाल कम अवधि की डिपॉजिट बना सकते हैं। जब दरें काफी बढ़ जाएं, तो थोड़ी लंबी अवधि की डिपॉजिट भी बना लें।
लैडरिंग करें
अपनी ब्याज दरों को लैडर यानी सीढ़ी के पायदान की तरह सेट करें। अलग-अलग अवधि और ब्याज दरों पर डिपॉजिट करें। इससे आपको ज्यादा ब्याज कमाने का तरीका मिलेगा और आपका पैसा किसी एक रेट के डिपॉजिट में नहीं फंसेगा। हर थोड़े-थोड़े समय में आपकी डिपाजिट मैच्योर होंगी और आप उन्हें ऊंची दरों के लिए पुनर्निवेश कर सकते हैं।
प्राइवेट-सरकारी बैंक की ब्याज दरों में फर्क
हर बैंक अपनी ब्याज दर पर जमाकर्ता से डिपॉजिट लेता है। निजी बैंक आम तौर पर आपको ज्यादा ब्याज देंगे। इनके मुकाबले सरकारी बैंक थोड़ा कम रेट देंगे। उदाहरण के लिए ICICI बैंक की 5 साल की FD की दर 5.60% है और भारतीय स्टेट बैंक की दर 5.40% है।
सरकारी और निजी डिपॉजिट की तुलना में एक एक्सेप्शन यह है कि पोस्ट ऑफिस की दरें इन दोनों से काफी ज्यादा हैं। उनकी 5 साल की FD पर आपको 6.7% ब्याज मिलेगा। बहरहाल ये सारी दरें अब बढ़ने वाली हैं।
बड़े-छोटे बैंकों में अंतर समझें
सबसे ऊंची दर छोटे बैंकों से मिलती हैं। बड़े बैंक, खासकर सरकारी बैंकों में दरें कम होंगी। उदाहरण के लिए सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक 3 साल के FD पर 7% ब्याज देता है। ऐसे कई सहकारी यानी को-ऑपरेटिव बैंक भी हैं, जो आपको इससे भी ज्यादा दरें देंगे। रिस्क जितना कम होगा, रिटर्न भी उतना ही कम मिलेगा। रिस्क ज़्यादा होगा तो रिटर्न बढ़ेगा।
हर बैंक में कुछ रिस्क होता है, जो आपको ग्राहक होने के तौर पर समझना चाहिए। कुछ ऐसे भी बैंक हैं जो ऊंची दर दे रहे हैं, लेकिन बीते सालों में RBI ने उन पर कार्रवाई की थी और ग्राहकों का पैसा अटक गया था।
बैंक और कंपनियों में अंतर
बैंक और पोस्ट ऑफिस के अलावा आप कंपनी FD में भी पैसा लगा सकते हैं। कंपनी की क्रेडिट रेटिंग देखें। अगर यह AAA है, तो सेफ माना जाएगा। AAA से कम है तो रिस्क है और आपका पैसा अटक सकता है। इस विकल्प से आपको 100 से 200 आधार अंक (1-2%) ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। इससे आपकी कमाई को काफी मदद मिल सकती है।
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