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राहत की उम्मीद: खाने के तेल की कीमतों में आ सकती है 3 से 5 रुपए प्रति लीटर की कमी, इंडस्ट्री संगठन ने की मांग

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मुंबई16 घंटे पहले

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खाने के तेल की कीमतों में आने वाले दिनों में 3 से 5 रुपए प्रति लीटर की कमी आ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस इंडस्ट्री के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने अपने सदस्यों से इस तरह की मांग की है।

SEA ने की अपील

SEA ने सोमवार को अपने सदस्यों से कहा कि वे तुरंत खाने के तेल की कीमतों में कमी करें। यह कमी अधिकतम खुदरा मूल्य में की जाएगी। हालांकि संगठन ने यह भी कहा है कि जिस तरह के वैश्विक घटनाक्रम बन रहे हैं, उससे खाने के तेल की कीमतों में बहुत ज्यादा गिरावट आने की उम्मीद नहीं है।

दूसरी बार कटौती की मांग

यह दूसरा मौका है जब SEA ने अपने सदस्यों से अधिकतम खुदरा मूल्य में कटौती करने की अपील की है। पिछली बार, इसने नवंबर 2021 में दिवाली के आस-पास कीमतों में 3 से 5 रुपए की कमी करने की मांग की थी। इसके बाद तेल कंपनियों ने ऐसा किया था। भारत अपने खाद्य तेलों की 60% से अधिक की मांग को आयात के जरिए पूरा करता है।

पाम तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटी

भारत ने खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों पर अंकुश रखने के लिए पिछले कुछ महीनों में पाम तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने, स्टॉक सीमा लागू करने जैसे विभिन्न कदम उठाए थे। सरकार के इन सक्रिय प्रयासों के बावजूद, औसत खुदरा कीमतें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में अभी भी ज्यादा हैं।

नरमी के तुरंत कोई संकेत नहीं

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि इन कीमतों में नरमी के कोई तत्काल संकेत नहीं दिख रहे हैं। इंडोनेशिया जैसे कुछ निर्यातक देशों ने भी लाइसेंस के जरिए पाम तेल के निर्यात को रेगुलेट करना शुरू कर दिया है।

खाने के तेल की कीमतें आसमान पर

वैश्विक खाद्य तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव उस क्षेत्र से आने वाले सनफ्लावर तेल के लिए आग में घी डालने का काम कर रहा है। ला नीना के कारण ब्राजील में खराब मौसम ने भी लैटिन अमेरिका में सोया की फसल को काफी कम कर दिया है। इस वैश्विक स्थिति को देखते हुए, SEA ने कहा कि हालांकि इसके सदस्य खाने के तेलों की सप्लाई बनाए रखने के लिए जूझ रहे हैं।

सरसों की फसल बेहतर है

SEA ने कहा कि घरेलू सरसों की फसल काफी बेहतर है। चालू वर्ष के दौरान रिकॉर्ड फसल की उम्मीद की जा रही है। इससे ग्राहकों को कुछ राहत मिल सकती है। इसके अलावा, सरकार नई सरसों की फसल बाजार में आने से पहले कीमतों को नरम करने के लिए तुरंत कदम उठाने में सक्रिय रही है। कच्चे पाम तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में हाल ही में 2.5% की कमी इसका एक उदाहरण है।

पिछले साल की तुलना में इस साल बढ़ीं कीमतें

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मूंगफली तेल का औसत खुदरा मूल्य 20 फरवरी को 177.75 रुपए प्रति किलोग्राम था, जो एक साल पहले 164.55 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक था। इसी तरह, सरसों तेल का खुदरा मूल्य इस साल 20 फरवरी को 187.03 रुपए प्रति किलोग्राम था, जबकि 2021 में इसी समय यह 145.02 रुपए प्रति किलोग्राम था। आंकड़ों से पता चलता है कि सनफ्लावर तेल की खुदरा कीमत भी 144.22 रुपए प्रति किलोग्राम के मुकाबले 161.75 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है, जबकि पाम तेल की कीमत 113.89 रुपए से बढ़कर 130.53 रुपए हो गई है।

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