चीन के साथ टेंशन का ट्रेड पर असर नहीं: भारत ने रिकॉर्ड 6.59 लाख करोड़ रु. का आयात किया, ये पिछले साल से 49% ज्यादा
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नई दिल्ली4 घंटे पहले
भारत और चीन के बीच आपसी कारोबार इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। एक जनवरी से 30 नवंबर 2021 के बीच दोनों देशों में कुल 8.57 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जो पिछले पूरे साल के मुकाबले 46.4% ज्यादा है। अहम बात यह है कि इन 11 महीने में भारत ने चीन से 6.59 लाख करोड़ रु. का सामान खरीदा, जो पिछले साल के मुकाबले 49% ज्यादा है।
वहीं, चीन ने भारत से कुल 1.98 लाख करोड़ रु. का सामान खरीदा, जो पिछले साल के मुकाबले 38.5% ज्यादा है। इसके बावजूद भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 4.61 लाख करोड़ हो गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। दोनों देशों के बीच रिकॉर्ड कारोबार का यह आंकड़ा दुनिया को इसलिए चौंका रहा है, क्योंकि पिछले साल से दोनों देशों के बीच एलएसी पर तनाव बढ़ा हुआ है। दोनों तरफ से 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। यह संख्या 1962 के युद्ध के बाद सबसे ज्यादा है।
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2021 भारत से व्यापार के नजरिए से चीन के लिए बेहद अच्छा रहा
सीमा विवाद को लेकर कमांडर लेवल की 12 वार्ता विफल होने के बावजूद दोनों देशों में विदेश मंत्रालय स्तर पर समन्वय बरकरार है। चीनी सरकार द्वारा जारी व्यापार आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 भारत से व्यापार के नजरिए से उनके लिए बेहद अच्छा रहा है। व्यापार बढ़ाने के लिए दोनों देश हाईलेवल इकोनॉमिक एंड ट्रेड डायलॉग (एचईटीडी) बनाने पर राजी हो चुके हैं। इसमें भारत के विदेशमंत्री और चीन के वाइस प्रीमियर शामिल होंगे।
2020 में चीन से भारत आया 6.6 लाख करोड़ का माल
2020 में भारत का चीन से व्यापार 6.6 लाख करोड़ (87.6 अरब डॉलर) का था। इसमें करीब 50.28 लाख अरब डॉलर चीन से भारत को आयात था। इसके पहले साल 2019 में भारत ने चीन से सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक मशीनरी और इक्विपमेंट (20.17 अरब डॉलर) का आयात किया, इसके अलावा ऑर्गनिक केमिकल 8.39 अरब डॉलर, उर्वरक 1.67 अरब डॉलर भारत के शीर्ष आयात थे।
साल 2014-15 से 2019-20 के बीच के व्यापार के आंकड़े यह दिखाते हैं कि भारत कम मूल्य के कच्चे माल का निर्यात करता है, जबकि हाई वैल्यू वाले मैन्युफैक्चरिंग गुड्स का आयात करता है।
भारत लौह अयस्क और पेट्रोलियम ईंधन का करता है निर्यात
भारत से चीन का निर्यात मुख्य रूप से लौह अयस्क, पेट्रोलियम ईंधन, कार्बनिक रसायन, रिफाइंड कॉपर, कॉटन यार्न का होता है। इसके अलावा निर्यात होने वाली खाद्य वस्तुओं में मछली एवं सी फूड, काली मिर्च, वनस्पति तेल, वसा आदि प्रमुख हैं। ग्रेनाइट ब्लॉक एवं अन्य बिल्डिंग स्टोन और रॉ कॉटन का भी निर्यात हुआ।
इन चीजों का होता है आयात
पिछले कुछ साल से भारत में चीन से आयात होने वाली प्रमुख वस्तुओं में ऑटोमेटिक डेटा प्रोसेसिंग मशीन एवं यूनिट, टेलीफोन इक्विपमेंट और वीडियो फोन, इलेक्ट्रॉनक सर्किट, ट्रांजिस्टर्स एवं सेमीकंडक्टर डिवाइस, एंटीबायोटिक्स, उर्वरक, साउंड रिकॉर्डिंग , डिवाइस और टीवी कैमरा, ऑटो कम्पोनेंट एवं एसेसरीज और प्रोजेक्ट गुड्स शामिल हैं। भारत अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर चीन से तैयार उत्पादों का आयात करता है। इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर बाजार में चीन हावी है।
व्यापार घाटा क्या होता है?
किसी भी देश के निर्यात वैल्यू के मुकाबले यदि आयात का वैल्यू ज्यादा होता है, तो उसे व्यापार घाटा या ट्रेड डिफिसिट कहा जाता है। आयात का वैल्यू निर्यात वैल्यू के मुकाबले जितना ज्यादा होता है, उतने का ट्रेड डिफिसिट होता है।
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