फरवरी तक कम होंगे दाम: सरसों तेल का उत्पादन 10 लाख मीट्रिक टन बढ़ा, केंद्र ने इंपोर्ट बढ़ाने और राज्य सरकारों को जमाखोरी रोकने को कहा
नई दिल्ली4 घंटे पहले
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सरकार ने त्योहारी सीजन में दालों और खाद्य तेल की कीमतों की महंगाई को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। केंद्र ने इंपोर्ट बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकारों को खाद्य पदार्थों की जमाखोरी पर लगाम लगाने का निर्देश दिया है।
खाद्य मंत्रालय के सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, ‘सरसों के तेल का उत्पादन 10 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। सरकार को उम्मीद है कि इन कदमों का असर जल्द ही दिखने लगेगा और खाद्य तेल की कीमतों में कमी आने लगेगी। इससे त्योहारी सीजन में लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी।’
अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल का भारत पर ज्यादा असर नहीं
पांडे ने कहा, मलेशिया में लेबर शॉर्टेज और बायो-फ्यूल के लिए खाद्य तेल के डायवर्जन के कारण अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल आया है। इसके बावजूद भारत में इसकी कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
इस साल तुअर दाल का ज्यादा इंपोर्ट
अधिकारी ने कहा कि सरकार दालों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार तुअर दाल का ज्यादा इंपोर्ट किया गया है।
खाद्य तेल और दालों के दाम फरवरी से कम होने लगेंगे
अगले महीने राज्यों के साथ बैठक कर देश में खाद्य तेल और दालों की कीमतों की फिर से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि देश में खाद्य तेल और दालों के दाम फरवरी से कम होने लगेंगे। तब तक नई फसल आ चुकी होगी, जो बढ़ती महंगाई से राहत दिलाएगी।
जमाखोरी पर कानूनी कार्रवाई होगी
पांडे ने कहा कि राज्य सरकारें व्यापारियों से बातचीत कर अगले सप्ताह से स्टॉक की सीमा तय करना शुरू कर देंगी। यदि कोई व्यापारी निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक जमा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्याज की कीमत पर नजर रखने के लिए हर हफ्ते बैठक
पांडे ने बताया कि प्याज की कीमत पर नजर रखने के लिए मंत्रालय की हर हफ्ते बैठक होगी। इस समय देश में 1 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है।
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