‘चोर दरवाजा’ बंद करने की कोशिश: चीन की टेक कंपनियां अमेरिकी शेयर बाजारों में लिस्ट नहीं हो पाएंगी, उन पर नकेल कसने के लिए रूल्स बनाने में जुटी सरकार
- Hindi News
- Business
- China To Stop Data Heavy Tech Companies From Listing On US Stock Markets, Framing Law To Ban Them
14 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
चीन की सरकार नहीं चाहती कि जिन कंपनियों के पास बड़े पैमाने पर कंज्यूमर के सेंसेटिव डेटा हैं, उनके शेयर अमेरिकी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हों। जानकार सूत्रों ने बताया कि वह इसके लिए नए रूल बनाने पर विचार कर रही है, जिससे बड़ी टेक कंपनियों के विदेश में लिस्टिंग की योजनाओं पर पानी फिर सकता है।
हेवी यूजर डेटा वाली इंटरनेट कंपनियों पर लग सकती है रोक
चीन के स्टॉक मार्केट रेगुलेटर के अफसरों ने हाल के हफ्तों में कुछ कंपनियों और इंटरनेशनल इनवेस्टरों से बात की थी। उन्होंने कहा था कि जिन इंटरनेट कंपनियों के पास बड़े पैमाने पर यूजर डेटा होंगे, नए रूल में उनके विदेश बाजारों में लिस्ट होने पर रोक होगी। सरकार इन रूल्स से उन कंपनियों पर नकेल कसना चाहती है, जो विदेश में बनाई कंपनियों के जरिए बाहर लिस्ट होना चाहती हैं।
फार्मा कंपनियों को मिल सकती है विदेश में लिस्टिंग की इजाजत
चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन के अफसरों ने यह भी कहा कि जिन कंपनियों के पास कम संवेदनशील डेटा होंगे उनको विदेश में लिस्ट होने की इजाजत मिल सकती है। सूत्रों ने बताया कि जिन कंपनियों को विदेश में लिस्ट होने की इजाजत रेगुलेटर से मिल सकती है, वे फार्मास्यूटिकल जैसी इंडस्ट्री की हो सकती हैं।
टेक और एडुकेशन सेक्टर को संवेदनशील मानती है सरकार
नए रूल से चीन को बड़ी टेक कंपनियों के पेचीदा कॉरपोरेट स्ट्रक्चर पर ज्यादा कंट्रोल बनाने में मदद मिलेगी। उन कंपनियों ने देश में विदेशी निवेश पर लगी पाबंदियों से बचने के लिए ऐसा किया हुआ है। चीन की सरकार राजनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते इंटरनेट, टेलीकॉम और एडुकेशन जैसे सेक्टर को संवेदनशील मानती है।
‘वैरिएबल इंटरेस्ट एंटिटी’ का चोर दरवाजा बंद करने की कवायद
अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग, दीदी ग्लोबल इंक और टेनसेंट होल्डिंग्स सहित चीन की बहुत सी दिग्गज टेक कंपनियों ने विदेशी निवेश हासिल करने और फॉरेन में लिस्टिंग के लिए एक पेचीदा कॉरपोरेट स्ट्रक्चर बनाया है। ये वैरिएबल इंटरेस्ट एंटिटी कहलाती हैं। इसमें निवेशकों की सीधी हिस्सेदारी नहीं होती और न ही उनके पास वोटिंग राइट्स होते हैं, उनको प्रॉफिट में कुछ पर्सेंट हिस्सा मिलता है।
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.