फायदे का सौदा है गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश: पांच सालों में मिला 80% का फायदा, सालाना 2.5% ब्याज मिलता है
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मुंबई11 घंटे पहले
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- गोल्ड बॉन्ड स्कीम का भाव सोने की कीमतों के आधार पर तय होता है
- इस स्कीम का ब्याज हर छमाही में निवेशकों को मिलता है
सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को फिर से जारी किया है। इस हफ्ते यह स्कीम बंद हो जाएगी। अगर किसी ने इस स्कीम के पहले चरण में निवेश किया होगा तो उसे 6 सालों में 80% का फायदा मिला है। साथ ही उसे सालाना 2.5% का ब्याज भी मिला है।
पहली सीरीज में 2,684 रुपए था भाव
2015-16 में जब स्कीम को लॉन्च किया गया था, तब इसका प्रति ग्राम भाव 2,684 रुपए था। इस पर 50 रुपए का डिस्काउंट था। यानी भाव 2,634 रुपए हो गया था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अभी जो सीरीज लॉन्च हुई है, उसका भाव 4,790 रुपए है। 50 रुपए डिस्काउंट के साथ यह भाव अब 4,740 रुपए पर आ गया है। इस तरह से पिछले 6 सालों में इस स्कीम से 80% का रिटर्न मिला है।
2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है
इस रिटर्न के साथ 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है। हालांकि पहली बार जब स्कीम लॉन्च हुई थी, तब ब्याज 2.75% था। बाद में इसे घटा दिया गया। इस स्कीम में अगर आप निवेश करते हैं तो 8 साल में इसकी मैच्योरिटी होती है। हालांकि आप चाहें तो 5 साल बाद इसे बेच सकते हैं। गोल्ड बॉन्ड स्कीम की कीमत सोने की कीमत के आधार पर तय की जाती है। यह कभी सोने की कीमत से ज्यादा होती है तो कभी कम होती है। इस साल में सोने ने हालांकि घाटा दिया है। जबकि अभी जो बॉन्ड स्कीम सीरीज चालू है, उसमें प्रति ग्राम भाव सोने की कीमत से ज्यादा है। सोने की कीमत 4,600 रुपए प्रति ग्राम है जबकि बॉन्ड स्कीम का भाव प्रति ग्राम 4,790 रुपए है।
2016 में भाव घट कर 2,600 रुपए हो गया था
पहली सीरीज में इसका भाव 2,684 रुपए प्रति ग्राम था। जुलाई 2016 में जब सोने की कीमतें घटीं तो बॉन्ड की कीमतें भी घट गईं। तब बॉन्ड में प्रति ग्राम सोने की कीमत 2,600 रुपए तय की गई। 2016-17 में इस स्कीम में प्रति ग्राम कीमत 3,119 रुपए तय की गई तो पिछले साल नवंबर में यह 5,177 रुपए प्रति ग्राम पर पहुंच गई थी। यह सबसे ज्यादा कीमत थी।
2016-17 में 3,452 करोड़ रुपए मिले थे
सरकार के मुताबिक, 2016-17 में इससे कुल 3,452 करोड़ रुपए मिले थे। 6 सालों में सरकार को 31 हजार करोड़ रुपए इस स्कीम से मिले हैं। इसी हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस स्कीम के पीछे एक अल्टरनेट फाइनेंशियल असेट को डेवलप करना है, ताकि लोग फिजिकल सोने की बजाय यहां भी सोने को खरीद और बेच सकें। इस स्कीम को सरकार ने 5 नवंबर 2015 को नोटिफाई किया था।
हर आदमी 4 किलो सोना खरीद सकता है
इस बॉन्ड में व्यक्तिगत निवेश की सीमा हर वित्त वर्ष में 4 किलो ग्राम सोने की है। जबकि ट्रस्ट और इस तरह के संस्थान के लिए यह सीमा 20 किलो ग्राम सोने की है। इस बॉन्ड्स पर ब्याज का पेमेंट छमाही आधार पर होता है। बॉन्ड पर दिया जाने वाला ब्याज इनकम टैक्स एक्ट के तहत टैक्स के दायरे में आता है। यानी आपको इसकी ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स भी देना होगा।
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