Quick News Bit

किसान पिता ने रवि को बनाया चैंपियन: पहलवान बेटे तक दूध पहुंचाने के लिए रोज 60 किमी. सफर करते थे, पूरे गांव को उम्मीद- छोरा जीता तो बिजली मिलेगी

0

टोक्यो12 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

फहलवान रवि कुमार दहिया सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं।

भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। अब वे मेडल से सिर्फ एक जीत की दूरी पर हैं। रवि को 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के अंतिम 4 में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव से मुकाबला करना है। इस मैच में जीत हासिल करते ही वे गोल्ड या सिल्वर में से एक मेडल पक्का कर लेंगे। वे सेमीफाइनल में हार भी जाते हैं तो ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगे।

रवि का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने और उनके पिता ने इसके लिए कई सालों से काफी संघर्ष किया है। उनके गांववालों को उम्मीद है कि रवि की कामयाबी से सरकार की नजर वहां के खराब हालात पर जाएगी और स्थिति में सुधार होगा।

क्वार्टर फाइनल बाउट में बुल्गारिया के पहलवान को पटखनी देते रवि कुमार दहिया।

क्वार्टर फाइनल बाउट में बुल्गारिया के पहलवान को पटखनी देते रवि कुमार दहिया।

अपने गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं रवि
रवि कुमार हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव के रहने वाले हैं। इस गांव से उनसे पहले महावीर सिंह (1980 और 1984 में) और अमित दहिया (2012 में) ओलिंपिक में देश को रिप्रजेंट कर चुके हैं। लेकिन, इन दोनों ने मेडल जीतने में कामयाबी हासिल नहीं की थी।

पिता राकेश ने गरीबी और मुश्किलों को पटखनी दी है
रवि मैट पर कुश्ती लड़ें और जीतें इसके लिए उनके पिता राकेश कुमार दहिया ने असल जीवन में गरीबी और मुश्किलों से दो-दो हाथ किए हैं। पट्टे (किराए) के खेतों पर मेहनत करने वाले राकेश हर रोज नाहरी से 60 किलोमीटर दूर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में बेटे के लिए दूध और मक्खन लेकर जाते थे। इसके लिए वे रोज सुबह 3.30 बजे जागते और पांच किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचते। ट्रेन से आजादपुर उतरते और फिर दो किलोमीटर दूरी तय कर छत्रसाल स्टेडियम जाते थे।

जब रवि को जमीन पर गिरा मक्खन खाना पड़ा था
वापस लौटने के बाद राकेश खेतों में काम करते। कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन से पहले लगातार 12 वर्षों तक उनकी यह दिनचर्या रही। राकेश ने सुनिश्चित किया कि उनका बेटा उनके त्याग का सम्मान करना सीखे। उन्होंने कहा, ‘एक बार उसकी मां ने उसके लिए मक्खन बनाया और मैं उसे कटोरे में ले गया था। रवि ने पानी हटाने के लिए सारा मक्खन मैदान पर गिरा दिया। मैंने उससे कहा कि हम बेहद मुश्किलों में उसके लिए अच्छा आहार जुटा पाते हैं और उसे लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। मैंने उससे कहा कि वह उसे बेकार ना जाने दे उसे मैदान से उठाकर मक्खन खाना होगा।’

रवि जीतेंगे तो गांव में सुधरेगी बिजली की स्थिति
रवि के गांव में अब भी दिन में दो-चार घंटे ही बिजली आ पाती है। पानी की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। रवि के गांववालों को उम्मीद है कि अगर रवि ओलिंपिक मेडल जीतते हैं तो बिजली-पानी की स्थिति में सुधार होगा। उनसे पहले पहलवान महावीर सिंह ने गांव में पशु चिकित्सालय खुलवाया था। महावीर सिंह के ओलिंपिक में दो बार देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने उनसे उनकी इच्छा के बारे में पूछा तो उन्होंने गांव में पशु चिकित्सालय खोलने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने इस पर अमल किया और पशु चिकित्सालय बन गया।

पहलवान सुशी कुमार, रवि कुमार दहिया, महाबली सतपाल और दीपक (बाएं से दाएं)

पहलवान सुशी कुमार, रवि कुमार दहिया, महाबली सतपाल और दीपक (बाएं से दाएं)

सुशील के कोच ने सिखाई है कुश्ती
रवि ने कुश्ती के दांवपेंच द्रोणाचार्य अवार्डी सतपाल सिंह से सीखी है। सतपाल डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार के कोच भी रहे हैं। रवि 10 साल की उम्र से ही सतपाल से ट्रेनिंग ले रहे हैं।

रवि कुमार दहिया दो बार एशियन चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

रवि कुमार दहिया दो बार एशियन चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत चुके हैं रवि
रवि कुमार ने 2019 में नूर सुल्तान में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हैं। इसके अलावा उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल भी अपने नाम किए हैं। उन्होंने 2015 में वर्ल्ड जूनियर रेसिलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर जीता था।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment