जानकारी देना पड़ा भारी: टाटा मोटर्स का शेयर पिछले 4 दिनों में 10% से ज्यादा लुढ़का, चिप शॉर्टज के चलते दो तिमाहियों से घट रही बिक्री
मुंबई11 घंटे पहले
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घरेलू ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स को चिप की सप्लाई में कमी की जानकारी देना मंहगा पड़ रहा है। इस जानकारी का असर कंपनी के शेयर पर सीधा दिख रहा है। और यही वजह है कि कंपनी शेयर में गिरावट का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार से जारी गिरावट आज यानी गुरुवार को भी है। एक्सचेंज पर शेयर 3% से ज्यादा गिरकर 305 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है।
कंपनी ने पिछले दिनों चिप की सप्लाई में कमी की जानकारी दी थी
सेमीकंडक्टर्स की कमी से ग्लोबल बाजार में कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। टाटा मोटर्स भी इस लिस्ट में शामिल है। टाटा मोटर्स ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी देते हुए कहा है कि, चिप की सप्लाई में कमी का अनुमान लगाना मुश्किल है। सप्लायर्स से मिले इनपुट से हम दूसरे क्वार्टर में चिप की कमी होने का अनुमान लगा रहे हैं। इससे होलसेल वॉल्यूम गिर सकता है।
जून और मार्च क्वार्टर में बिक्री पर पड़ा असर
कंपनी ने कहा है चिप की कमी होने के बाद पहले और दूसरे क्वार्टर के नतीजों पर भी असर पड़ेगा। इसके साथ ही टाटा ने कहा है कि, वैश्विक बाजार में चिप की कमी से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इससे कंपनी की जैगुआर लैंड रोवर की मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ेगा। टाटा मोटर्स के मुताबिक जून तिमाही में उसके 30 हजार और मार्च तिमाही में 7 हजार कम गाड़ियां की बिक्री हुई।
गाड़ियों में सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल बड़े पैमान पर होता है
ये एक तरह छोटे ट्रांजिस्टर्स होते हैं, इनका साइज सिक्के से भी छोटा होता है। जिसे सिलिकॉन से बनाया जाता है। इन्हीं चिप की मदद से कम्प्यूटर्स, स्मार्ट फोन्स, अप्लायंसेज समेत अन्य तरह के इलेक्ट्रिकल डिवाइस काम करते हैं, वाहनों में भी बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल होता है। BCC की रिपोर्ट के मुताबिक यह करीब 500 अरब डॉलर की इंडस्ट्री है। सेमीकंडक्टर बिज़नेस के लिए अधिकतर कच्चा माल जापान और मेक्सिको से आता है। ताइवान, चीन और अमेरिका समेत अन्य देशों में इसे तैयार किया जाता है।
चिप शॉर्टेज की वजह क्या है?
जानकारों की माने तो कोविड-19 महामारी की वजह से चिप शॉर्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कोरोना के दौर में दुनियाभर में सेल फोन्स और लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की मांग बढ़ी है। मार्च 2020 में लॉकडाउन की वजह से वाहन कंपनियों ने ऑर्डर को कैंसिल कर दिया था। अब अनलॉक होने लगा है जिससे दुनियाभर में फैक्ट्रियां भी खुलने लगीं और डिमांड फिर बढ़ गई है। यही वजह हो कि चिप की पूर्ति नहीं हो पा रही है।
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