काउंटी क्रिकेट में आर्थिक संकट,सऊदी अरब कर सकता है निवेश: पैसों के लिए खिलाड़ी टी-20 लीग में जा रहे हैं
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मुंबई21 मिनट पहले
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इंग्लैंड में काउंटी का 123वां सीजन शुरू हो चुका है। दुनियाभर में लगातार बढ़ रहीं टी-20 लीग के बावजूद काउंटी क्रिकेट की प्रतिष्ठा इस वजह से है, क्योंकि इसे अभी भी “क्रिकेट की नर्सरी’ माना जाता है। द गार्जियन के क्रिकेट लेखक एंडी बुल कहते हैं, “काउंटी में क्रिकेटर अपने गेम में सुधार के लिए आते हैं।
खिलाड़ी और फैंस काउंटी के लिए आकर्षित होते हैं क्योंकि इंग्लैंड में घरेलू स्तर पर खेले जाने वाले गेम की क्वालिटी अभी भी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। यहां की पिच बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के पक्ष में होती हैं, जिससे मुकाबला रोचक बन जाता है।’ स्विंग और सीम खेलना सीखने के लिए इंग्लैंड बेस्ट जगह है।
हालांकि, काउंटी क्रिकेट में आर्थिक रूप से सब कुछ ठीक नहीं है। क्लब नए युवाओं को जोड़ने और उन्हें अच्छा कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस वजह से युवा टी20 लीग की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उदाहरण के लिए यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब खुद को बचाए रखने और अपने कर्ज का भुगतान करने के लिए जूझ रहा है।
क्लब के मैनेजिंग डायरेक्टर डैरेन गफ और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन वॉन ने क्लब की वित्तीय कठिनाइयों को हल करने के लिए सऊदी अरब के संस्कृति मंत्री प्रिंस बाडेर बिन अब्दुल्ला से मुलाकात की थी। प्रिंस ने नुकसान की भरपाई की पेशकश की है।
पूर्व इंग्लिश ऑलराउंडर केविन पीटरसन की शिकायत है कि बड़ी रकम का लालच सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को इंग्लिश क्रिकेट के प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेने से रोक रहा है। उन्होंने कहा, “बेहतरीन खिलाड़ी काउंटी क्यों खेलेंगे, जब वे टी-20 खेलकर मोटी कमाई कर सकते हैं। इसलिए, काउंटी क्रिकेट में बल्लेबाजी का स्तर गिरा है।’
इसमें 18 फर्स्ट क्लास काउंटी क्लब शामिल होते हैं, पहला मैच लॉर्ड्स पर
इंटर-काउंटी मैचों की शुरुआत 18वीं सदी से हुई थी। काउंटी चैम्पियनशिप भारत की रणजी ट्रॉफी के समान है। काउंटी में फर्स्ट क्लास मुकाबले होते हैं, जिसमें 18 क्लब शामिल होते हैं। इसमें 17 क्लब इंग्लैंड के और एक क्लब वेल्स का होता है। इंग्लिश काउंटी सीजन का पहला मुकाबला पारंपरिक रूप से ऐतिहासिक लॉर्ड्स स्टेडियम पर मेरिलबोन क्रिकेट क्लब और डिफेंडिंग चैम्पियन के बीच खेला जाता है।
काउंटी में 18 क्लब हैं। जिसमें 17 इंग्लैंड और एक क्लब वेल्स का है।
पिछले साल 26 लाख लोगों ने क्रिकेट खेला
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के सीईओ रिचर्ड गोल्ड के अनुसार, काउंटी की लोकप्रियता इंग्लैंड में क्रिकेट की लोकप्रियता की वजह से है। ईसीबी द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, देश में 1.3 करोड़ क्रिकेट फैंस हैं। 2022 में क्रिकेट मैचों में कुल उपस्थिति करीब 30 लाख थी।
पिछले साल करीब 26 लाख लोगों ने क्रिकेट खेला, जिसमें से 14 लाख की उम्र 16 साल से कम थी। गोल्ड ने कहा, ‘इंग्लैंड में लोग क्रिकेट के बेहद करीब हैं क्याेंकि इंग्लैंड को अभी भी क्रिकेट का घर माना जाता है। यह खेल अंग्रेजी परंपरा, संस्कृति और मूल्यों का हिस्सा बना हुआ है।
काउंटी क्रिकेट के बिना इंग्लैंड में इस खेल की कल्पना नहीं की जा सकती।’ गोल्ड ने कहा, ‘यह इंग्लैंड का राष्ट्रीय ग्रीष्मकालीन खेल है। गर्मियों में इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इंग्लैंड में गर्मी में काउंटी खेलना मैजिकल अनुभव देता है, जहां खिलाड़ी धूप में सफेद कपड़ों में हरे-भरे आउटफील्ड्स पर खेलते हैं।’
30 भारतीय काउंटी से हासिल कर चुके फॉर्म
बुल ने कहा, “काउंटी खेलना खिलाड़ियों के लिए सम्मान की तरह है। वे लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड पर अपना नाम दर्ज करवाना चाहते हैं, जिससे उनमें उत्साह बना रहता है।’ इसमें हिस्सा लेने के लिए भारत से भी कई खिलाड़ी जाते रहे हैं। अब तक करीब 30 खिलाड़ी ऐसे रहे हैं, जो करियर में अलग-अलग काउंटी टीमों का हिस्सा रहे हैं।
गावस्कर, शास्त्री, कपिल देव, श्रीनाथ, कुंबले, द्रविड़, सचिन, गांगुली, जहीर, हरभजन समेत कई खिलाड़ियों ने डर्बीशायर, लंकाशायर, सरे, एसेक्स का प्रतिनिधित्व किया। खिलाड़ियों ने काउंटी में खेलकर फॉर्म हासिल की। जहीर इसका बेहतरीन उदाहरण हैं।
2006 में नेशनल टीम से बाहर होने वाले जहीर वरसेस्टरशायर से जुड़े और 16 मैच में 78 विकेट लेकर फॉर्म में लौटे। फिर 2007 के इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में वापसी की थी। बुल ने कहा कि फैंस काउंटी को इसलिए पसंद करते हैं क्याेंकि यह महान क्रिकेटर्स के खेल और अच्छी कहानियों से भरी हुई है।
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