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3 दिन पहले वीजा के लिए भटक रही थीं अवनी: मौका मिला तो पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में देश को दिलाए डबल गोल्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ा

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जयपुर3 घंटे पहले

हमारे खिलाड़ियों में टैलेंट की कमी नहीं है, यदि उन्हें मौका मिले तो वे दुनिया जीत सकते हैं। यह साबित किया है हमारे निशानेबाजों ने। 3 दिन पहले तक वे दिल्ली की सड़कों पर वीजा के लिए भटक रहे थे, अब फ्रांस में चल रहे पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में बैक टू बैक गोल्ड जीत रहे हैं।

बुधवार सुबह अवनी लखेरा और श्रीहर्ष देवा रेड्‌डी की जोड़ी ने R-4 मिक्स्ड 10 मीटर राइफल SH2 में 253.1 अंक के साथ गोल्ड जीता। यह अवनी का दूसरा गोल्ड है। अवनी (250.6) ने मंगलवार को 10 मी. एयर राइफल इवेंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ सुनहरा तमगा जीता। इस गोल्ड के साथ अवनी-श्रीहर्ष की जोड़ी ने 2024 में होने वाले पेरिस पैराओलिंपिक गेम्स का टिकट हासिल कर लिया है। एक दिन पहले अवनी ने कोटा हासिल किया था।

तीन दिन पहले अवनी अपनी मां श्वेता जेवरिया और कोच राकेश मनपत के विजा क्लियरेंस के लिए भटक रही थीं। इतना ही नहीं, 21 साल की अवनी ने विजा क्लियर न होने की गुहार खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी लगाई थी।

खेल मंत्रालय के प्रयास से जब उन्हें फ्रांस जाने का मौका मिला तो इस बेटी ने भी अपने प्रदर्शन में कोई कसर नहीं छोड़ी और देश के लिए गोल्ड जीत लिया।

मैडल जीतने के बाद बोलीं- स्वर्ण घर लाने पर गर्व है गोल्ड मेडल जीतने के बाद अवनी ने एक सोशल पोस्ट करते हुए लिखा- ‘शैटॉरौक्स 2022 में वर्ल्ड रिकॉर्ड स्कोर और भारत के पहले पेरिस-2024 कोटा के साथ आर2 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 इवेंट में स्वर्ण घर लाने पर गर्व है। मेरा समर्थन करने वाले सभी लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद!’

वे अब 9 जून को 10 मीटर प्रोन, 11 जून को 50 मीटर थ्री पोजिशन और 12 जून को 50 मीटर फाइनल में हिस्सा लेंगी। 13 जून को उनका दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है। उनके पिता प्रवीण लेखरा बताते हैं कि पैरालिंपिक में जीत के बाद लोगों का जो प्रेम और स्नेह अवनी को मिला, उससे उनका हौसला बढ़ा है।

साल 2012 में महाशिवरात्रि के दिन अवनी का एक्सीडेंट हो गया था।

साल 2012 में महाशिवरात्रि के दिन अवनी का एक्सीडेंट हो गया था।

टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड जीता था अवनी ने
अवनी लेखरा ने टोक्यो में खेले गए पैरालिंपिक गेम्स 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। उन्हें 50 मीटर राइफल में ब्रॉन्ज भी मिला था। वे पैरालिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली पैरा एथलीट हैं।

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11 साल की उम्र में हादसे का शिकार हुई थी अवनी
अवनी लखेरा 11 साल की उम्र में एक कार हादसे का शिकार हो गई थीं और उनकी रीढ़ की हड्‌डी टूट गई थी। इस एक्सीडेंट की वजह से वे डिप्रेशन में भी चली गई थीं। ऐसे में पिता ने खेलों में हिस्सा लेने का सुझाव दिया।

फिर अवनी ने बीजिंग ओलिंपिक गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी ‘अ शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी। इसके बाद शूटिंग के प्रति वो और ज्यादा गंभीर हो गईं। अवनि ने 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की।

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