14 महीने में बाजार 106% से ज्यादा बढ़ा: अर्थव्यवस्था से तेज भागा बाजार; निफ्टी 7,600 से 15,700 और सेंसेक्स 26,000 से 52,300 पर पहुंचा, एक्सपर्ट से जानिए ये कैसे हुआ?
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मुंबई13 घंटे पहले
भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स 52,300 और निफ्टी 15,700 के पार पहुंच गया। वहीं, कोरोना की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी धीमी हुई है। ये महामारी का ही असर है, जो देश की आर्थिक ग्रोथ यानी GDP दर चार दशक के निचले स्तर पर आ गई।
अब सवाल ये है कि आर्थिक ग्रोथ कमजोर पड़ने के बावजूद बाजार में तेजी क्यों है?
हमने 3 एक्सपर्ट्स से बातचीत की। इनमें ग्लोबल मामलों के जानकार अजय बग्गा, शेयर मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर और इक्रा रेटिंग की इकोनॉमिस्ट अदिति नायर शामिल हैं। इनका मानना है कि बाजार में मौजूदा तेजी भविष्य में होने वाले आर्थिक सुधार की वजह से है। वैक्सीनेशन बढ़ने से पाबंदियों में ढील दी जाएगी। जैसा कि पिछले एक हफ्ते से हम देख भी रहे हैं। वहीं, दूसरी लहर के दौरान पिछले लॉकडाउन जैसी सख्ती भी नहीं रही। इस बार इंडस्ट्रियल कामकाज में थोड़ी रियायतें भी दी गईं। ऐसे में आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है।
आर्थिक मोर्चे पर बेहतरी के संकेत का ही नतीजा है कि शेयर बाजार का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स इस साल यानी 2021 में 8 जून तक 9.6% और निफ्टी 12.7% चढ़ चुका है। इस दौरान मिडकैप शेयरों ने सबसे ज्यादा 27% का रिटर्न दिया। सालभर में बाजार दोगुना हो गया है, क्योंकि देश में घरेलू निवेशकों की संख्या के साथ-साथ विदेशी निवेश भी बढ़ा है।
आगे इकोनॉमी में सुधार से शेयर बाजार को कैसे सपोर्ट मिलेगा। पहले इसे समझते हैं, जिसके लिए हमने 3 एक्सपर्ट्स से बात भी की…
शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी की वजह जानिए
- विदेशी शेयर बाजारों में पॉजिटिव ग्रोथ
- बॉन्ड मार्केट में आई स्थिरता का फायदा
- कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट
- देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी
- कंपनियों ने चौथी तिमाही के मजबूत नतीजे जारी किए
डिपॉजिटरीज डेटा के मुताबिक फाइनेंशियल इयर 2020-21 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2.75 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया, जो दो दशक में सबसे ज्यादा है। वहीं, पूरे फाइनेंशियल इयर में ब्रोकरेज कंपनियों ने पिछले साल अप्रैल से 31 मई 2021 तक हर महीने औसतन 13 लाख नए डीमैट अकाउंट खोले हैं। 31 मई तक देश में कुल 6.9 करोड़ डीमैट अकाउंट थे।
BSE का मार्केट कैप 230 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है, जो देश की GDP से ज्यादा है। मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा के मुताबिक GDP एक तस्वीर है और मार्केट कैप फ्लो को दर्शाता है, जो भविष्य की संभावनाओं पर टिका होता है। इसी तरह अविनाश गोरक्षकर भी मानते हैं कि मार्केट कैप का ज्यादा होने का मतलब होता है कि कहीं न कहीं शेयर बाजार भी आने वाले दिनों में पॉजिटिव ग्रोथ देख रहा है।
इक्रा रेटिंग इकोनॉमिस्ट अदिति नायर कहती हैं कि अच्छे मानसून के चलते एग्री सेक्टर में उम्मीद से बेहतर ग्रोथ की संभावना है। 2021 में खरीफ फसल की अच्छी बुआई होगी। पिछले फाइनेंशियल इयर में भी इसी सेक्टर ने सपोर्ट किया था। उन्होंने कहा कि ओवरऑल इकोनॉमी ग्रोथ खासतौर पर वैक्सीनेशन और साल के अंत में पाबंदियों की स्थिति पर निर्भर होगी।
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