1.75 लाख करोड़ का झटका: अडाणी की कंपनियों के मार्केट कैप में भारी गिरावट, आज 4 शेयर लोअर सर्किट पर, अंबानी और अडाणी के बीच नेटवर्थ का फासला बढ़ा
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- Gautam Adani News: Adani Group Companies Market Cap Decreased In Five Days, Shares On Lower Circuit
मुंबई9 घंटे पहले
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- लगातार पांचवें दिन 5-5% की गिरावट के साथ 4 शेयर कारोबार कर रहे हैं
- अडाणी पोर्ट और अडाणी इंटरप्राइज का शेयर आज 5%-5% ऊपर
अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में इस हफ्ते हर दिन गिरावट रही है। आज भी ग्रुप की 4 कंपनियों के शेयर लोअर सर्किट पर कारोबार कर रहे हैं। यानी एक दिन में इनकी जितनी गिरावट की सीमा है, उस तक इनके शेयर पहुंच गए हैं। लगातार पांचवें दिन 5-5% की गिरावट के साथ ये शेयर कारोबार कर रहे हैं। इससे ग्रुप के कुल मार्केट कैप 174,615 करोड़ रुपए की गिरावट आई है।
इंटरप्राइज और पोर्ट के शेयरों में 5-5% की तेजी
अडाणी ग्रुप के शेयरों में सोमवार से गिरावट जारी है। हालांकि आज अडाणी इंटरप्राइज और अडाणी पोर्ट के शेयरों में 5-5% की तेजी है। पर बाकी की चार कंपनियों अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 5-5% की गिरावट है। इसकी चार कंपनियों के शेयर 1600 रुपए तक पहुंच गए थे जो अब 1200-1300 रुपए के बीच में कारोबार कर रहे हैं।
अडाणी ग्रीन एनर्जी सबसे बड़ी कंपनी
ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से अडाणी ग्रीन एनर्जी थी। इसका मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपए था। अब यह 165,425 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। इसमें 26,425 करोड़ रुपए की कमी आई है। अडाणी इंटरप्राइज का मार्केट कैप पांच दिनों में 24,504 करोड़ रुपए घटा है। यह अब 1.51 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अडाणी पोर्ट का मार्केट कैप 27,836 करोड़ रुपए घट कर 132,622 करोड़ रुपए पर आ गया है।
अडाणी पावर का मार्केट कैप 15 हजार करोड़ घटा
इसी तरह अडाणी पावर का मार्केट कैप 15,684 करोड़ घट कर 44,316 करोड़ रुपए पर आ गया है। अडाणी ट्रांसमिशन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 39,726 करोड़ रुपए कम हो कर 135,925 करोड़ रुपए हो गया है। सबसे ज्यादा झटका अडाणी टोटल गैस को लगा है। इसका मार्केट कैप 40,440 करोड़ रुपए गिर कर 138,367 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें विदेशी कंपनी टोटल का हिस्सा है।
घट सकती है रैंकिंग
इस पूरे हफ्ते अडाणी ग्रुप की कंपनियों को लगे झटके से अब इसके मालिक गौतम अडाणी की दुनिया में अमीर बिजनेस मैन की रैंकिंग भी घट सकती है। साथ ही एशिया में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी और अडाणी के बीच अब नेटवर्थ में लंबा फासला हो जाएगा। पिछले हफ्ते तक मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 5.82 लाख करोड़ रुपए थी जबकि अडाणी की 5.48 लाख करोड़ रुपए थी। लेकिन इसी बीच इस हफ्ते विदेशी निवेशकों की खबर ने दोनों के बीच अंतर बढ़ा दिया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में अचानक उछाल
हालांकि इसी बीच रिलायंस का शेयर अचानक पिछले हफ्ते 12-15 पर्सेंट उछल गया था। इससे रिलायंस का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपए हो गया। आज अडाणी का मार्केट कैप 7.68 लाख करोड़ रुपए है। यानी करीबन दोगुना का अंतर है। एक हफ्ते पहले तक यह अंतर 5 लाख करोड़ रुपए से भी कम था।
अमीर बिजनेसमैन की रेंकिंग में और पीछे
सूत्रों के मुताबिक, अब अडाणी के लिए एशिया का सबसे अमीर बिजनेसमैन बनने में काफी मुश्किल होगी। क्योंकि उनकी कंपनियों के लिए आगे भी बहुत अच्छे दिन नहीं आने वाले हैँ। ऐसा इसलिए क्योंकि अडाणी का ऑस्ट्रेलिया का कोल माइंस का प्रोजेक्ट फंसा हुआ है। यहां पर लगातार विरोध जारी है और देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक इसे कर्ज नहीं दे रहा है।
एयरपोर्ट बिजनेस पर असर
दूसरी ओर देश में 6 एयरपोर्ट को 50 साल तक चलाने के लिए अडाणी ने टेंडर जीता था। पर पिछले 14 महीनों से कोरोना की वजह से आवाजाही कम होने से एयरपोर्ट बिजनेस पर भी असर पड़ रहा है। जबकि मेंटिनेंस और खर्चे उसी तरह से हैं। आने वाले कुछ महीनों तक एयरपोर्ट पर आवाजाही कम रहेगी और इंटरनेशनल ट्रैवेल भी प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे में अडाणी को एयरपोर्ट से कमाई पर बहुत असर होगा।
विदेशी निवेशकों का पैसा फ्रीज
अडाणी ग्रुप की कंपनियों में तीन विदेशी निवेशकों के पैसों को फ्रीज किए जाने की खबर के बाद से सोमवार से शेयरों में गिरावट जारी है। सोमवार को तो अडाणी इंटरप्राइजेज का शेयर 22% गिरा था। इसके अलावा बाकी की लिस्टेड 5 कंपनियों के शेयरों में 5 से लेकर 15% तक की गिरावट दिखी थी। हालांकि शाम होते-होते तीन कंपनियों के शेयरों में रिकवरी दिखी, पर बाकी तीन के शेयर लगातार लोअर सर्किट में हैं।
प्रमोटर की हिस्सेदारी अच्छी
हालांकि इन कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी काफी अच्छी है। इसकी तीन कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी 74% से ऊपर है। सबसे कम हिस्सेदारी अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी टोटल गैस में है जो 56.29-56.29% है। चार कंपनियों में विदेशी निवेशकों का हिस्सा 20-20% से ज्यादा है। जबकि एक में 11 और एक में 17% हिस्सा है।
3 विदेशी निवेशकों के निवेश पर शक
शेयरों में गिरावट का कारण यह था कि सेबी ने इस ग्रुप की कंपनियों में तीन ऐसे विदेशी निवेशकों को पकड़ा, जिन्हें फर्जी माना जा रहा है। ये तीन निवेशक हैं- अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMS इन्वेस्टमेंट फंड। ये मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। इनके पास वेबसाइट नहीं है। सेबी ने इन तीनों के निवेश को फ्रीज कर दिया है।
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