स्टेडियम विवाद की वजह चांदना-पूनिया का पावर गेम: राजस्थान रॉयल्स ने खेलमंत्री को साइड किया; सीधे डीलिंग RCA, स्पोट्र्स काउंसिल से
जयपुर18 मिनट पहलेलेखक: निखिल शर्मा
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जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) स्टेडियम में बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से पहले बड़ा विवाद हो गया था। खेलमंत्री अशोक चांदना ने बिना अनुमति स्टेडियम में निर्माण कराने को लेकर VIP स्टैंड को सील करा दिया।
VIP स्टैंड को सील करने के बाद पास-टिकट धारकों को एंट्री नहीं दी गई है। इसके बाद वहां हंगामा हो गया। एडिश्नल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर कुंवर राष्ट्रदीप की खेल मंत्री अशोक चांदना से नोकझोंक भी हो गई।
हालांकि मैच से ठीक पहले सशर्त सहमति के बाद विवाद थमा और दर्शकों को स्टेडियम में एंट्री मिल गई। मगर यह विवाद सिर्फ एक मैच के लिए ही टला है।
अगर अब भी राजस्थान रॉयल्स और खेल विभाग के बीच सहमति नहीं होती है तो आने वाले दिनों में इस मसले को लेकर और हंगामा देखने को मिल सकता है।
इस विवाद की शुरुआत 18 अप्रैल को हुई। राजस्थान स्पोटर्स काउंसिल के उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी और सुशील पारीक ने खेलमंत्री अशोक चांदना को पत्र लिखकर बताया कि स्टेडियम में उनके कक्ष के बार अस्थाई बॉक्स बना दिए हैं, जो गैर कानूनी हैं।
साथ ही वर्किंग डे में कार्मिकों को आने-जाने के लिए भी मना किया जा रहा है। इन पत्रों के आधार पर चांदना स्टेडियम पहुंचे और बॉक्स के साथ-साथ वीआईपी स्टैंड को गलत ठहराते हुए हटाने की बात कह डाली।
भास्कर जब इस विवाद की तह तक पहुंचा तो इस विवाद में आपसी मतभेद, इगो-क्लैश, लापरवाही और पब्लिसिटी का बड़ा रोल नजर आया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
बुधवार सुबह खेल मंत्री चांदना स्टेडियम पहुंचे। मेन गेट पर बाउंसर खड़े थे। इन्हें देखते ही चांदना भड़क गए। उन्होंने बाउंसर को हड़काया।
चांदना का तर्क : बिना अनुमति पक्का निर्माण कराया
खेलमंत्री अशोक चांदना का कहना था कि राजस्थान रॉयल्स ने बिना अनुमति स्टेडियम में आरसीसी के साथ पक्का निर्माण कराया है। इसके लिए उन्हें खेल विभाग से अनुमति लेनी चाहिए थी।
बगैर अनुमति यह गैर कानूनी है। इसके अलावा स्पोट्र्स काउंसिल के दफ्तरों के बाहर भी बॉक्सेज बना दिए हैं।
रॉयल्स का तर्क : फ्रेंजाइजी बिना अनुमति कोई काम नहीं करती
राजस्थान रॉयल्स का कहना था कि उन्होंने एक भी काम बिना अनुमति नहीं किया है। रॉयल्स के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने हर चीज की अनुमति ली है। इतनी बड़ी फ्रेंचाइजी बिना अनुमति कोई काम नहीं करेगी।
स्पोट्र्स काउंसिल की ओर से राजस्थान रॉयल्स काे स्टेडियम में अस्थाई निर्माण करने की स्वीकृति दी गई थी, मगर आरसीसी के साथ वहां पक्का निर्माण भी कर दिया।
10 मार्च को स्पोट्र्स काउंसिल ने दी थी स्वीकृति
भास्कर ने मामले में इंवेस्टिगेट किया तो 10 मार्च का एक पत्र सामने आया, जिसमें स्पोट्र्स काउंसिल की ओर से राजस्थान रॉयल्स काे स्टेडियम में अस्थाई निर्माण करने की स्वीकृति दी गई है।
इस पत्र में स्पोट्र्स काउंसिल के सेक्रेटरी डॉ. गोरधन लाल शर्मा ने रॉयल्स के राजीव खन्ना को स्टेडियम में प्रशासनिक भवन के सामने स्थित पवेलियन एरिया में Mezzanine Structure में अस्थाई निर्माण की स्वीकृति दी है।
यह अनुमति 300 स्कवायर मीटर में दी गई। इसके लिए 11 लाख 19 हजार रुपए सिक्योरिटी राशि और 3 लाख 81 हजार किराए सहित 15 लाख रुपए लिए गए।
इस अनुमति की शर्तों में रॉयल्स को कहा गया कि वे स्टेडियम कैम्पस को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। अगर वे ऐसा करते हैं तो सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली जाएगी।
इस मसले पर जब हमने आरसीए सचिव गोवर्धन शर्मा से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि उनके फोन की बैटरी लो है ऐसे में वे बात नहीं कर पाएंगे।
क्या होता है Mezzanine Structure ?
मेज़ानाइन दरअसल किसी भी निर्माण का एक आकार है। वास्तुकला में मेज़ानाइन या एंट्रेसोल किसी इमारत की मुख्य मंजिलों के बीच की एक मध्यवर्ती मंजिल होती है।
आम तौर पर इसे इमारत की कुल मंजिलों में नहीं गिना जाता है। मेज़ानाइन की छत अक्सर काफी नीची होती है और यह एक बालकनी के रूप में दिखाई देती है।
रॉयल्स ने कुछ ऐसा ही निर्माण किया। मगर इसके जो पिलर्स बनाए वो आरसीसी के पक्के पिलर्स बनाए। जिन्हें नींव के लिए भी इस्तेमाल किया गया।
SMS स्टेडियम में बनाया गया VIP स्टैंड, जिसे लेकर सारा विवाद हुआ।
विरोध और आपत्ति के पीछे की बड़ी वजहें
आपसी मतभेद : खेलमंत्री भले ही अशोक चांदना हों, मगर स्पोटर्स काउंसिल की चेयरमैन कृष्णा पूनिया और मुख्य खेल अधिकारी उनके पति वीरेंद्र पूनिया हैं। स्पोटर्स काउंसिल का काम एकदम अलग है। खेलमंत्री और काउंसिल चेयरमैन के बीच का मनमुटाव भी इसकी एक वजह है।
इगो : राजस्थान रॉयल्स ने इस पूरे मामले में डीलिंग राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और स्पोटर्स काउंसिल से की। इस मामले में खेल विभाग और खेलमंत्री का इनवॉल्वमेंट नहीं रहा। ऐसे में कुछ लोगों का यह भी कहना है कि खेलमंत्री यह बताना चाहते थे कि आखिरकार मंत्री वे हैं।
गैर कानूनी : रॉयल्स ने अस्थाई निर्माण की अनुमति तो ली। मगर आरसीसी के साथ वहां पक्का निर्माण भी कर दिया। यह नियमों के विरूद्ध था। जिसके चलते खेलमंत्री विरोध में आए।
लापरवाही : आरसीए सहित तमाम एजेंसी की लापरवाही रही। रॉयल्स ने वीआईपी स्टैंड का काम लगभग महीने भर पहले शुरू कर दिया था। इसके बावजूद इसे अनदेखा कर दिया गया।
विवाद की शुरुआत अप्रैल में ही हो गई थी। लेकिन, गुरुवार को हुए मैच से पहले विवाद इतना बढ़ गया था कि बात सीएम तक जा पहुंची थी।
क्या हुआ समझौता
आखिरकार राजस्थान रॉयल्स और खेलमंत्री अशोक चांदना के बीच यह सहमति बनी कि इस मैच के बाद रॉयल्स इस निर्माण के लिए अनुमति खेल विभाग से मांगेगा। एमओयू के अनुसार खेल विभाग ही इसकी अनुमति जारी कर सकता है। उस अनुमति के बाद ही अगले मैच में यह वीआईपी स्टैंड कायम रह सकेगा।
विवाद की सबसे बड़ी वजह : खेल विभाग और स्पोटर्स काउंसिल में मतभेद
खेल विभाग के जानकार कहते हैं कि इस पूरे मसले की जड़ खेल विभाग और स्पोट्र्स काउंसिल के मतभेद हैं। नेताओं की आपसी खेमेबाजी भी इसकी वजह है। सतवीर चौधरी यूं तो स्पोर्टस काउंसिल के उपाध्यक्ष हैं, मगर वे अशोक चांदना के खेमे के माने जाते हैं। यही वजह रही कि इस मसले को कृष्णा पूनिया के सामने रखने के बजाय चौधरी ने इसे चांदना के सामने रखा। हालांकि चांदना खेलमंत्री हैं, ऐसे में खेल से जुड़े तमाम मसलों के लिए सबसे बड़ी अथॉरिटी वे ही हैं।
शाम 4:15 बजे मैच से ठीक पहले SMS स्टेडियम में वेस्ट स्टैंड की सीढ़ियों से पहले लगे दरवाजे पर ताला लगा दिया गया था। देर शाम इसे खोला गया।
चांदना से पूरे विवाद पर सीधे सवाल और उनके जवाब
भास्कर : आपने अचानक मैच से पहले इस तरह का विरोध क्यों किया ?
चांदना : कुर्सियां और स्टैंड तो ये लोग पहले भी लगाते थे, मगर इस बार इन्होंने बिना अनुमति पक्का निर्माण आरसीसी के साथ कर लिया। पूरे का पूरा पक्का निर्माण बिना अनुमति के खड़ा कर दिया। इसे लेकर मुझे आपत्तियां मिली तो मैंने इसका विरोध किया। कल भी आया था और आज भी यही हुआ।
भास्कर : यह निर्माण तो पिछले महीने ही शुरू हो गया था, फिर मैच से ठीक पहले विरोध क्यों किया गया ?
चांदना : मेरे पास स्पोट्र्स काउंसिल के दो उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी और सुशील पारीक की शिकायत लिखित में 18 अप्रैल को मिली थी। उसी के बाद मैंने जायजा लिया और आपत्ति की। उससे पहले मैं स्टेडियम गया नहीं था, जब लिखित शिकायत मिलेगी तब ही तो एक्शन होगा।
स्पोट्र्स काउंसिल के उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी ने मामले को लेकर खेलमंत्री को लिखित शिकायत भेजी थी।
भास्कर : मगर राजस्थान रॉयल्स कह रही कि अनुमति है, स्पोटर्स काउंसिल ने 10 मार्च के पत्र में राॅयल्स को अस्थाई निर्माण की अनुमति दी हुई है?
चांदना : आरसीए और खेल विभाग के बीच जो एमओयू हुआ है उसमें साफ-साफ लिखा है कि अनुमति खेल विभाग से लेनी है। इन्होंने अस्थाई के साथ स्थाई निर्माण भी किया है।
भास्कर : जो सुपरवाइजिंग एजेंसीज हैं, उन्होंने अबतक ये क्यों नहीं देखा कि अगर कोई निर्माण अनुमति के बगैर हो रहा है तो उसे रोका जा सके?
चांदना : हां ये एजेंसीज की गलती रही है, चाहे आरसीए हो या कोई और इसपर ध्यान देना चाहिए था। मुझे शिकायत मिली और मैं गया।
भास्कर : आप पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आपने माइलेज लेने के लिए एनवक्त पर इस तरह का विरोध जताया ?
चांदना : मैंने तो ट्वीट कर दिया था कि मेरे लिए ऐसा कहा जाएगा। मुझे मालूम है कुछ लोग करेंगे, मगर मैं मेहनत से नेता बना हूं। मैंने जो कानूनी रूप से गलत था, उसका विरोध किया।
खेल मंत्री अशोक चांदना ने मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर को भी लेटर लिखा था।
भास्कर : आपके स्टेडियम सील करने की वजह से लोगों को दिक्कत हुई, कई लोग टिकट लेकर भटकते रहे?
चांदना : मैच शुरू होने से पहले ही बातचीत हो गई, सभी को स्टेडियम में भिजवा दिया गया। किसी का मैच मिस नहीं हुआ।
भास्कर : आपको नहीं लगता कि आपके इस विरोध से राजस्थान क्रिकेट और राजस्थान स्पोट्र्स को नुकसान होगा, देशभर में इमेज पर असर पड़ेगा?
चांदना : जो गलत था उसका विरोध किया, राजस्थान रॉयल्स कोई चैरिटी तो कर नहीं रही है, वो भी इस स्पेस को बेचेंगे ही। बिना अनुमति अगर कुछ होगा, तो उसका विरोध करना कहां गलत है। मैं भी एक खिलाड़ी हूं, खेल को समझता हूं।
भास्कर : अब क्या विवाद सुलझ गया है, आगे क्या होगा?
चांदना : इस मैच के बाद राजस्थान रॉयल्स हमसे अनुमति लेगी, उसके बाद ही हम अलॉउ करेंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरी बिल्डिंग को सीज किया जाएगा।
खेल मंत्री अशोक चांदना बुधवार सुबह करीब 10 बजे स्टेडियम में पहुंचकर निरीक्षण किया था।
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