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स्कूल से निकाले गए दोस्त, बनाई 25 करोड़ की कंपनी: घर के कमरे से बर्गर को ब्रांड बनाया, इंडियन मसालों का तड़का लगाया

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जयपुर5 घंटे पहलेलेखक: छवि टाक

फास्ट फूड भी अब हमारे खान-पान का हिस्सा बन गया है। मैकडोनाल्ड, वेंडीज, बर्गर किंग, कार्ल्स जूनियर जैसे मल्टीनेशनल फूड रेस्टॉरेंट पर आपने भी बर्गर का स्वाद जरूर चखा होगा। इस फास्ट फूड की दुनिया में राजस्थान का भी एक देसी बर्गर नामी ब्रांड को टक्कर दे रहा है। इसे खाने वाले भी बहुत कम लोग जानते होंगे कि यह जयपुर का ब्रांड है।

ये है बर्गर फार्म, जिसे स्कूल से ड्रॉपआउट दो दोस्तों ने मिलकर घर के ही एक कमरे से शुरू किया था। प्योर इंडियन मसालों से बनने वाला यह बर्गर आज ब्रांड बन चुका है। इसका सालाना कारोबार करोड़ों में है। राजस्थानी जायका की टीम बर्गर फार्म पहुंची और देसी स्वाद के लोगों की जुबां तक चढ़ने के सफर को जाना….

बर्गर खाते-खाते आया आइडिया
बर्गर फार्म के शुरू होने के पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है। स्कूल से ड्रॉप आउट हुए परमवीर सिंह और रजत की दोस्ती साल 2013 में एक ट्यूशन सेंटर पर हुई। ट्यूशन खत्म होते ही दोनों मार्केट में बर्गर खाने साथ-साथ निकलते थे। एक दिन बर्गर खाते-खाते दोनों के दिमाग में आइडिया आया। क्यों न हम बर्गर को ही अपना बिजनेस बनाएं। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए दोनों फूडी दोस्तों ने मार्केट पर रिसर्च करनी शुरू की। जयपुर से लेकर दिल्ली तक हर बड़े से बड़े मल्टीनेशनल ब्रांड के बर्गर का स्वाद चखा। साल 2014 में सी-स्कीम स्थित अपने घर के फ्रंट कमरे से ही पहले आउटलेट की शुरुआत की।

परमवीर और रजत
रजत बताते हैं कि बर्गर को दूसरों से अलग बनाने और मार्केट में स्टैंड करने के लिए कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स किए। हेल्दी बनाने के लिए पालक और कॉर्न की मिक्स सब्जी और पनीर डालकर भी नए तरह के बर्गर तैयार किए। सबसे पहला चैलेंज था बर्गर का एक्स फैक्टर ढूंढना।

बर्गर फार्म का एक्स फैक्टर बना इंडियन स्पाईसेज, जैसे- लहसुन-अदरक और लोकल मसालों का टेस्ट। जब हम रिसर्च कर रहे थे तब महसूस किया इंटरनेशनल फूड चैन के बर्गर की पैटी काफी फीकी होती थी। हमारे बर्गर की पैटी में इंडियन मसालों को डाला। वहीं, बर्गर को हेल्दी और डाइट कॉन्शियस लोगों को सेल करने के लिए मल्टी ग्रेन बन और व्हीट बन बनवाए।

मम्मी-पापा का मैनेजमेंट आया काम
परमवीर बताते हैं शुरुआत में स्टाफ नहीं था। तब मम्मी-पापा ने ही स्टाफ बनकर काम में मदद की। रजत की फैमिली भी बारी-बारी से स्टोर पर मदद करवाती थी। नए और देसी टेस्ट की वजह से ग्राहकों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। कई बार तो सब्जी खत्म हो जाती तो हम दौड़-दौड़ कर सामान लेने जाते थे।

उस समय टेंशन में भी मजा आता था। दिन भर काम के बाद एक सुकून महसूस होता था। परमवीर और रजत दोनों की ही फैमिली फूड इंडस्ट्री से नहीं है। परमजीत की फैमिली का ऑटोमोबाइल्स पार्ट्स का बिजनेस है। वहीं, रजत की फैमिली का ज्वैलरी बिजनेस है।

सालाना 25 करोड़ का टर्नओवर
दो जनों से शुरू हुए इस बर्गर फार्म में आज 200 से ऊपर का स्टाफ है। बर्गर फार्म के जयपुर में ही 12 आउटलेट्स हैं। इसके अलावा जोधपुर, कोटा और श्रीगंगानगर में एक-एक आउटलेट हैं। जल्द ही पूरे राजस्थान में फ्रेंचाइजी सिस्टम पर कंपनी को आगे बढ़ा रहे हैं।

रजत बाताते हैं कि जब बर्गर फॉर्म खुला तब पहले ही दिन 500 ऑर्डर अचीव कर लिए थे। आज पर डे 10 हजार से ज्यादा बर्गर के ऑर्डर मिल रहे हैं। परमवीर बताते हैं उनका इंडियन एग्जॉटिक फ्लेवर ही उनके ब्रांड की यूएसपी है। 7 से 8 लाख के इन्वेस्टमेंट से शुरू हुए बर्गर फॉर्म का आज का टर्नओवर 25 करोड़ से ऊपर का है।

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