साजन का कमाल: U-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ग्रीको-रोमन कैटेगरी का मेडल जीतने वाले पहले पहलवान
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स्पेन5 मिनट पहले
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भारतीय पहलवान साजन भनवाल ने स्पेन में चल रहे अंडर-23 वर्ल्ड कप में इतिहास रच दिया है। उन्होंने ग्रीको-रोमन की 77 KG वेट केटगेरी का ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वे वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ग्रीको-रोमन कैटेगरी का ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। यह मेडल इसलिए भी खास है, क्योंकि अब तब भारतीय पहलवान फ्री स्टाइल कैटेगरी में ही मेडल जीत रहे थे।
मैच रिपोर्ट में आगे बढ़ने से पहले जानिए फ्री स्टाइल और ग्रीको-रोमन रेसलिंग के बारे में…
फ्री स्टाइल : पहलवान प्रतिद्वंद्वी के शरीर के किसी भी हिस्से को पकड़कर दांव खेल सकता है।
ग्रीको-रोमन : इसमें प्रतिद्वंद्वी के कमर के ऊपर के हिस्से से ही दांव लगाना होता है। रेसलर टांगों से ना अटैक कर सकते हैं और न ही डिफेंस।
(महिलाओं में ग्रीको-रोमन कैटेगरी नहीं होती। उनमें केवल फ्री स्टाइल रेसलिंग ही होती है)
अब पढ़िए मैच रिपोर्ट…
पहले 4-10 से पिछड़ रहे थे, फिर कमाल वापसी की
साजन मुकाबले के शुरुआती दौर में यूक्रेन के दिमित्रो वासेत्स्की के खिलाफ 4-10 से पिछड़ रहे थे। दूसरे-तीसरे राउंड में भारतीय पहलवान ने 10-10 की बराबरी की। बाद में मैच पॉइंट के बाद रेफरी ने उन्हें विजेता घोषित कर दिया।
प्री-क्वार्टर फाइनल में 8-0 से हारे थे
साजन प्री-क्वार्टर फाइनल में मोल्दोवा के अलेक्जेंड्रिन गुटु से 0-8 से हार गए थे। गुटु के फाइनल में पहुंचने के बार साजन को रेपचेज के तहत मौका मिला। इसमें कजाखिस्तान के रसूल जूनियस को 9-6 से हरया।
अब जानिए रेपचेज के बारे में…
क्या है रेपचेज
रेपचेज शुरुआती दौर में हारने वाले पहलवान को एक मौका और देता है। बशर्ते, वह शुरुआती दौर में जिस पहलवान से हारा है। उसने फाइनल में जगह बना ली हो। सीधे शब्दो में कहे फाइनलिस्ट पहलवानों ने शुरुआती राउंड में जिन्हें हराया है उनके पास रेपचेज राउंड से ब्रॉन्ज जीतने का मौका होता है।
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