सागर मर्डर केस की गुत्थी उलझी: वकील का दावा- सुशील को फंसाया जा रहा; घायल पहलवानों में से किसी ने भी उनका नाम तक नहीं लिया
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नई दिल्ली14 घंटे पहले
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सुशील कुमार दो बार कुश्ती में ओलिंपिक में मेडल जीत चुके हैं।
छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर नेशनल पहलवान सागर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार के वकील बीएस जाखड़ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। मीडिया रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है कि सुशील कुमार को इस मामले में फंसाया जा रहा है। छत्रसाल स्टेडियम में दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ था। सुशील कुमार वहां पर इन दोनों गुटों के पहलवानों को समझाने और उनके बीच सुलह कराने के लिए गए थे।
जाखड़ ने ये भी दावा किया कि घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस के सामने घायल पहलवानों में से किसी ने भी सुशील का नाम नहीं लिया। अस्पताल के एमएलसी ( संदिग्ध मामलों में इलाज से पहले डॉक्टर पीड़ित का बयान लेते हैं) में कहीं भी सुशील के नाम का जिक्र नहीं है। घायलों में से एक पहलवान सागर की मौत के बाद पुलिस ने सुशील का नाम जोड़ दिया और उन पर अपहरण और हत्या के मामले जोड़ दिए।
सुशील को 23 मई को दिल्ली पुलिस ने मुंडका से गिरफ्तार किया था।
10 दिन में ही सुशील पर इनाम और गैर जमानती वारंट इश्यू करने पर भी सवाल
जाखड़ ने दिल्ली पुलिस की ओर से 10 दिन में गैर जमानती वारंट जारी करने और सुशील पर इनाम घोषित किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस आज तक बड़े से बड़े अपराधी के खिलाफ भी चार्जशीट फाइल होने के बाद ही गैर जमानती वारंट जारी करती है। ऐसे में सुशील कुमार के खिलाफ केवल 10 दिन में गैर जमानती वारंट जारी क्यों किया गया? पुलिस ने उन पर इनाम घोषित करने में जल्दीबाजी क्यों दिखाई? जबकि सुशील कुमार देश के नामी पहलवान हैं। उन्होंने देश के लिए दो बार ओलिंपिक में मेडल जीता है।
उनकी पत्नी को नोटिस भेजने पर भी सवाल
जाखड़ का यह भी कहना है कि पुलिस ने सुशील की पत्नी को नोटिस भेजा, लेकिन सुशील को नहीं, ऐसा क्यों? उन्होंने यह भी कहा कि सुशील पर पुलिस झूठे जुर्म कबूल कराने की कोशिश कर रही है। उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है। इसलिए सुशील ने साइन करने से मना कर दिया। वह पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं।
ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार जूनियर पहलवान सागर मर्डर केस में गिरफ्तारी से पहले 6 मई को मेरठ टोल पर एक शख्स के साथ कार में नजर आए थे।
पुलिस के पास वीडियो है तो उसे कोर्ट में पेश करना चाहिए
सुशील के वकील का यह भी कहना था कि तीनों पहलवानों को अपहरण करके स्टेडियम में ले जाया गया तो उसके फुटेज कहां हैं और अगर कोई वीडियो है तो पुलिस कोर्ट में क्यों नहीं पेश करती?
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, 4 मई को रात 1.15 से 1.30 के बीच छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में पहलवान के दो गुटों में झड़प हुई थी। इस दौरान फायरिंग भी हुई। इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए। इनमें सागर (23), सोनू (37), अमित कुमार (27) और 2 अन्य पहलवान शामिल थे। सागर ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ था।
घटनास्थल से डबल बैरल गन और कारतूस मिले
पुलिस को घटनास्थल से 5 गाड़ियों के अलावा एक लोडेड डबल बैरल गन और 3 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे।
सागर के पिता अशोक धनखड़ चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले।
सुशील पर एक लाख तो उनके सहयोगी अजय पर 50 हजार का इनाम भी घोषित था
लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद भी सुशील इस मामले में पुलिस का साथ देने के लिए सामने नहीं आए। इस कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने सुशील पर 1 लाख रुपए और उनके PA अजय के ऊपर पर 50 हजार रुपए इनाम की घोषणा भी की थी। अब दोनों पुलिस की हिरासत में हैं।
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