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साउथ अफ्रीका यानी क्रिकेट की सबसे बड़ी चोकर्स: वर्ल्ड कप के अहम मुकाबले में टीम की हार का सिलसिला कायम

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स्पोर्ट्स डेस्क3 मिनट पहले

टी-20 वर्ल्ड कप में रविवार को खेले गए पहले मैच में नीदरलैंड ने साउथ अफ्रीका को 13 रन से हराकर बड़ा उलटफेर किया। इसके साथ ही साउथ अफ्रीका की सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें भी खत्म हो गईं। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब साउथ अफ्रीका किसी बड़े इवेंट में इस तरह बिना खास मुकाम हासिल किए बाहर हुआ हो।

वर्ल्ड कप और दूसरे बड़े टूर्नामेंट्स में अकसर देखा गया है कि साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम फेल हो जाती है, उसके रास्ते चोक हो जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो यह टीम जीतते-जीतते हार जाती है।

साउथ अफ्रीका ने अब तक एक भी वर्ल्ड कप नहीं जीता। ना ही वे कभी फाइनल में पहुंचे। टीम कई बार अपने हाथ में मैच होने के बावजूद सामने वाली टीम को जीत तोहफे में दे दे देती है। इस स्टोरी में हम जानेंगे कि साउथ अफ्रीका ने कब- कब बड़े टूर्नामेंट में चोक किया है। साथ ही यह भी जानेंगे कि साउथ अफ्रीका के साथ ऐसा क्यों होता है?

शुरुआत 1992 वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल से

बारिश की वजह से साउथ अफ्रीका को 1 बॉल में 22 रन का टारगेट मिला।

बारिश की वजह से साउथ अफ्रीका को 1 बॉल में 22 रन का टारगेट मिला।

इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के बाद साउथ अफ्रीका पहली बार वर्ल्ड कप में खेली। पहले वर्ल्ड कप में ही साउथ अफ्रीका की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई थी। उनका मुकाबला इंग्लैंड से था। टीम 252 रन के टारगेट का पीछा कर रही थी।

अंत में साउथ अफ्रीका को 13 गेंद में 22 रन की जरूरत थी। इसी समय बारिश आ गई और मैच रुक गया। बारिश होने की वजह से बॉल काम कर दी गई। लेकिन उस वक्त के ‘रेन रूल्स के मुताबिक, साउथ अफ्रीका को एक गेंद में 22 रन का टारगेट मिला। ये नामुमकिन था। टीम हारी और टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

1996 वनडे वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल Vs वेस्टइंडीज
996 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका का फॉर्म जोरदार था। टीम ने ग्रुप स्टेज के सभी 5 मैच जीते और टेबल टॉप किया। उन्होंने ग्रुप में पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराया। टीम का क्वार्टर फाइनल वेस्टइंडीज से हुआ, जिसने ग्रुप स्टेज में 5 में से 2 मैच ही जीते थे। क्वार्टर फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने साउथ अफ्रीका को 264 रन का टारगेट दिया। जवाब में टीम आउट ऑफ फॉर्म वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम 245 के स्कोर पर ही बिखर गई।

वेस्टइंडीज ने साउथ अफ्रीका को सेमीफाइनल में ऑल आउट कर दिया था।

वेस्टइंडीज ने साउथ अफ्रीका को सेमीफाइनल में ऑल आउट कर दिया था।

1999 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल Vs ऑस्ट्रेलिया
1999 में साउथ अफ्रीका वर्ल्ड कप के सबसे बड़े दावेदार मानी जा रही थी। सुपर 6 के आखिरी मुकाबले में साउथ अफ्रीका की किस्मत फिर ख़राब हुई। सेमीफइनल में जगह बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया 271 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी। शुरुआत ने उसने अच्छी बढ़त बनाई। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के 48 रन में 3 विकेट झटके। स्टीव वाॅ और रिकी पॉन्टिंग स्ट्राइक पर थे। वॉ ने मिड-विकेट पर लांस क्लूजनर की गेंद पर फ्लिक किया। हर्शल गिब्स ने कैच पकड़ा, लेकिन समय से पहले सेलिब्रेट करने के चक्कर में उनके हाथ से कैच छूट गया।

उस समय स्टीव वॉ गिब्स के पास गए और कहा, “बेटा, तुमने अभी-अभी वर्ल्ड कप छोड़ दिया है।” इसके बाद वॉ ने नाबाद 120 रन की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंचाया।

हर्षल गिब्स ने 56 के स्कोर पर वॉ का कैच छोड़ा था। यहीं से मैच पलट गया।

हर्षल गिब्स ने 56 के स्कोर पर वॉ का कैच छोड़ा था। यहीं से मैच पलट गया।

सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर साउथ अफ्रीका से भिड़ा। इस बार मैच टाई रहा। सुपर 6 स्टेज में ऑस्ट्रेलिया ने अफ्रीका को हराया था। इस आधार पर ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में विजेता घोषित कर दिया गया।

2003 वनडे वर्ल्ड कप ग्रुप स्टेज Vs श्रीलंका

बारिश की वजह से डकवर्थ लुईस मेथड यूज की गई और मैच टाई हो गया।

बारिश की वजह से डकवर्थ लुईस मेथड यूज की गई और मैच टाई हो गया।

साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 5 ओवर में 39 रन चाहिए थे।

साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 5 ओवर में 39 रन चाहिए थे।

साउथ अफ्रीका पहली बार वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा था। इस वर्ल्ड कप में भी वे दावेदार माने जा रहे थे। इस बार वे अच्छी शुरुआत नहीं कर सके और वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 रन से हार गए। सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए साउथ अफ्रीका को श्रीलंका के खिलाफ ग्रुप स्टेज का आखिरी मैच जीतना जरूरी था। श्रीलंका के दिए हुए 268 रन का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका का स्कोर 45 ओवरों में 229/6 था। इतने में बारिश हो गई और मैच रुक गया। बारिश लगातार चलती ही रही। डकवर्थ लुईस मेथड से मैच टाई हो गया और साउथ अफ्रीका बाहर हो गई। माना जाता है कि अफ्रीकी की टीम ने इस बार टारगेट कैलकुलेट करने में गलती कर दी थी।

2007 टी-20 वर्ल्ड कप ग्रुप स्टेज Vs भारत

इस मैच में आरपी सिंह ने 4 विकेट लिए थे। इसी साल भारत ने पहले टी-20 वर्ल्ड कप जीता था।

इस मैच में आरपी सिंह ने 4 विकेट लिए थे। इसी साल भारत ने पहले टी-20 वर्ल्ड कप जीता था।

2007 टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी साउथ अफ्रीका ने की थी। ग्रुप के आखिरी मैच में भारत-साउथ अफ्रीका को सेमीफाइनल में जाने के लिए जीतना जरूरी थी। इसमें साउथ अफ्रीका ने 153 रन के टारगेट का पीछा करते हुए शुरुआत अच्छी की, लेकिन 20 ओवर में सिर्फ 116 रन ही बना सकी और टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

2009 टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल Vs पाकिस्तान
साउथ अफ्रीका इस वर्ल्ड कप में भी जोश में नजर आ रही थी। टीम ने अपने ग्रुप के सभी मैच जीते। इसके बाद उनका सामना पाकिस्तान से सेमीफाइनल में हुआ। यहां उन्हें हार मिली। पाकिस्तान ने साउथ अफ्रीका को 150 रन का टारगेट दिया। जवाब में साउथ अफ्रीका 20 ओवर में 142 रन ही बना सकी और मैच हार गई। इस तरह एक बार फिर साउथ अफ्रीका अहम मुकाबले में हारी।

साउथ अफ्रीका 2009 के सेमीफाइनल में 150 का टारगेट भी चेज नहीं कर पाई थी।

साउथ अफ्रीका 2009 के सेमीफाइनल में 150 का टारगेट भी चेज नहीं कर पाई थी।

2010 टी-20 वर्ल्ड कप ग्रुप स्टेज
2010 टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका नेट रन रेट का शिकार हो गई। साउथ अफ्रीका के ग्रुप में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान थे। इंग्लैंड ने अपने तीनों मैच जीते। वहीं न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका ने 1 जीता और 2 हारे। नेट रन रेट कम होने की वजह से पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल में नहीं जा सकी और न्यूजीलैंड क्वालीफाई कर गई।

2011 वनडे वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल Vs न्यूजीलैंड

2011 वनडे वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के 8 विकेट 64 रन के अंदर गिरे और वो मुकाबला हार गई।

2011 वनडे वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के 8 विकेट 64 रन के अंदर गिरे और वो मुकाबला हार गई।

वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका ने अपने ग्रुप में टॉप किया था। टीम ने 6 में से 5 मैच जीते थे। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में टीम का मुकाबला न्यूजीलैंड से हुआ। इस मैच में साउथ अफ्रीका अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। न्यूजीलैंड को 221/8 के स्कोर पर सीमित करने के बाद साउथ अफ्रीका 24 ओवर तक 108/2 के स्कोर पर संतुलित लग रही थी। जैक कैलिस और AB डिविलियर्स क्रीज पर थे। अगली ही गेंद पर कैलिस के आउट होने के बाद, साउथ अफ्रीका के विकेट गिरते ही चले गए। टीम ने आखिरी 8 विकेट 64 रन के अंदर ही गंवा दिए। इस तरह साउथ अफ्रीका फिर नॉकआउट चरण में फिर से लड़खड़ा गया।

2014 टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल Vs भारत
साउथ अफ्रीका ने 2014 में अच्छा प्रदर्शन किया। ग्रुप में 6 पॉइंट के साथ दूसरे नंबर पर रहकर सेमीफाइनल में एंट्री की। साउथ अफ्रीका का सेमीफाइनल भारत के खिलाफ था। पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने भारत को 173 रन का टारगेट दिया। साउथ अफ्रीका भारत के खिलाफ अच्छा खेल रही थी, लेकिन विराट कोहली की धमाकेदार पारी ने खेल बदल दिया। भारत ने आखिरी ओवर में मुकाबला 6 विकेट से जीता।

2015 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल Vs न्यूजीलैंड
वर्ल्ड कप में एक बार फिर साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड एक दूसरे से भिड़े। मैच में बारिश होने के कारण न्यूजीलैंड को अपने पहले विश्व कप फाइनल में जगह बनाने के लिए 43 ओवर में 298 रन बनाने थे। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज ग्रांट इलियट अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। एबी डिविलियर्स ने उनका रन आउट मिस किया।

आखिरी दो गेंद में जीत के लिए न्यूजीलैंड को 5 रन चाहिए थे। इसके बाद ग्रांट इलियट ने डेल स्टेन की गेंद पर छक्का जड़ दिया और कीवी टीम मैच जीत गई। इस तरह साउथ अफ्रीका का एक और सेमीफाइनल में निराशा में डूब गया। इस मैच में ग्रांट ने 84 रन की नाबाद पारी खेली।

आखिरी ओवर के पहले ही साउथ अफ्रीका ने एलियट का कैच छोड़ा था। उन्होंने ही आखिरी ओवर में अपनी टीम को जीत दिलाई।

आखिरी ओवर के पहले ही साउथ अफ्रीका ने एलियट का कैच छोड़ा था। उन्होंने ही आखिरी ओवर में अपनी टीम को जीत दिलाई।

2021 टी-20 वर्ल्ड कप
2021 टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप के 5 में से 4 मैच जीतने के बावजूद साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई। उसके ग्रुप में इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया ने 5 में से 4 मैच जीते। उन दोनों टीम का नेट रन रेट साउथ अफ्रीका से ज्यादा था। इस कारण बराबर पॉइंट्स होने के बावजूद साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी।

क्यों साउथ अफ्रीका हमेश चोक कर जाती है……

टीम में एकजुटता की कमी – हम अक्सर देखते है की साउथ अफ्रीका की टीम में बड़े-बड़े नाम होते है। बैटिंग से लेकर फील्डिंग तक साउथ अफ्रीका ने कई पैमाने सेट किए। लेकिन टीम में एकजुटता की कमी देखने को मिलती है। टीम कभी भी साथ मिलकर प्रयास नहीं कर पाती है और बीच मैच में एक दूसरे पर निर्भर होते दिखाई देती है। टीम के अंदर जारी कोटा सिस्टम को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया जाता है। टीम में नियम है कि खास संख्या में कुछ अश्वेत खिलाड़ी जरूर खेलेंगे। कई खिलाड़ी इसका विरोध करते हैं और अंततः इसका असर प्रदर्शन पर भी दिख जाता है।

बड़े मुकाबलों में फेल होने का इतिहास भारी पड़ रहा- साउथ अफ्रीका की टीम प्रेशर नहीं झेल पाती है। लगभग हर वर्ल्ड कप के निर्णायक मौकों पर अफ्रीकी प्लेयर्स टीम के इतिहास के बारे में सोचकर प्रेशर में आ जाते है। विशेषज्ञ बताते हैं कि साउथ अफ्रीकी टीम के खिलाड़ी खुद मान बैठे हैं कि ICC टूर्नामेंट जीतना उनके बस की बात नहीं। इसलिए अहम मुकाबलों से पहले वे अपने ऊपर कई गुना ज्यादा दबाव बना लेते हैं।

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