साइंस ऑफ क्रिकेट-2: जिस फिरकी से चहल बने इस IPL सीजन के हाइएस्ट विकेट टेकर, जानिए उस स्पिन बॉलिंग का साइंस
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14 मिनट पहलेलेखक: अभिषेक कुमार उपाध्याय
तेज गेंदबाज भले ही अपनी स्पीड से बल्लेबाज के मन में डर पैदा करते हों, लेकिन गेंद का असली मैजिशियन तो स्पिन गेंदबाजों को ही कहा जाता है। सदी की सबसे अच्छी गेंद एक स्पिनर ने ही डाली है। क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप फाइव बॉलर्स में भी तीन स्पिनर्स हैं। यहां तक की IPL के इस सीजन में अभी तक सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले युजवेंद्र चहल भी स्पिन बॉलर ही हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि काश आप भी गेंद स्पिन कराना सीख सकते, तो क्रिकेट में आपके भी जलवे होते। स्पिन बॉलिंग सीखने में भले ही आपको वक्त लगे, लेकिन स्पिन बॉलिंग का साइंस जरूर कुछ मिनट में ही सीख सकते हैं। ‘साइंस ऑफ क्रिकेट’ सीरीज के इस एपिसोड में आज बॉल स्पिन होने की कहानी जानेंगे…
बॉल स्विंग कराने के लिए जरूरी चीजें
हम बॉल के स्पिन की साइंस को दो हिस्सों में समझेंगे। पहला टप्पा खाने से पहले का मूवमेंट और दूसर टप्पा खाने के बाद का मूवमेंट। इन दो मूवमेंट की वजह से ही बॉल स्पिन होती है। बॉल स्पिन का साइंस समझने के लिए इससे जुड़े कुछ टर्म जानने होंगे।
पहले समझते है कि रिवोल्यूशन क्या होता है? जब बॉल अपने एक्सिस या धुरी पर घूमती है, तो उसे रिवोल्यूशन कहते हैं। यही रिवोल्यूशन ही स्पिन है। बॉल को हवा में दो तरीके से स्पिन कराया जाता है। एक टॉप स्पिन और एक बैक स्पिन। टॉप स्पिन में बॉल आगे की ओर और बैक स्पिन में पीछे की ओर स्पिन करती है। इसका असर गेंद के टप्पा पड़ने की जगह पर होता है।
टप्पा पड़ने से पहले घूमती गेंद का साइंस
जब स्पिनर बॉल को अपने हाथ से छोड़ता है तो वो बॉल को स्पिन कराते हुए छोड़ता है। मतलब बॉल अपने एक्सिस पर घूमती हुई जाती है। घूमती हुई बॉल जब हवा में ट्रैवल कर रही होती है तो इस पर मैगनस इफेक्ट काम करता है।
अब सवाल उठता है कि ये मैगनस इफेक्ट क्या है? जब बॉल बिना घूमे आगे जाती है तो उसके अगल-बगल की हवा एक सी रहती है, लेकिन जब बॉल को घुमाकर फेंका जाता है तो अगल-बगल की हवा की स्पीड बदल जाती है। इसलिए उसके अगल-बगल का प्रेशर बदल जाता है और बॉल कम प्रेशर की तरफ जाने लगती है। यही मैग्नस इफैक्ट है। मैगनस इफेक्ट को एच.जी मैगनस के नाम पर रखा गया, जिन्होंने 1853 में एक एक्सपेरिमेंट के दौरान पहली बार इस इफेक्ट को खोजा था।
मैगनस इफेक्ट की वजह से बॉल के टप्पे पर असर पड़ता है।
मैगनस इफेक्ट में जब बॉल हवा से टकराती है, तो बॉल का रिवोल्यूशन एक साइड की हवा को लपेटता है और दुसरी साइड की हवा नॉर्मली निकल जाती है। बॉल जिस साइड से भी हवा को लपेटती है उसकी अपोजिट साइड बॉल को धक्का मिलता है।
बैक स्पिन में गेंद नॉर्मली लैंड होने वाली जगह से आगे जाकर लैंड करती है। जबकि टॉप स्पिन में बॉल नॉर्मल टप्पा खाने की बजाय थोड़ा पीछे ही लैंड करती है। इसी का इस्तेमाल कर गेंदबाज हवा में बैट्समैन को चकमा देता है।
टप्पा पड़ने के बाद गेंद के दिशा बदलने का साइंस
अब समझने की कोशिश करते हैं कि टप्पा खाने पर किस वजह से बॉल घूमती है। जब बॉल रिवॉल्यूशन के साथ पिच से टकराती है, तब उस पर लॉ ऑफ फ्रिक्शन अप्लाई होता है। इस नियम के मुताबिक फ्रिक्शन या घर्षण किसी मूविंग ऑब्जेक्ट के अपोजिट ही काम करता है। ऐसे में जब बॉल का रिवॉल्यूशन लेफ्ट टू राइट होता है तो बॉल लेफ्ट साइड को टर्न होती है और अगर ये रिवॉल्यूशन राइट टू लेफ्ट है तो बॉल राइट में घूमेगी। कन्वेंशनली इन दो स्पिन को लेग स्पिन और ऑफ स्पिन कहते हैं।
शेन वॉर्न दुनिया के सबसे अच्छे लेग स्पिनर माने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में 708 विकेट लिए हैं।
लेग स्पिनर शेन वार्न को बॉल का जादूगर माना जाता रहा। वार्न ने जिस बॉल पर माइकल गैटिंग का विकेट लिया था, उसे ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ कहा गया। वॉर्न का नेचुरल एक्शन उन्हें हेल्प करता था, जिससे वो बॉल को ज्यादा रिवोल्यूशन के साथ फेकते थे और वॉर्न मैगनस इफेक्ट का इस्तेमाल करके बल्लेबाजों को हवा में बीट करते थे। भारत में भी अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल जैसे शानदार स्पिन गेंदबाज हैं, जो अपनी फिरकी से बल्लेबाजों को चारो खाने चित्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल में सबसे ऊपर दी गई फोटो पर क्लिक करके वीडियो में स्पिन बॉलिंग का पूरा साइंस देख सकते हैं।
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