सरकार की फजीहत: केयर्न एनर्जी अपना बकाया वसूलने के लिए विदेश में सरकारी कंपनियों पर करेगी मुकदमा, भारत सरकार पर उसका 1.2 अरब डॉलर और ब्याज बकाया
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मुंबई6 घंटे पहले
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भारत सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच टैक्स विवाद लगातार बढ़ता रहा है। कंपनी अब एयर इंडिया के बाद सरकार की अन्य कंपनियों और बैंकों से अपना बकाया वसूलने की तैयारी में है। जिनकी संपत्ति अमेरिका से लेकर सिंगापुर में हैं।
केयर्न एनर्जी के वकील ने कहा कि कंपनी कई देशों में केस फाइल करेगी। इससे पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को भारत सरकार पर बकाया 1.2 अरब डॉलर के साथ ब्याज और जुर्माने के लिए जिम्मेदारी बनाया जा सके।
केयर्न एनर्जी की कानूनी कामकाज देखने वाली कंपनी क्विन इमैनुअल उर्कहार्ट एंड सुलविन के सॉवरेन लिटिगेशन प्रैक्टिस हेड डेनिस हर्निटजकी ने एजेंसी से कहा कि हम कई सरकारी कंपनियों पर प्रवर्तन कार्रवाई का विचार रहे हैं। यह कार्रवाई जल्द होगी और शायद यह अमेरिका में नहीं हो।
पिछले महीने कंपनी एयर इंडिया पर किया था मुकदमा
बता दें कि केयर्न एनर्जी ने 14 मई को एअर इंडिया पर अमेरिका के न्यूयॉर्क के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज कराया गया। इसमें कंपनी ने उस रकम के भुगतान के लिए एयर इंडिया को जवाबदेह बनाने की मांग की है, जो उसे भारत सरकार के खिलाफ दावे में जीत से हासिल हुई है। कंपनी ने कहा कि एयरलाइन कंपनी पर सरकार का मालिकाना हक है, इसलिए वह कानूनी तौर पर सरकार से अलग नहीं है।
केयर्न ने दिसंबर में जीता था मामला
दिसंबर 2020 में केयर्न एनर्जी ने सिंगापुर की ऑर्बिट्रेशन कोर्ट में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स के मामले में सरकार के खिलाफ जीत हासिल की थी। रेट्रोस्पेक्टिव का मतलब पुराने टैक्स के मामले से है। टैक्स विवाद के इस मामले में मध्यस्थता अदालत (आर्बिट्रेशन कोर्ट) ने भारत सरकार को 1.2 बिलियन डॉलर के अलावा इंटरेस्ट और पेनाल्टी की रकम चुकाने का आदेश दिया था। अब यह रकम बढ़कर 1.72 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई। भारत सरकार ने केयर्न एनर्जी को यह रकम नहीं चुकाई है।
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