सरकार का नया मंत्र- सहकार से समृद्धि: राज्यों के सहयोग के लिए जल्द नई सहकारिता नीति बनाएगा केंद्र; सहकारिता राज्यों का मामला, लेकिन उनसे नहीं होगा टकराव: शाह
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- Center Will Soon Formulate A New Cooperative Policy For The Cooperation Of The States; Cooperative States Matter, But There Will Be No Conflict With Them: Shah
नई दिल्ली15 मिनट पहले
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार जल्द नई सहकारिता नीति बनाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह ने यह बात नई दिल्ली में आयोजित पहले सहकारिता सम्मेलन में कही। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सहकार से समृद्धि हमारा नया मंत्र है।
प्राथमिक कृषि सहकारिताओं की संख्या तीन लाख तक लाई जाएगी
शाह ने समारोह में अलग-अलग सहकारिताओं के 2,100 से ज्यादा प्रतिनिधियों और लगभग छह करोड़ ऑनलाइन पार्टिसिपेंट्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारिताओं (PAC) की संख्या अगले पांच साल में बढ़ाकर तीन लाख तक लाई जाएगी। देश में इस समय ऐसी लगभग 65,000 सहकारिताएं हैं। सहकारिता मंत्रालय इसी साल जुलाई में बनाया गया है।
कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता, यह उधार लिया हुआ विचार नहीं
शाह ने कहा कि वह 25 साल तक सहकारिता आंदोलन से जुड़े रहे हैं। यह कभी अप्रासंगिक नहीं हो सकता, क्योंकि उधार लिया हुआ विचार नहीं है। सहकारिता लोगों के विचारों और स्वभाव में घुल-मिल गई है। देश पर जब-जब कोई विपदा आई है, सहकारिता आंदोलनों ने उसे उबारा है। सहकारिता आंदोलन ग्रामीण समाज में प्रगति लाएगा और एक नई सामाजिक पूंजी की अवधारणा भी खड़ी करेगा।
राज्य सरकारों से सहयोग करेगा केंद्र, उनमें कोई टकराव नहीं होगा
देश के पहले सहकारिता मंत्री ने कहा कि कुछ लोग आश्चर्य करते हैं कि केंद्र सरकार ने क्यों एक नया मंत्रालय बनाया, जबकि सहकारिता राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती है। शाह ने कहा कि इसका कानूनी जवाब दिया सकता है, लेकिन वे विवाद में नहीं पड़ना चाहते। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकारों से सहयोग करेगा और उनमें कोई टकराव नहीं होगा।
सेक्टर को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए सहकारिता मंत्रालय
शाह ने कहा कि केंद्र सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सभी राज्यों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को स्पर्धा में टिकने लायक मजबूती देने और आधुनिक बनाने के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया है। शाह ने कहा कि 2002 में एक नीति तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाई थी। अब 2022 में मोदी सरकार नई नीति बनाना शुरू करेगी।
सहकारिताएं 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनने में मददगार
उन्होंने कहा कि आज सहकारिता आंदोलन पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक है। शाह के मुताबिक, सहकारिताएं देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनने में अहम रोल अदा कर सकती हैं। सहकारिताओं को टैक्स के मोर्चे पर हो रही समस्याओं और दूसरे मसलों को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें पता है। उन्होंने कहा कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
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