सफलता के साथ असफलता का भी जश्न मनाना जरूरी: सचिन बोले- खेल कभी हार न मानने वाली भावना सिखाता है
मुंबई4 मिनट पहले
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सचिन तेंदुलकर ने गणतंत्र दिवस पर देसवासियों को बधाई दी।
खेल हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। हमारे देश में न जाने कितने खेलों ने जन्म लिया। हर चाल में गेम बदलने वाला चेस भारत से उपजा। अब इस खेल में कई भारतीय देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। इसी तरह अन्य देशों द्वारा बनाए खेलों में भी भारतीय टीमों का अद्वितीय प्रदर्शन रहा है।
क्रिकेट, हॉकी, कबड्डी, सेलिंग, बैडमिंटन, बिलियर्ड्स में तो भारत ने विश्व विजेता की उपलब्धि भी हासिल की। इन कारणों से अब जब बच्चे घर से बाहर निकलकर गलियों में अपने दोस्तों के साथ खेलते हैं तो उनके माता-पिता घरों से ही अपने बच्चों को खेलते हुए देखते हैं और उत्साह बढ़ाते हैं। इस प्रक्रिया में हार-जीत मायने नहीं रखती। अगर बच्चा जीत जाता है तो अभिभावक उसके साथ जश्न में शामिल होते हैं और अगर वो हारता है तो वे अपने बच्चे को सांत्वना देते हैं। फिर वो बच्चा खेल को लेकर उतना ही उत्साहित रहता है, जितना वो पहले था।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में भी हार न मानने वाली भावना रहती है। एक खिलाड़ी कितनी बार जीता है, उससे उसकी सफलता को नापा जाता है। लेकिन, उनके जीवन में हार भी अहम भूमिका निभाती है। खेल ही दृढ़ता और दृढ़ संकल्प सिखाता है। पिछले साल, भारत ने एक नए खेल को देखा। रूपा रानी, पिंकी, नयनमोनी और लवली चौबे ने लॉन बॉल्स में भारतीयों की दिलचस्पी पैदा की।
इस टीम ने कॉमनवेल्थ में भारत के लिए लॉन बॉल्स में पहला गोल्ड जीता। समाज ने जीतने को ही तवज्जो दी है, लेकिन ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की मेहनत और उसके संघर्ष पर भी उतना ही ध्यान दें। जीतने के लिए की गई कोशिश को भी लोगों की सराहना मिलना जरूरी है। हो सकता है कि चानू, सिंधु, बजरंग, मेरीकॉम और कोहली अच्छा खेल न दिखाएं। लेकिन वे दोबारा उतरेंगे और अपना बेस्ट देने की कोशिश करेंगे।
हमारी कोशिश होनी चाहिए कि अच्छा खेलने वाले खिलाड़ियों की ग्रासरूट स्तर पर ही पहचान हो। फिर उन्हें ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना होगा, जहां वे सीखें। सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ असफलता को स्वीकार करने की क्षमता से इन खिलाड़ियों को जीतना सीखना होगा। हर गणतंत्र दिवस पर हम अपने संविधान और इसके द्वारा दिए गए अधिकारों का सम्मान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। आइए इस बार भी हम सब मिलकर वर्षों की यात्रा का जश्न मनाएं, जब हम कई बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ते हुए अौर कोशिश करते हुए जीतें। आइए हम एक ऐसे कल की कामना करें, जहां हम असफलताओं को महत्व देना सीखें। अपने और देश के लिए सर्वश्रेष्ठ हासिल करने का प्रयास करते हुए आगे बढ़ें।
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