श्रीलंका में खाने के लाले पड़े: 400 ग्राम दूध 790 रुपए का, भूख के डर से 16 श्रीलंकाई भारत पहुंचे
नई दिल्ली35 मिनट पहले
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आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका के लोग महंगाई की मार से त्रस्त हैं। देश में खाने-पीने की कीमतों में भारी उछाल आ गया है, यहां 400 ग्राम दूध 790 रुपए का मिल रहा है। साथ ही लोगों को घंटों लाइन में लगकर भोजन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। आलम ये है कि श्रीलंका के कई तमिल अब भारत की ओर रुख करने लगे हैं। मंगलवार को करीब 16 श्रीलंकाई भारत में दाखिल हुए हैं। ये लोग शरणार्थी के रूप में भारत आ रहे हैं। अनुमान है कि भारी संख्या में श्रीलंकाई शरणार्थी भारत में शरण लेने वाले हैं।
श्रीलंका में 1 किलो चावल 500 रुपए में मिल रहा
श्रीलंका से आए शरणार्थियों ने बताया कि वहां चावल 500 श्रीलंकाई रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। 790 रुपए में 400 ग्राम दूध का पाउडर मिल रहा है। वहीं एक किलो चीनी की कीमत 290 रुपए तक पहुंच गई है। विश्लेषकों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे 1989 के गृह युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है और तादाद में पलायन होने की आशंका है।
जान पर खेल कर श्रीलंकाई शरणार्थी भारत पहुंच रहे
मंगलवार को श्रीलंकाई शरणार्थियों का दो दल भारतीय तट पर पहुंचा। इनमें से छह लोगों के एक दल को तो रामेश्वरम के तट से भारतीय तटरक्षक बल ने बचाया। ये एक टापू अरिचल मुनाई से दूर फोर्थ आइलैंड पर फंस गए थे। ये सभी लोग श्रीलंका के उत्तर जाफना या मन्नार क्षेत्र से आ रहे हैं। मंगलवार को आने वाले एक दल में तीन बच्चे भी शामिल थे। ये लोग रामेश्वर के तट के पास एक टापू पर फंस गए थे। इसके बाद भारतीय तटरक्षक बल के जवानों ने इन्हें वहां से निकाल कर बाहर लाया। 10 लोगों का दूसरा दल देर रात भारतीय तट पर पहुंचा।
श्रीलंका से तमिलनाडु आए कपल आर गजेंद्रन (24) उनकी पत्नी मैरी क्लेरिन (23) और उनका चार महीने का बेटा निजाथ।
50 हजार देकर और जान जोखिम में डालकर कपल भारत पहुंचा
छह सदस्यों का जो श्रीलंकाई दल आया, उसमें एक कपल थे। ये अपने चार महीने के बेटे के साथ समुद्र के रास्ते जान जोखिम कर भारत आए। अगर भारतीय तटरक्षक बल इन्हें नहीं बचाते तो इनके लिए मुश्किल हो जाती। स्थानीय अधिकारियों ने इनकी पहचान 24 साल के गजेंद्र और 22 साल की इनकी पत्नी मैरी क्लेरिन के रूप में की है। इनका चार महीने का बेटा निजथ भी साथ में था।
एक महिला डोरी एनिस्टन (28) भी दो बच्चे के साथ आई। वो अपने दो बच्चे एस्तेर (9) और मूसा (6) के साथ मन्नार से एक नाव से भारत पहुंची।
इन शरणार्थियों ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से खाने-पीने की भारी किल्लत हो गई। इनका कहना था कि इन्होंने मछुआरे को भारतीय समुद्र में दाखिल कराने के लिए 50 हजार रुपए दिए। दूसरे दल ने भी दावा किया कि उन्होंने भारत आने के लिए नाव वाले को 3 लाख रुपए दिए। इन्होंने कहा कि वहां के कई परिवार भारत आने की तैयारी में हैं।
डोरी एनिस्टन (28) और उनके दो बच्चे एस्तेर (9) और मूसा (6) के साथ मन्नार से एक नाव से भारत पहुंचे।
श्रीलंका दिवालिया घोषित हो सकता है
चीन सहित कई देशों के कर्ज में डूबा श्रीलंका दिवालिया घोषित हो सकता है। जनवरी में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 70% घटकर 2.36 अरब डॉलर रह गया है। वहीं श्रीलंका को अगले 12 महीनों में 7.3 अरब डॉलर (करीब 54,000 करोड़ भारतीय रुपए) का घरेलू और विदेशी कर्ज चुकाना है। इसमें कुल कर्ज का लगभग 68% हिस्सा चीन का है। उसे चीन को 5 अरब डॉलर चुकाने हैं।
भारत ने की आर्थिक मदद
गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने अपने पड़ोसी देश को 90 करोड़ डॉलर से ज्यादा का कर्ज देने की घोषणा की है। इससे देश को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने और खाद्य आयात में मदद मिलेगी।
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