Quick News Bit

शाबाश बेटियो! तुम हॉकी की सुनहरी नींव: मैच हारा है, पर आपने मन और मान जीत लिया… म्हारी छोरियां ही म्हारा असली सोना हैं

0

पानीपतएक दिन पहले

  • कॉपी लिंक

ब्राॅन्ज का मैच हारने के बाद खिलाड़ी भावुक हुईं, पर बेटियां रोती अच्छी नहीं लगतीं, आपकी मुस्कान ही ताकत है… हार की हताशा से आगे बढ़ना है

  • भारत 3-2 से आगे था, दूसरे हाफ में दो गोल कर ब्रिटेन जीता
  • चौथे स्थान पर रहे खिलाड़ियों को 50-50 लाख रु. देगी सरकार

भारतीय महिला हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल का मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन से 4-3 से हार गई। मैच हारने के बाद खिलाड़ी भावुक हो गईं, लेकिन लड़कियों ने जिस जोरदार तरीके से विरोधी टीम को टक्कर दी, उससे उन्होंने भविष्य के लिए महिला हॉकी में गोल्ड की नींव रख दी है। तीन साल बाद पेरिस में ओलिंपिक है। वहां गोल्ड की उम्मीद और मजबूत हुई है। पूरा देश महिला खिलाड़ियों की तारीफ कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर टीम से बात की। उन्होंने कहा कि आप सब बहुत अच्छा खेलीं। आपका पसीना मेडल नहीं ला सका, लेकिन यह करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा बन गया। वहीं, सीएम मनोहर लाल ने महिला हॉकी खिलाड़ियों सहित ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहे प्रदेश के खिलाड़ियों को 50-50 लाख रु. देने का ऐलान किया है।

भास्कर Insight- भास्कर एक्सपर्ट- प्रीतम सिवाच, पूर्व ओलिंपियन, पूर्व भारतीय कप्तान व कोच

टोक्यो में भारत के प्रदर्शन से खुश हूं। सिर्फ इसलिए नहीं कि भारत ने शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि इसलिए कि लोगों में हॉकी के प्रति रुचि बढ़ी है। अब इसे क्रांतिकारी बदलाव के रूप में आगे बढ़ा सकते हैं, ताकि अगले ओलिंपिक में पदक दावेदार के रूप में भारत का नाम लिया जाए। यह तभी संभव होगा, जब सरकार, अधिकारी और कोच को साथ लेकर लंबे समय के लिए प्लानिंग हो। जिम्मेदारी के साथ जवाबदेही भी तय हो।

गोल्ड कैसे आएगा… क्रांतिकारी बदलाव हो, भेदभाव छोड़ें, एडवांस ट्रेनिंग मिले; खिलाड़ियों को अच्छी नौकरी भी दें

1. भेदभाव दूर करें: हॉकी के प्रति जो भेदभाव वर्षों तक रहा है, उसे दूर करना होगा। मिट्‌टी पर खेलकर आप अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से मुकाबला नहीं कर सकते। हरियाणा में चंद जिलों को छोड़ दें तो कहीं ग्राउंड ही नहीं। ज्यादा सुविधाएं होंगी तो ज्यादा खेल होगा व कम्पीटिशन बढ़ेगा, जिससे श्रेष्ठतम खिलाड़ी की प्रतिभा सामने आएगी।

2. कोचिंग का ढर्रा भी बदले: अधिकांश जगह पुरानी शैली से ट्रेनिंग हो रही है। कई कोच को तो नए नियमों का पता तक नहीं। हर कोच के लिए एडवांस कोचिंग ट्रेनिंग अनिवार्य हो। एग्जाम हों और मेरिट में आने वाले प्रशिक्षकों को प्रोत्साहित करें। प्रशिक्षकों के फिटनेस टेस्ट भी निरंतर हों।

3. नौकरी के साथ खेल अनिवार्य हो: खिलाड़ियों को नौकरी और आर्थिक सुरक्षा सहित अन्य सुविधाएं मिलें। इससे खिलाड़ी निश्चिंत होकर खेल सकेंगी। लेकिन खिलाड़ियों के लिए भी खेल अनिवार्य हो। अक्सर यह होता है कि किसी भी विभाग में नौकरी के बाद खिलाड़ी का ध्यान खेल से हट जाता है। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

4. खेल नीति में सुधार जरूरी: खेल नीति में एक खामी है, जिसमें सुधार जरूरी है। खेल अवार्ड के लिए नियम बनाया गया है कि टीम खेलों में वही आवेदन कर सकता है, जिसके टीम में कम से कम 50% हाजिरी हो, ऐसा संभव नहीं। इसलिए नीति बनाते हुए प्रैक्टिकल होना जरूरी है। खेल नीति में प्रशिक्षकों पर भी ध्यान देना जरूरी है।

5. समाज आगे आए: समाज भी जिम्मेदारी निभाए। प्रदर्शन में कमी आए तो निराशा अपनी जगह है, लेकिन अपनी निराशा को खुंदक के रूप में नहीं निकालें। ऐसे समय उनके अभिभावक बनकर हौसला बढ़ाएं। औद्योगिक घराने खिलाड़ियों एवं खेल को गोद लें। टीम बेशक इस बार ओलिंपिक में मेडल नहीं जीत सकी, लेकिन आगे की नींव रख दी है।-जैसा अनिल बंसल काे बताया

महिला हॉकी टीम को 25 लाख रु. प्रोत्साहन राशि देगा भास्कर

भोपाल, अपने खेल और संघर्ष की क्षमता से हर भारतीय में जोश भरने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम पर देश को गर्व है। भारत व हॉकी के लिए यह बेहद भावनात्मक और ऐतिहासिक पल है। दैनिक भास्कर समूह महिला हॉकी टीम के प्रत्येक सदस्य को नमन करता है। हॉकी के नए युग की नींव रखने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम को भास्कर समूह प्रोत्साहन स्वरूप 25 लाख रु. देगा।

टीम की 18 खिलाड़ियों, मुख्य कोच, कोच, एनालिटिकल कोच, साइंटिफिक एडवाइजर, फिजियोथेरेपिस्ट, वीडियो एनालिस्ट और मसाजर समेत प्रत्येक सदस्य को एक-एक लाख रु. दिए जाएंगे। टीम ने अंतिम दम तक जीवटता का प्रदर्शन कर बेटियों की शक्ति का एहसास कराया है। हर भारतीय की आंखों में आज उम्मीद की चमक है। दैनिक भास्कर समूह का मानना है कि खेलों को हर स्तर पर प्रोत्साहन से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा। इससे वे और बेहतर प्रदर्शन में सफल होंगे।

पीएम का ऐलान… राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर

देश के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम राजीव गांधी खेल रत्न से बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच देशवासियों का आग्रह सामने आया है कि खेल रत्न का नाम मेजर ध्यानचंद को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए सम्मान का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।

सेमीफाइनल में हारे पहलवान बजरंग

पहलवान बजरंग पूनिया सेमीफाइनल मुकाबले में अजरबैजान के हाजी अलियेव से 5-12 से हार गए। पूनिया अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगे।

गोल्फर अदिति दूसरे स्थान पर बरकरार

भारतीय गोल्फर अदिति अशोक गोल्फ में पहले पदक की दावेदार बनी हुई हैं। अंतिम मुकाबला शनिवार को है। मौसम ठीक न हुआ तो रविवार को होगा।

आज नीरज के भाले से पदक की उमीद

हरियाणा के जेवलिन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा अपना फाइनल मुकाबला आज शाम 4:30 बजे खलेंगे, उनसे सभी को पदक की काफी उम्मीदें हैं।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment