शादियों में घोड़ी लेकर जाता था लवप्रीत: कॉमनवेल्थ में ब्रॉन्ज जीतने वाले लव ने दादा के साथ बेची सब्जियां; सालभर से नहीं मिला परिवार को
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अमृतसर3 मिनट पहले
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लवप्रीत के मेडल्स व ट्राफी के साथ मां- बहन व परिवार।
कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2022) में पंजाब के अमृतसर में छोटे से गांव बल सिकंदर में पले-बढ़े लवप्रीत ने 109 KG वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है । उन्होंने स्नैच में 163 और क्लीन एंड जर्क में 192 KG का वेट उठाया। इस तरह उन्होंने 355 KG वेट उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया। लेकिन इस ब्रॉन्ज मेडल तक पहुंचने के लिए लवप्रीत का सफर आसान नहीं रहा।
खुशी में पिता सभी का मुंह मीठा करवा रहे हैं।
कच्चे घर में बीता है बचपन
लवप्रीत ने 109 KG वेट कैटेगरी में मेडल तो जीता, लेकिन वह कभी इतना हेवी-वेट नहीं था। बचपन में दुबला पतला दिखने वाला लवप्रीत कभी गांव का पतला सा शांत रहने वाला लड़का था। पिता किरपाल सिंह ने बताया कि उसका सारा बचपन कच्चे घर में बीता। दादा गुरमेज सिंह का ठेले पर सब्जियां बेचने का काम था।
स्कूल से आता और दादा के साथ सब्जियां बेचने चले जाता था। पिता आज भी दर्जी का काम करते हैं। दादी जसबीर कौर ने अनुसार लवप्रीत इतना भोला था कि कभी उसने किसी काम को बड़ा छोटा नहीं कहा। शादी में घोड़ियां भी लेकर जाता था। लेकिन किस्मत तब बदली, जब उसने नेवी की परीक्षा पास की।
बचपन की तस्वीर, जिसमें लवप्रीत शादी की घोड़ी के साथ है।
8वीं में वेट लिफ्टिंग शुरू की
बहन मनप्रीत कौर ने बताया कि सरकारी स्कूल राजासांसी में उसने अपनी पढ़ाई की। 8वीं में था, गांव में वेट लिफ्टिंग के कोच हीरा सिंह ने उसे वेट-लिफ्टिंग शुरू करवा दी। डी.ए.वी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं तक पढ़ाई की और वहीं वेट-लिफ्टिंग करता रहा। स्कूलिंग के दौरान ही उसने कई मैडल जीते। 12वीं के बाद नेवी की परीक्षा दी, जिसमें वह सिलेक्ट हो गया।
जीत के बाद मां को वीडियो कॉल पर दिखाया जश्न
बीते 6 सालों से लवप्रीत घर से दूर है। पटियाला में उसकी ट्रेनिंग चल रही थी। बीच-बीच में वह घर आया करता था, लेकिन बीते 1 साल से वह घर नहीं आया। फोन पर संपर्क होता। मां सुखविंदर कौर ने बताया कि कॉमन-वेल्थ खेल में कंपीटीशन में जाने से पहले उसने फोन किया और गुरुओं के सामने अरदास करने के लिए कहा। इतना ही नहीं, जीतने के बाद उसने अपनी मां को वीडियो कॉल करके जीत के बाद का जश्न भी दिखाया।
परिवार की मेहनत पूरी हुई, अब सरकार से आस
भाई हरप्रीत सिंह ने बताया कि पूरे परिवार ने बचपन से लेकर मेडल जीतने तक बहुत मेहनत की है। मेहनत के बाद लवप्रीत आज इस मुकाम तक पहुंच सका है। लेकिन अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है, कि उसे अच्छी नौकरी और ईनाम दे। ताकि उसे देख पंजाब के अन्य युवा भी खेलों की तरफ जा सकें।
नौ सेना में है लवप्रीत
भारतीय सेना बॉर्डर पर देश की सुरक्षा ही नहीं कर रही है, बल्कि खेलों में नाम रोशन कर रहे हैं। बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स मे इंडियन नेवी के अधिकारी वेटलिफ्टर लवप्रीत सिंह ने देश को मेडल दिलाया है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग के 109 किलो वेट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उन्होंने स्नैच में 163 और क्लीन एंड जर्क में 192 KG का वेट उठाया। इस तरह उन्होंने 355 KG वेट उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया।
13 साल की उम्र में शुरू कर दिया था
वेटलिफ्टिंग लवप्रीत का जन्म 6 सितंबर, 1997 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। लवप्रीत ने साल 2010 में महज 13 साल की उम्र में वेटलिफ्टिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पाने के लिए काफी संघर्ष किया। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने के लिए 7 साल की कड़ी मेहनत की। लवप्रीत 2017 से हैवी वेट कैटेगरी में इंडियन नेशनल कैंप के अहम सदस्य हैं। उपलब्धि: 2021 कॉमनवेल्थ सीनियर चैंपियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट 2017 राष्ट्रमंडल जूनियर चैम्पियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट 2017 एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप ब्रॉन्ज मेडलिस्टउपलब्धि: 2021 कॉमनवेल्थ सीनियर चैंपियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट 2017 राष्ट्रमंडल जूनियर चैम्पियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट 2017 एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप ब्रॉन्ज मेडलिस्ट
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