विदेशी निवेशकों में भरोसा जगाने की कवायद: विवादित रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून रद्द करने के लिए सरकार बिल लाई, यही था वोडाफोन और केयर्न एनर्जी से विवाद की वजह
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मुंबई2 मिनट पहले
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सरकार विवादित रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून रद्द करने के लिए बिल लाई है। इसे गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया। इसी कानून की वजह से ब्रिटेन की वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों के साथ उसका टैक्स विवाद हुआ था। दोनों कंपनियों ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स की मांग के खिलाफ विदेशी मध्यस्थता अदालतों में मुकदमा दायर किया था और जीत हासिल की थी।
28 मई 2012 से पहले हुए सौदों पर रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से टैक्स नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार कराधान कानून (संशोधन) विधेयक का प्रस्ताव रख रही है। उन्होंने लोकसभा में दिए बयान में कहा, ‘इस विधेयक के जरिए आयकर कानून, 1961 में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा जा रहा है। इसके मुताबिक, सरकार 28 मई 2012 से पहले हुए सौदों में भारतीय संपत्ति के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से टैक्स नहीं मांगेगी।’
संबंधित पक्षों को लंबित मुकदमे वापस लेने होंगे
सीतारमण ने कहा, ’28 मई 2012 से पहले भारतीय संपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर हुई टैक्स की मांग रद्द किए जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, लेकिन इसकी कुछ शर्तें होंगी। संबंधित पक्षों को लंबित मुकदमे वापस लेने होंगे और यह हलफनामा देना होगा कि वे किसी तरह का क्षतिपूर्ति या ब्याज का दावा नहीं करेंगे। इसके अलावा ऐसे मामलों में जो रकम वसूल की गई थी वह अब बिना ब्याज लौटाई जाएगी।’
विदेशी निवेशकों की चिंता दूर करना सरकार की मंशा
सरकार ने कहा है कि पिछले कुछ साल में फाइनेंशियल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़े सुधार शुरू किए गए हैं, जिससे देश में निवेश को लेकर सकारात्मक माहौल बना है। इनकम टैक्स एक्ट में रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से बदलाव किए जाने के बाद कुछ मामलों में टैक्स मांगा जाना निवेशकों के लिए दुखती रग बन गया। देश आज उस स्थिति में पहुंच गया है, जहां कोविड के बाद तुरंत इकोनॉमिक रिकवरी वक्त की मांग बन गई है। विदेशी निवेश तेज इकोनॉमिक ग्रोथ और रोजगार को बढ़ावा देने में अहम रोल निभा सकता है।
‘केयर्न एनर्जी से मामले के निपटारे के लिए नहीं मिला औपचारिक प्रस्ताव’
सरकार की तरफ से आयकर कानून में बदलाव का प्रस्ताव तब पेश किया गया है, जब केयर्न एनर्जी मध्यस्थता अदालत के आदेश पर सरकार से 1.2 अरब डॉलर का टैक्स वसूल करने की प्रक्रिया में जुटी है। सरकार ने सोमवार को कहा था कि उसे देश के कानूनों के मुताबिक, मामले के निपटारे के लिए कंपनी की तरफ से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है।
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