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वर्क फ्रॉम होम से ऊबे एंप्लॉयी: कोविड के नए-नए वैरिएंट से डरी हैं कंपनियां, लेकिन ऑफिस आने की रिक्वेस्ट कर रहे एंप्लॉयी

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मुंबई16 घंटे पहले

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  • कंपनियों को हो रही प्रॉडक्टिविटी, इनोवेशन और एंप्लॉयी के कोलैबरेशन के मोर्चे पर समस्या
  • दफ्तर लौटने का फैसला एंप्लॉयीज पर छोड़ रहीं, वर्चुअल या हाइब्रिड मॉडल को दे रहीं एक्सटेंशन
  • WFH करनेवाले एंप्लॉयीज की दिक्कत, छोटा पड़ रहा मकान, फैमिली मेंबर्स की निजता में खलल

कोविड-19 के एक के बाद एक, कई वैरिएंट आ रहे हैं, जो पहले से ज्यादा संक्रामक और घातक साबित हो रहे हैं। इसके बावजूद कई भारतीय कंपनियां अपने ऑफिस में पहले जैसी चहल-पहल देखना चाहती हैं। ऐसा लगता है कि वे लिंक्डइन और गूगल जैसी ग्लोबल टेक कंपनियों से कोई सबक नहीं ले रही हैं, जो अपने स्टाफ को ऑफिस बुलाने के इरादे को कुछ समय के लिए टाल रही हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि ऐसी रिक्वेस्ट इंडियन कंपनियों के एंप्लॉयी अपनी फैमली की प्राइवेसी में खलल पड़ने के चलते खुद कर रहे हैं। कंपनियां संभावित तीसरी लहर से डरी हुई हैं और वे ऑफिस अभी दोबारा खोलने या साल के अंत तक इंतजार करें, फिलहाल इस बारे में विचार कर रही हैं।

ज्यादातर बड़ी कंपनियां फुल वैक्सीनेशन के करीब

जहां तक टीकाकरण की बात है तो ज्यादातर बड़ी कंपनियों के ज्यादातर एंप्लॉयी को कम से कम पहला टीका लग चुका है। 30 जुलाई तक JSW स्टील के 83% कर्मचारियों का टीकाकरण हो गया था और कंपनी ने बाकी को 31 तक टीका लग जाने की उम्मीद जताई थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) जैसी दिग्गज कंपनियों में इस हफ्ते 90% से ज्यादा एंप्लॉयी का टीकाकरण हो चुका है। पिछले हफ्ते RIL के 98% जबकि FMCG दिग्गज HUL के 90% एंप्लॉयी को टीके का कम से कम एक डोज मिल चुका था।

वर्चुअल या हाइब्रिड मॉडल को एक्सटेंशन दे रहीं कंपनियां

ऐसे में आपको यह जानने की उत्सुकता हो रही होगी कि कंपनियां कामकाज को लेकर क्या प्लान बना रही हैं। वे एंप्लॉयी के दफ्तर लौटने का फैसला उन पर ही छोड़ रही हैं, लेकिन तब तक के लिए वर्चुअल या हाइब्रिड मॉडल को अगले फैसले तक के लिए बढ़ाने के बारे में सोच रही हैं। उनके हिसाब से हाइब्रिड मॉडल से स्टाफ को वर्क और लाइफ में बैलेंस बनाने में मदद मिल रही है, लेकिन कर्मचारियों की प्रॉडक्टिविटी, कोलैबरेशन और इनोवेशन में दिक्कत आ रही है। गुरुवार को CII HR कॉनक्लेव 2021 में 5F वर्ल्ड और हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया के चेयरमैन गणेश नटराजन ने कहा था कि वर्क फ्रॉम होम से एंप्लॉयी के फैमिली मेंबर्स की लाइफ प्रभावित हो रही है।

55% एंप्लॉयी को आ रही प्रॉडक्टिविटी की कमी की समस्या

इसी संदर्भ में हुईं हैदराबाद सॉफ्टवेयर एंटरप्राइजेज एसोसिएशन (HYSEA) की कई स्टडी के नतीजे बताते हैं कि MNC फूंक-फूंक कर कदम उठा रही हैं। वे हाइब्रिड मॉडल को तरजीह दे रही हैं क्योंकि उन्हें ज्यादातर स्टाफ के घर से काम करने से कोई दिक्कत नहीं, लेकिन इस ट्रेंड में विरोधाभास भी है। ग्लोबल रिसर्च फर्म 451रिसर्च की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 55% एंप्लॉयी को लगता है कि वे घर पर सामान्य से कम काम कर पा रहे हैं। इसलिए बैलेंस बनाना जरूरी है, यानी कि ऑफिस खुलने के बाद एंप्लॉयी को समय-समय पर घर से काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

60% को हाइब्रिड मॉडल पसंद, 20% हमेशा WFH चाहते हैं

मई में एशिया में 10,000 IT प्रोफेशनल पर किए गए शोध Work from Home & Productivity की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 के बाद से कर्मचारियों की उत्पादकता में 20% की कमी आई है। इसके अलावा 60% एंप्लॉयी को हाइब्रिड मॉडल पसंद है जबकि 20% लोग हमेशा के लिए घर से काम करना चाहते हैं। लेकिन कर्मचारियों को WFH में उत्पादकता में कमी के अलावा अलग कमरा नहीं होने, इंटरनेट कनेक्शन की कम स्पीड से जुड़ी दिक्कतें भी आती हैं। टीमलीज के चेयरमैन और को-फाउंडर मनीष सभरवाल के मुताबिक, इसीलिए कंपनियां चाहती हैं कि स्टाफ ऑफिस आकर काम करे।

गूगल ने स्वैच्छिक WFH को 18 अक्टूबर तक बढ़ाया

विदेश में एपल, जेपी मॉर्गन, गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टैनली में स्टाफ को ऑफिस बुलाने की आवाजें जोर पकड़ रही है। बुधवार को ही गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने एंप्लॉयी के नाम संदेश में कहा था कि जो लोग कैंपस आकर काम करना चाहते हैं, उन्हें पहले टीका लगवाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्वेच्छा से वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी को 18 अक्टूबर को तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पिछले हफ्ते इंफोसिस ने भी एंप्लॉयी से कहा था कि वे चाहें तो ऑफिस से काम शुरू कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि बहुत से एंप्लॉयी ऑफिस आने देने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं।

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