लद्दाख की जमी हुई पैंगोंग लेक पर हुई मैराथन: इवेंट गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ, माइनस 20 डिग्री टेम्परेचर पर दौड़े धावक
पैंगोंग3 मिनट पहले
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लद्दाख की पैंगोंग लेक पर हाफ मैराथन आयोजित हुई, इसमें माइनस 20 डिग्री के तापमान में धावक जमी हुई लेक पर दौड़े। लद्दाख की यह झील समुद्री सतह से 13,862 फीट ऊपर है। इस मैराथन को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। यह दुनिया में सबसे ऊपर जमी हुई झील में आयोजित मैराथन थी।
इस हाफ मैराथन काे ‘द लास्ट रन’ नाम दिया गया था। भारत और चीन की सीमा पर फैली 700 वर्ग किलोमीटर की पैंगोंग लेक सर्दियों के दौरान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान तक पहुंच जाती है। इस कारण लेक का पानी बर्फ की तरह जम जाता है। इस पर 21 किमी की दाैड़ हुई, जिसमें लगभग देश के 75 एथलीट ने हिस्सा लिया। दौड़ का आयोजन क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूकता पैदा करने और बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कराया गया।
लद्दाख को हाफ मैराथन के सफल आयोजन के बाद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला।
लेक में दौड़ के लिए ये तैयारियां हुई
मैराथन के लिए एथलिट्स पर बहुत ध्यान दिया गया। इसमें हर हफ्ते करीब 50 किमी की रनिंग, 250 किमी साइक्लिंग और 10 से 15 किमी स्विमिंग कराई गई। इस दौड़ में भाग लेने के लिए फिटनेस का विशेष रूप से ध्यान रखा गया।
सेफ्टी के लिए किए गए पूरे इंतजाम
दौड़ को लेह के ताशी ग्यालसों ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। पूरे रनिंग रूट में 5 स्टेशन रखे गए। इसमें एनर्जी ड्रिंक, मेडिकल टीम, ऑक्सीजन सपोर्ट और मोबाइल एम्बुलेंस के इंतजाम किए गए। साथ ही एथलिट्स को छह दिन मौसम से परिचित होने के लिए दिए गए। इसमें चार दिन उन्हें लेह में रखा गया और दो दिन पैंगोंग में। इसके अलावा सभी एथलीट का मेडिकल परिक्षण किया गया ताकि देखा जी सके कि वे फिट है या नहीं।
सेफ्टी टीम में लद्दाख पुलिस और इंडियन आर्मी की फायर विंग के सैनिक मौजूद थे।
इन्होंने जीती मैराथन
मेंस केटेगरी में मैराथन के विजेता रिगजेन ग्युरमेथ, मुनीब और अरशद थे। वहीं, विमेंस केटेगरी में सेरिंग जंगमों, पद्मा रिगजिन और चुस्किट एंगमो विनर रहे। आयोजन के दौरान, लाललोक और चुशुल की टीमों के बीच एक आइस हॉकी का फ्रेंडली मैच भी खेला गया।
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