लगातार घट रहा है डिपॉजिट पर ब्याज: बैंक में छोटे निवेशकों के जमा पैसे पर मिल रहा है निगेटिव रिटर्न, टैक्स या ब्याज की समीक्षा करने की जरूरत
मुंबई4 घंटे पहले
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![लगातार घट रहा है डिपॉजिट पर ब्याज: बैंक में छोटे निवेशकों के जमा पैसे पर मिल रहा है निगेटिव रिटर्न, टैक्स या ब्याज की समीक्षा करने की जरूरत लगातार घट रहा है डिपॉजिट पर ब्याज: बैंक में छोटे निवेशकों के जमा पैसे पर मिल रहा है निगेटिव रिटर्न, टैक्स या ब्याज की समीक्षा करने की जरूरत](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/09/21/102_1632218504.jpg)
बैंकों में छोटे निवेशकों के जमा पैसों पर जो ब्याज मिल रहा है, वह निगेटिव रिटर्न साबित हो रहा है। इसलिए जमा रकम के ब्याज या फिर ब्याज पर लगने वाले टैक्स की समीक्षा करनी चाहिए।
SBI की रिपोर्ट में दी गई राय
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने यह बात कही है। एक रिपोर्ट में घोष ने कहा कि यदि सभी रिटेल ग्राहकों के पैसे पर नहीं तो कम से कम वरिष्ठ नागरिकों के जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज या फिर ब्याज पर लगने वाले टैक्स की समीक्षा करने की जरूरत है। देश के बैंकिंग सिस्टम में रिटेल जमाकर्ताओं के 102 लाख करोड़ रुपए जमा हैं।
सालाना 40 हजार से ज्यादा ब्याज पर कटता है टैक्स
वर्तमान में, बैंक सभी जमाकर्ताओं के लिए सालाना 40,000 रुपए से अधिक की ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स काटते हैं। जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपए प्रति वर्ष से अधिक की कमाई पर टैक्स लगाया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे पॉलिसी ग्रोथ पर केंद्रित हुई है, वैसे-वैसे सिस्टम में जमा पर ब्याज दरें नीचे जा रही हैं। इससे रिटेल निवेशकों को काफी नुकसान हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक में जमा पैसे पर पर रिटर्न की सही दर ( real rate of return) लंबे समय में निगेटव रही है।
ग्रोथ को सपोर्ट करना पहला लक्ष्य
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह स्पष्ट रूप से साफ कर दिया है कि ग्रोथ को सपोर्ट करना उसका पहला लक्ष्य है। साथ ही बैंकों में पर्याप्त लिक्विडिटी मौजूद है। इसलिए हाल-फिलहाल में बैंकिंग सिस्टम में जमा पैसे पर मिलने वाली ब्याज दर में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है। रिपोर्ट के अर्थशास्त्री कहते हैं कि हम मानते हैं कि अब यही सही समय है कि हम बैंक में जमा पर मिलने वाले ब्याज के टैक्स पर फिर से विचार करें। RBI उस नियम पर भी पुनर्विचार कर सकता है जो बैंकों की ब्याज दरों को उम्र के अनुसार निर्धारित करने की मंजूरी नहीं देता है।
इस बीच, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सिस्टम में अतिरिक्त लिक्विडिटी के कारण बैंक वर्तमान में मार्जिन के दबाव का सामना कर रहे हैं।
रिटेल लोन की ब्याज दर 7% से कम
यह ध्यान देने वाली बात है कि वर्तमान में, बैंक रिटेल लोन भी 7% से कम ब्याज पर दे रहे हैं। यानी जब डिपॉजिट पर ब्याज दरें निचले स्तर पर पहुंच गई हैं तो उसी तरह उधारी पर भी ब्याज दरें निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। देश में बचत खाते पर बड़े बैंक इस समय 3 से 4% के बीच ब्याज दे रहे हैं। FD पर यह बैंक 5 से 6% का ब्याज दे रहे हैं। छोटे बैंक हालांकि सेविंग पर 5 से 7 और FD पर 7 से 8% तक का ब्याज दे रहे हैं।
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