2 मिनट पहले
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भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को गुवाहटी में पहला वनडे मैच खेला गया था। इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा के श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका के मांकडिंग रन आउट होने के बाद वापस बुला लिया था। इस पर भारतीय टीम के लेग स्पिनर आर अश्विन ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मांकडिंग सही है और अगर अपील हुई है तो फैसला अंपायर को लेना चाहिए न की कप्तान को। साथ ही बॉलर को अपील करने की छूट भी मिलनी चाहिए।
शमी ने आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर दासुन शनाका के क्रीज से बाहर होने पर रन आउट कर दिया था।
मांकडिंग सही – अश्विन
अश्विन ने कहा कि, बेशक, शनाका जब 98 रन पर थे, तब शमी ने उन्हें नॉन-स्ट्राइकर एंड में उन्हें रन आउट किया और उन्होंने अपील भी की। रोहित ने वह अपील वापस ले ली। लेकिन मैं एक ही बात फिर दोहराऊंगा कि मांकडिंग से रन आउट जायज है। उन्हें आउट दिया जाना चाहिए था।
IPL 2019 के दौरान आर अश्विन ने जोस बटलर को मांकडिग आउट किया था, जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
अगर एक खिलाड़ी भी अपील करता है तो अंपायर को फैसला लेना चाहिए
अश्विन ने आगे कहा कि, अगर एक प्लेयर भी LBW या कैच-बैक की अपील करता है तो कप्तान ने कोई नहीं पूछता। गेंदबाज या फील्डर की अपील पर ही अंपायर फैसला सुनाते है। अगर एक फील्डर भी अपील करता है तो अंपायर की यह ड्यूटी है कि वे अपना फैसला सुनाए। अगर बैटर आउट है तो उसे आउट दें। लेकिन, श्रीलंका के खिलाफ ऐसा नहीं हुआ।
मांकडिंग बॉलर का फैसला
अश्विन ने बताया कि, यह आश्चर्यजनक है कि मांकडिंग को लेकर विवाद है। अगर मांकडिंग से कोई प्लेयर आउट किया जाता है तो उसे बॉलर आउट करता है। यह बॉलर का फैसला है की उन्हें प्लेयर को आउट करना है।
बल्लेबाज भी खुद से फैसले लेते है
अश्विन ने बल्लेबाज की ओर से बताया कि, जब वे आउट होते है तब कई बार प्लेयर अंपायर का निर्णय सुने बिना ही क्रीज से चल देते है। तब टीम का कप्तान इसमें हस्तक्षेप नहीं करता। वह बल्लेबाज से नहीं पूछता कि आप किसकी अनुमति से आए। आप वापस जाइए और खेलना जारी रखिए। इसी तरह बॉलर को भी फैसला लेने की अनुमति होनी चाहिए और कप्तान को उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए।
क्या है मांकडिंग
नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज जल्दी रन चुराने के चक्कर में क्रीज से बाहर आकर खड़ा हो जाता है। वहीं बॉलर गेंद फेंकने से पूर्व बल्लेबाज के बाहर होने पर रन आउट कर देता है। इसे मांकडिंग कहा जाता है। इसे पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीनू मांकड के नाम पर मांकडिंग कहा जाता है।
दरअसल साल 1947-48 में सिडनी में भारत की क्रिकेट टीम का मुकाबला आस्ट्रेलिया की टीम से हुआ था, जिसमें वीनू मांकड ने इसी तरीके से आस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बैटर बिल ब्राउन को आउट किया था। इससे पूर्व उन्होंने बैटर को इसे लेकर चेतावनी भी दी थी। बाद में आस्ट्रेलिया की मीडिया ने इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और इसे ‘मांकडिंग’ नाम दे दिया।
ICC ने भी दी मांकडिंग को रन आउट की मान्यता
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने भी नियमों में बदलाव करते हुए मांकडिंग रन आउट को मान्यता दे दी है।
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