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रेसलर्स Vs बृजभूषण शरण सिंह: पहलवान साक्षी मलिक ने कहा- लड़ाई सरकार से नहीं है, WFI अध्यक्ष से है

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  • Brij Bhushan Sharan Singh Wrestlers Controversy Case Update; Sakshi Malik Satyawart Kadian| Vinesh Phogat Bajrang Punia

पानीपत9 मिनट पहले

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भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण और रेसलर्स विवाद में पहलवान साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान ने शनिवार को कई बड़े चौकाने वाला दावे किए हैं। साक्षी मलिक ने कहा कि हमें बृजभूषण के खिलाफ धरना देने के लिए BJP नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने मोटिवेट किया था। यही नहीं, जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन भी बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने ही दिलाई थी। साक्षी ने परमिशन लेटर भी दिखाया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई सरकार से नहीं है, उनकी लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह से है। पहले हिम्मत और एकता नहीं थी। अब दोनों चीज है तो ही इतने पावरफुल आदमी के खिलाफ लड़ाई लड़ पा रहे हैं। साक्षी और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को सोशल मीडिया पर द ट्रुथ टाइटल से अपना एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें ये दावे किए। उन्होंने खुद ही सवाल बताए और फिर उनके जवाब दिए। साक्षी का यह दावा इसलिए अहम है, क्योंकि बृजभूषण समेत BJP ये कहती रही कि धरने के पीछे हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा हैं। वहीं बबीता फोगाट खुद भी रेसलर्स के धरने में राजनीति होने की बात कहती रहीं। वहीं तीर्थ राणा भी हरियाणा के सोनीपत से ही भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं। साक्षी ने ये भी कहा कि हरिद्वार में इस तरह का माहौल बना दिया गया कि अगर हम मेडल बहाने जाते तो हिंसा होने का खतरा था।

बबिता फोगाट, विनेश फोगाट की चचेरी बहन हैं। साक्षी मलिक ने दावा किया है कि बबीता फोगाट ने ही धरने की परमिशन दिलाई।

बबिता फोगाट, विनेश फोगाट की चचेरी बहन हैं। साक्षी मलिक ने दावा किया है कि बबीता फोगाट ने ही धरने की परमिशन दिलाई।

पढ़िए साक्षी मलिक से सवाल-जवाब

1. इतने समय तक चुप क्यों रहे?
हमारे अंदर एकता की कमी थी। हम कभी एक साथ हो ही नहीं पाए। दूसरा कारण है नाबालिग लड़की, जिसने अपना बयान बदल दिया। हम तो एकजुट हैं, इसके बाद भी उन्होंने डर की वजह से बयान बदल दिए।

2. 28 मई को महिला पहलवानों ने नई संसद भवन कूच क्यों किया?
28 मई को होने वाली संसद पर महिला महापंचायत की कॉल हमारी नहीं महम में हुई पंचायत में बुजुर्गों व खाप प्रतिनिधियों ने दी थी। फैसले के बाद हमें पता लगा कि इसी दिन नई संसद भवन का उद्घाटन भी है। बुजुर्गों का मान-सम्मान रखते हुए संसद भवन कूच किया था।

3. हरिद्वार गए तो गंगा में मेडल क्यों नहीं बहाए?
जब हम हरिद्वार में मेडल बहाने गए थे, वहां तंत्र से जुड़ा एक व्यक्ति बजरंग के पास आया और उसे साइड में ले गया। वहां बजरंग से कहा कि तुम्हारे मुद्दे पर ऊपर बात चल रही है। मेडल विसर्जित मत करो। 7 बजे तक बजरंग को रोके रखा। इसके बाद वहां भीड़ जुट गई और ऐसा माहौल बना कि डल बहाने जाते तो वहां हिंसा हो सकती थी। इसलिए हमने फैसला बदला

4. खापें नाराज हैं, सरकार से बात कौन करा रहा?
हमें भी सुनने में आ रहा है कि कई खापें हमसे नाराज हैं। मेरी सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि हमसे जो गलती हुई है, उसे माफ कर दो। संयुक्त किसान मोर्चा, भाई चंद्रशेखर रावण, सत्यपाल मलिक, महिला संगठनों, छात्र संगठनों का दिल से धन्यवाद। तीरथ राणा और बबिता फोगाट का भी धन्यवाद, जिन्होंने पहलवानों को आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और सरकार से बात कराई।

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