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रूस से 3-4 दिनों की आपूर्ति का तेल खरीदा: वित्त मंत्री बोलीं- तेल खरीदारी आगे भी जारी रहेगी, अगर फ्यूल डिस्काउंट में उपलब्ध तो क्यों नहीं खरीदना चाहिए?

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  • Sitharaman Says We Have Started Buying Russian Oil, Have Bought At Least 3 4 Days Of Supply | If Fuel Is Available At Discount, Why Should It Not Be Bought?

नई दिल्लीएक घंटा पहले

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने रूस से डिस्काउंट में कच्चा तेल खरीदा है और वह आगे भी खरीदारी जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि भारत ने रूस से 3-4 दिनों की आपूर्ति का तेल खरीदा है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और ज्यादा तेल खरीदने के प्लान पर काम कर रहे हैं। रूस ने भारत को 35 डॉलर प्रति बैरल की छूट के साथ उरल्स ग्रेड ऑयल खरीदने का ऑफर दिया है।

सीतारमण ने कहा ‘भारत के लिए एक अच्छी डील की तलाश करना स्वाभाविक है।’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र हित और ऊर्जा सुरक्षा सबसे पहले है और अगर फ्यूल डिस्काउंट में उपलब्ध है तो इसे क्यों नहीं खरीदना चाहिए?’ इससे कुछ दिन पहले संसद में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था कि भारत रूस से डिस्काउंट वाला कच्चा तेल खरीदने पर विचार कर रहा है। रूस से सस्ता तेल खरीदने पर भारत को फायदा होगा जो महंगे कच्चे तेल से परेशान है।

पर डे ऑयल डिमांड 5.15 मिलियन के करीब
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत की पर डे ऑयल डिमांड 5.15 मिलियन के करीब है। 2021 में ये 4.76 मिलियन बैरल थी और 2020 में 4.51 मिलियन बैरल। वहीं 2018 में डिमांड 4.98 मिलियन बीपीडी और 2019 में 4.99 मिलियन बीपीडी।

क्रूड की 85% आपूर्ति के लिए भारत अन्य देशों पर निर्भर
भारत क्रूड ऑयल की 85% से ज्यादा आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर है। रूस के तेल एक्सपोर्ट का लगभग आधा- करीब 25 लाख बैरल प्रति दिन – जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड, फिनलैंड, लिथुआनिया, ग्रीस, रोमानिया और बुल्गारिया सहित यूरोपीय देशों को भेजा जाता है। 2021 में भारत ने रूस से प्रति दिन 43,400 बैरल तेल का इंपोर्ट किया। ये भारत के तेल इंपोर्ट का केवल 1% है।

140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था कच्चा तेल
रूस-यूक्रेन जंग की वजह से कच्चे तेल के दाम इंटरनेशनल मार्केट में 140 डॉलर प्रति बैरल की करीब पहुंच गए थे। हालांकि, अब तेल के दाम कुछ कम हुए हैं और ये 100 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास है। जंग की वजह से वेस्ट ने रूस पर कई पाबंदियां लगाई है। पाबंदियों की वजह से भारत की तेल सप्लाई प्रभावित नहीं हुई है, लेकिन क्रूड के दाम बढ़ने का सीधा असर पेट्रोल-डीजल के दाम पर दिख रहा है।

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