रीवा के क्रिकेटर बेटे की कहानी: आखिरी ओवर में सधी गेंदबाजी कर राजस्थान रॉयल्स को जिताया, उसके पिता चलाते हैं सैलून..जानिए कुलदीप की कहानी
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रीवा26 मिनट पहलेलेखक: सुरेश मिश्रा
IPL के रविवार को खेले गए दूसरे मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 3 रन से हरा दिया। अपना पहला मुकाबला खेल रहे कुलदीप सेन राजस्थान रॉयल्स की जीत के हीरो रहे। लखनऊ को मैच जीतने के लिए आखिरी ओवर में 15 रन चाहिए थे। कुलदीप सेन ने सधी गेंदबाजी करते हुए टीम को 3 रन से मैच जिता दिया।
अब IPL में दिखने वाले कुलदीप के पिता रामपाल सेन का रीवा में सिरमौर चौराहे पर फाइन हेयर कटिंग सैलून है। 13 फरवरी को बेंगलुरु में हुई IPL 2022 की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 20 लाख के बेस प्राइज में खरीदा था। दैनिक भास्कर ने कुलदीप के पिता रामपाल और उनके कोच एरिल एंथोनी ने बातचीत की।
क्या कमाल का ओवर डाला कुलदीप ने
आखिरी ओवर में लखनऊ को जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी। राजस्थान रॉयल्स ने डेब्यू स्टार कुलदीप सेन को मैच बचाने की बड़ी जिम्मेदारी दी। ओवर की पहली गेंद पर आवेश खान ने सिंगल लेकर मार्कस स्टॉयनिस को स्ट्राइक पर ला दिया, जिन्होंने 19वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा को दो छक्के और एक चौका जड़ा था। दूसरी, तीसरी और चौथी गेंद पर रन नहीं बना। स्टॉयनिस ने 5वीं गेंद पर चौका और आखिरी गेंद पर छक्का जरूर जड़ा, लेकिन वह टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सके।
अनकैप्ड कुलदीप सेन बने RR की जीत के हीरो:आखिरी ओवर में 15 रन नहीं बना सके स्टोइनिस, राजस्थान ने लखनऊ को 3 रन से हराया
पापा, आप टेंशन न लो
कुलदीप के पिता बताते हैं- मैं तो शुरुआत में समझता रहा कि बेटा पढ़ने जाता है, लेकिन जब उसका चयन जिला टीम में हुआ तो पत्नी ने मुझसे 500 रुपए मांगे और कहा कि बेटे को सिंगरौली जाना है। तब पता चला कि यह क्रिकेट खेलता है। तब मैंने बेटे को डांटा तो उसने मुझसे कहा कि पापा करियर की चिंता मुझे भी है, आप टेंशन न लो। यह सुनकर दूसरी बार मैंने कभी उसे क्रिकेट खेलने से नहीं टोका।
गेंदबाजी करने में माहिर
कुलदीप के कोच एरिल एंथोनी ने बताया- कुलदीप साल 2008 में पहली बार मेरे पास बैटिंग की कोचिंग लेने आया था। उसकी कद-काठी देखकर मैंने उसे फास्ट बॉलर बनने की सलाह दी। वह दाएं हाथ से मध्यम तेज गेंदबाजी करने लगा। धीरे-धीरे 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी करने में माहिर हो गया। अब हम कुलदीप को रेवांचल एक्सप्रेस के नाम से देश के लिए खेलते देखना चाहते हैं।
कोच ने नहीं ली फीस
कोच ने बताया कि कुलदीप सेन गरीब घर का बच्चा है। खेल के प्रति उसकी लगन और मेहनत को देखते हुए मैंने तय किया था कि कभी एक चवन्नी नहीं लूंगा। समय-समय पर उसको देश के लिए खेलने वाले क्रिकेटर ईश्वर पाण्डेय और झारखंड से रणजी खेलने वाले आनंद सिंह का भी भरपूर सहयोग मिला।
तीन बेटों में सबसे बड़ा
पिता रामपाल सेन ने बताया कि कुलदीप फिलहाल राजकोट में है, जहां 17 फरवरी से मध्यप्रदेश और गुजरात के बीच रणजी ट्रॉफी मैच होने वाला है। फिलहाल सभी खिलाड़ियों को बायो बबल में रखा गया है। पिछली सीरीजों में अच्छे प्रदर्शन के कारण आज IPL में चयनित हुआ है। वह तीन बेटों में सबसे बड़ा है। उससे बड़ी दो बहनों की शादी हो चुकी है। उससे छोटा राजदीप पुलिस की तैयारी कर रहा है। सबसे छोटा बेटा इंजीनियरिंग कर रहा है।
रणजी मैचों में छोड़ी अपनी छाप
छोटे भाई राजदीप ने बताया कि 2018 में कुलदीप ने रणजी डेब्यू किया था। डोमेस्टिक में 2019 में डेब्यू किया। कुलदीप अभी मध्यप्रदेश की रणजी टीम के नियमित सदस्य हैं। उन्होंने अब तक 14 रणजी मैचों मे 43 विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ी है। मुंबई के खिलाफ टी-20 में 5 विकेट और पंजाब के खिलाफ रणजी में 5 विकेट लेकर उन्होंने चयनकर्ताओं को आकर्षित किया। वर्तमान समय में वे राजकोट में रणजी की तैयारी कर रहे हैं।
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