रिलायंस की हुई REC सोलर होल्डिंग्स: रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने 5,792 करोड़ रुपए में REC सोलर होल्डिंग्स का अधिग्रहण किया
मुंबई6 घंटे पहले
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रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर ने 5,792 करोड़ रुपए (771 मिलियन डॉलर) में REC सोलर होल्डिंग्स का अधिग्रहण किया है। रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) ने चाइना नेशनल ब्लूस्टार (ग्रुप) कंपनी लिमिटेड से REC सोलर होल्डिंग्स AS (REC ग्रुप) की 100% हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है।
न्यू एनर्जी विजन के लिए अधिग्रहण महत्वपूर्ण
वैश्विक स्तर पर फोटोवोल्टिक (पीवी) मैन्युफैक्चरिंग प्लेयर बनने के लिए रिलायंस के न्यू एनर्जी विजन के लिए यह अधिग्रहण काफी महत्वपूर्ण है। यह अधिग्रहण रिलायंस ग्रुप को साल 2030 तक सोलर एनर्जी के 100 गीगावॉट उत्पादन के लक्ष्य को पाने में काफी मददगार साबित होगा। इसी साल तक भारत का भी लक्ष्य रिन्यूएबल एनर्जी के 450 गीगावॉट उत्पादन का है।
1996 में शुरू हुई थी REC
REC एक मल्टीनेशनल सोलर एनर्जी कंपनी है। इसकी शुरुआत नार्वे स्थित मुख्यालय से 1996 में हुई थी। इसका ऑपरेशनल हेडक्वार्टर सिंगापुर में है। साथ ही उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया पैसिफिक में इसके रीजनल केंद्र हैं। इस कंपनी के पास 600 से ज्यादा यूटिलिटी और डिजाइन पेटेंट हैं, जिनमें से 446 को मंजूरी मिल गई है। REC विशेष रूप से रिसर्च और डेवलपमेंट फोकस कंपनी है। 25 साल के अनुभव के साथ यह दुनिया की लीडिंग सोलर सेल, पैनल और पॉलीसिलिकॉन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है।
REC सोलर की तकनीक का उपयोग करने की योजना
रिलायंस ने जामनगर में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स में अपने सिलिकॉन-टू-पीवी-पैनल गीगाफैक्ट्री में REC सोलर की तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत 4GW प्रति साल की क्षमता के साथ होगी। इसे समय के साथ 10GW प्रति वर्ष क्षमता तक बढ़ाया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि REC के अधिग्रहण से रिलायंस को एक तैयार वैश्विक मंच और अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में अन्य जगहों समेत वैश्विक स्तर पर प्रमुख न्यू एनर्जी बाजार में विस्तार और विकास करने का अवसर मिलेगा।
क्लीन और ग्रीन एनर्जी लक्ष्य पाने में मिलेगी मदद
इस अधिग्रहण पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि मैं REC के अधिग्रहण से बहुत खुश हूं क्योंकि यह सूर्य देव की असीमित और साल भर मिलने वाली सौर शक्ति का दोहन करने में मदद करेगा। यह अधिग्रहण दशक के अंत से पहले 100 गीगावॉट क्लीन और ग्रीन एनर्जी बनाने के रिलायंस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, नई और एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज और संचालन क्षमताओं में निवेश करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य 2030 तक भारत में 450 गीगावॉट रिन्यूएबल ऊर्जा का उत्पादन है और इसे प्राप्त करने में किसी एक कंपनी का यह सबसे बड़ा योगदान होगा। यह भारत को जलवायु संकट से उबारने और ग्रीन एनर्जी में वर्ल्ड लीडर बनने में मदद करेगा।
रोजगार के अवसर पैदा होंगे
मुकेश अंबानी ने कहा कि हम वैश्विक कंपनियों के साथ निवेश, निर्माण और सहयोग करना जारी रखेंगे जिससे भारत और दुनिया भर के बाजारों में ग्राहकों को किफायती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता और विश्वसनीय प्रोडक्ट दे सकें। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, इन अवसरों को लेकर मैं बहुत खुश हूं।
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