Quick News Bit

राहुल द्रविड़ ने बदलवा दी नागपुर टेस्ट की पिच?: घास देख खुश नहीं थे टीम इंडिया के कोच, बदली गई साइट स्क्रीन की पोजीशन

0

नागपुर10 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला 9 फरवरी से नागपुर के जामथा में खेला जाना है। खबर आ रही है कि इस मैच के लिए विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (VCA) ने जो पिच तैयार करवाई थी वह टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ को पसंद नहीं आई। VCA से जुड़े सूत्रों के मुताबिक द्रविड़ ने इसकी जगह पास वाली पिच को टेस्ट के लिए तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

भारतीय कोच के इस आदेश के बाद VCA को आनन-फानन में कई बदलाव करने पड़े हैं। साइट स्क्रीन की पोजीशनिंग में बदलाव करना पड़ा है। इसके अलावा मैच के LIVE टेलीकास्ट के लिए लगाए जा रहे कैमरे की जगह को भी बदला गया है। इस स्टोरी में हम जानेंगे कि यह सब क्यों हुआ है। साथ ही हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि इस टेस्ट के लिए पिच का इतना महत्व क्यों है?

स्पिन फ्रेंडली नजर नहीं आ रही थी पिच
दैनिक भास्कर के सूत्रों ने बताया कि टेस्ट मैच के लिए VCAजो पिच तैयार करा रहा थी वह स्पिन फ्रेंडली नजर नहीं आ रही थी। घरेलू परिस्थितियों में भारतीय टीम को ऐसी पिच ज्यादा रास आती है जो पहले दिन से स्पिन गेंदबाजी के लिए मददगार हो। द्रविड़ ने जब पिच का मुआयना किया तो उन्होंने पाया कि यह भारतीय टीम के लिए मुफीद नहीं होगी। इसके बाद उन्होंने पास वाली पिच को टेस्ट के लिए तैयार करने के निर्देश दिए।

साइट स्क्रीन और ब्रॉडकास्टिंग कैमरे की पोजीशनिंग पिच के हिसाब से तैयार की जाती है। पिच में बदलाव की स्थिति में इनमें भी बदलाव किए गए हैं। अगले ग्राफिक में देखिए जामथा में टीम इंडिया का अब तक का रिकॉर्ड कैसा रहा है। इसके बाद उस किस्से की बात करेंगे जब नागपुर की पिच देखकर सौरव गांगुली कैसे बीमार पड़ गए थे।

पहले भी टीम इंडिया की मर्जी के खिलाफ पिच बनवा चुका है VCA
विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन इससे पहले एक बार ऐसी पिच बनवा चुका है जो टीम इंडिया की ओर से मिले निर्देश के मुताबिक नहीं थी। यह वाकया 2004 का है। उस समय भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही मुकाबला होना था। भारतीय टीम बेंगलुरु में पहला टेस्ट हार चुकी थी। कप्तान सौरव गांगुली ने निर्देश दिए थे कि पिच स्पिन फ्रेंडली हो। इसके बावजूद पिच पर काफी घास छोड़ी गई थी। यानी इसे फास्ट बॉलिंग फ्रेंडली बनवाया गया था। कहा जाता है कि गांगुली इससे काफी नाराज हुए और खुद को बीमार घोषित कर मैच से हट गए। टीम इंडिया को उस टेस्ट में हार झेलनी पड़ी थी। हालांकि, उस समय जामथा ग्राउंड नहीं बना था और नागपुर में इंटरनेशनल मैच एक अन्य ग्राउंड पर होते थे।

टीम इंडिया क्यों चाहती है पहले दिन से स्पिन
भारत में परंपरागत टेस्ट पिचें पहले दो दिन बल्लेबाजी के लिए काफी बेहतर होती हैं। तीसरे दिन से पिच से स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलने लगती है। चौथे और पांचवें दिन स्पिनर काफी ज्यादा हावी हो जाते हैं। ऐसी पिच बनने पर टॉस काफी अहम हो जाता है। पहले बैटिंग करने वाली टीम अगर 130-140 ओवर खेल लेती है तो फिर वह 500 रन या इससे ऊपर का स्कोर बना लेती है। फिर उसका मैच हारना काफी मुश्किल हो जाता है।

पिच अगर इसी मिजाज की हुई और ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुन ली तो फिर भारत के लिए मैच बचाना काफी मुश्किल हो सकती है। लेकिन अगर पिच से पहले दिन से स्पिनर्स को मदद मिले तो इस स्थिति से बचा जा सकता है।

इंग्लैंड के खिलाफ भी आई थी ऐसी स्थिति
साल 2020 में भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था। चेन्नई में हुए पहले टेस्ट मैच की पिच वैसी ही थी जैसी भारत में आम तौर पर होती है। यानी पहले दो दिन बैटिंग के लिए मददगार और फिर उसके बाद स्पिनर्स का बोलबाला।
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुन ली और पहली पारी में 578 रन बना लिए। जो रूट ने 218 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया 337 रन ही बना सकी। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 178 रन बनाए और भारत की दूसरी पारी को 192 रन पर समेट कर मुकाबला 227 रन से जीत लिया।
इसके बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने सबक सीख लिया और अगले तीन टेस्ट मैचों में ऐसी पिचें बनवाई गईं जहां पहले दिन से स्पिनर्स को मदद मिले। इसका फायदा भी मिला। भारत ने अगले तीनों टेस्ट जीतते हुए सीरीज पर 3-1 से कब्जा कर लिया।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsBit.us is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.

Leave a comment