चंडीगढ़15 घंटे पहले
बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टर गुरदीप सिंह ने 109+ वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज जीता है। वे पंजाब के खन्ना के गांव माजरी रसूलड़ा के रहने वाले हैं। उनकी बहन मनबीर कौर कहती हैं कि यह उनकी कड़ी मेहनत का फल है। गुरदीप दिन में गांव के मैदान में प्रैक्टिस करते थे। वे घर आने के बाद भी वह चुप नहीं रहते थे। जब घर के बाकी लोग सो जाते थे, तब वे नींद छोड़ फिर प्रैक्टिस शुरू कर देते थे। भाई की जीत पर मनबीर कहती हैं कि मुझे रक्षाबंधन का एडवांस गिफ्ट मिल गया है। मैं गुरदीप के घर लौटने का बेसब्री इंतजार कर रही हूं।
गुरदीप के पिता भाग सिंह।
पिता भाग सिंह बोले- बेटे ने बहुत मेहनत की
गुरदीप के पिता भाग सिंह ने कहा कि वह देश की खातिर मेडल लाया है। उसने बहुत तपस्या की है। दिन-रात प्रैक्टिस की। ताकि एक दिन दुनिया में देश का नाम चमका सके। शुरूआत में गांव के ग्राउंड में ही प्रैक्टिस करता रहा। इसके बाद कैंप में चला गया तो सारी प्रैक्टिस वहीं हुई। गुरदीप ने 2010 में वेटलिफ्टिंग शुरू की। पहले गांव के कोच शुभकरनवीर ने गाइड किया। फिर 2015 में रेलवे में नौकरी मिल गई। उनके पास एयरफोर्स से भी नौकरी का ऑफर था। वे रेलवे में सीनियर इंस्पेक्शन ऑफिसर हैं। वे मुंबई में पदस्त हैं।
गुरदीप की बहन मनबीर कौर।
मैच नहीं देख पाए, ऑनलाइन अपडेट्स ली: मनबीर गुरदीप की बहन मनवीर कौर ने बताया कि 109+ वेट कैटेगरी में देश के लिए यह पहला ब्रॉन्ज मेडल है। हमें मैच नहीं दिख रहा था लेकिन हम ऑनलाइन अपडेट्स ही ले रहे थे। वहां लगातार वीडियो कॉल कर भी पता कर रहे थे। अब हमें उनके वापस का इंतजार है। गुरदीप ने कहा था कि मेरी पूरी कोशिश गोल्ड मेडल की रहेगी। लेकिन सिल्वर और ब्रांज में से कोई एक जरूर आएगा। मैं कॉमनवेल्थ गेम्स से खाली हाथ नहीं लौटूंगा।
टफ कंपीटिशन था, प्रदर्शन से खुश : गुरदीप
गुरदीप ने घर वालों को बताया कि कंपीटिशन टफ रहा था। मैं कोच और फैमिली को शुक्रिया कहना चाहता हूं कि उन्होंने मुझ पर पूरी मेहनत की। मैंने काफी तैयारी की थी। प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। जीत का क्रेडिट कोच और फैमिली को दूंगा। फेडरेशन से बहुत सपोर्ट मिला। फेडरेशन भी हमें बहुत सपोर्ट किया।
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