राज बावा ने रचा इतिहास: जानिए भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले स्टार ऑल राउंड की कहानी, पिता बोले- बेटा परफेक्ट ऑलराउंडर बना
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2 मिनट पहले
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अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ राज बावा ने अपनी तेज गेंदबाजी से इंग्लिश बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। राज ने 31 रन देकर 5 विकेट लिए। साथ ही उन्होंने 36 रन की पारी खेली। राज ने 5 विकेट लेने के साथ ही वर्ल्ड कप के 16 साल का रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। उनका यह प्रदर्शन वर्ल्ड कप के फाइनल में अब तक सबसे बेस्ट प्रदर्शन रहा है। 16 साल पहले 2006 में पाकिस्तान के गेंदबाज अनवर अली ने भारत के खिलाफ फाइनल में 35 रन देकर 5 विकेट लिए थे।
राज के पिता सुखविंदर सिंह स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में क्रिकेट कोच हैं। फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ राज के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा बतौर कोच और पिता के रूप में मैं उनके प्रदर्शन से अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं कोच के तौर पर उन्हें ऑलराउंडर बनाना चाहता था। राज ने फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी कर यह साबित कर दिया, कि उनमें भविष्य में टीम इंडिया में ऑलराउंडर के तौर पर जगह बनाने की काबिलियत है।
जब गेंदबाजी एक्सपर्ट हुए तो बल्लेबाजी पर किया फोकस
सुखविंदर ने बताया कि जब राज गेंदबाजी में एक्सपर्ट हो गए, तो मैंने गेंदबाजी की प्रैक्टिस रुकवा कर उनकी बल्लेबाजी पर फोकस करना शुरू कर दिया। मैं चाहता था कि बल्लेबाजी और गेंदबाजी में वह फिफ्टी-फिफ्टी हों। आज मैं कह सकता हूं कि वह दोनों में फिफ्टी- फिफ्टी हैं।
टीम के साथ टूर से लौटने के बाद क्रिकेट में कड़ी रुचि
उन्होंने बताया कि एक बार जब मैं धर्मशाला टीम लेकर एक टूर्नामेंट में गया था, तब राज भी मेरे साथ गए थे। उस समय राज करीब 10 साल के होंगे। वहां पर हमारी टीम चैंपियन बनी थी। राज भी टीम के खिलाड़ियों के साथ रहते थे। टीम मीटिंग में वह शामिल होते थे। वहां से लौटने के बाद राज ने मेरे से कहा कि मैं क्रिकेट का प्रैक्टिस करूंगा। उसके बाद वह भी मेरे साथ ग्राउंड पर जाने लगे। शुरू-शुरू में टेनिस बॉल से प्रैक्टिस शुरू किया। धीरे-धीरे वह अन्य बच्चों के साथ रोजाना प्रैक्टिस करने लगे।
राज के दादा हॉकी में ओलिंपिक में जीत चुके हैं गोल्ड मेडल
उन्होंने बताया कि उनके पिता त्रिलोचक बावा 1948 लंदन ओलंपिक गेम्स में भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे और देश के लिए गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। जब राज 5 साल के थे, तभी उनके दादा का निधन हो गया था।
राज बावा के पिता, दादी, बहन और परिवार के अन्य सदस्य मैच को देखते हुए।
बचपन में डांस का था शौक
उन्होंने बताया कि राज की एक बहन है। राज को बचपन में डांस का शौक था। वह टीवी पर डांस देखकर डांस करता था। लेकिन बाद में वह क्रिकेट का दिवाना हो गया।
राज बावा युवराज सिंह से प्रेरित
सुखविंदर सिंह ने बताया कि राज टीम इंडिया के ऑलराउंडर युवराज सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। युवराज सिंह उनके पास ही ट्रेनिंग करते थे। राज युवराज से प्रेरित हो कर ही लेफ्ट हैंड से बल्लेबाजी करने लगे। जबकि वह राइटहैंड से गेंदबाजी करते हैं।
सटिक गेंदबाजी है हथियार
राज के पिता ने बताया कि राज की गेंदबाजी में मुख्य हथियार सटिक लाइन लेंथ है। शनिवार को फाइनल में उन्होंने सद लाइन लेंथ में गेंदबाजी की। इसलिए उन्हें सफलता मिली है।
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