मोबाइल खर्च बढ़ेगा: टेलीकॉम कंपनियां फिर बढ़ा सकती हैं टैरिफ, कुल सब्सक्राइबर घटे पर एक्टिव यूजर्स घटे
8 घंटे पहले
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बढ़ती महंगाई के बीच दूरसंचार सेवाएं एक बार फिर महंगी हो सकती हैं। दरअसल, कुछ महीने पहले हुई टैरिफ बढ़ोतरी से निजी क्षेत्र की तीनों दूरसंचार कंपनियों के कुल ग्राहकों की तादाद में तो 3.7 करोड़ की कमी आई है, लेकिन उनके सक्रिय ग्राहकों का बेस 3% यानी 2.9 करोड़ बढ़ा है। ऐसे में कंपनियां सर्विस टैरिफ में एक और बढ़ाेतरी की सोच सकती हैं।
क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2021 से लेकर फरवरी 2022 के बीच रिलायंस जियो के कुल सब्सक्राइबर बेस में सबसे तेज गिरावट आई। दूसरी तरफ, मार्च 2022 तिमाही में कंपनी के एक्टिव सब्सक्राइबर 94% हो गए। एक साल पहले कंपनी के एक्टिव सब्सक्राइबर मात्र 78% थे। मार्च तिमाही में भारती एयरटेल के एक्टिव सब्सक्राइबर भी 1.1 करोड़ बढ़कर 99% हो गए। हालांकि इस दौरान वोडाफोन
आइडिया के एक्टिव सब्सक्राइबर 3 करोड़ घटे हैं।
कंपनियों की आय 20-25% बढ़ने का अनुमान 2020-21 में टेलीकॉम कंपनियों की प्रति यूजर औसत आय (एआरपीयू) 11% बढ़कर 149 रुपए हो गई थी। वजह यह थी कि दिसंबर 2019 में इन कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाया था। लेकिन 2021-22 में इनकी एआरपीयू ग्रोथ घटकर 5% रह गई।
2022-23 में इन कंपनियों की एआरपीयू ग्रोथ 15-20% होनी चाहिए। बीते वित्त वर्ष टैरिफ में बढ़ोतरी का पूरे साल फायदा और चालू वित्त वर्ष में संभावित ट्रैरिफ बढ़ोतरी इसकी वजह होगी। इसके चलते देश की टॉप तीन टेलीकॉम कंपनियों की आय में 20-25% बढ़ोतरी का अनुमान है।
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